आरयू ब्यूरो, लखनऊ। पेपर लीक होने व पुलिस कांस्टेबल भर्ती परीक्षा रद्द होने के कुछ दिन बाद उत्तर प्रदेश पुलिस भर्ती बोर्ड की अध्यक्ष रेणुका मिश्रा को मंगलवार को यूपी सरकार ने हटा दिया है। सीनियर आइपीएस अफसर राजीव कृष्णा को भर्ती बोर्ड अध्यक्ष का अतिरिक्त प्रभार दिया गया है।
पुलिस भर्ती बोर्ड की अध्यक्ष रेणुका मिश्रा को हटाकर सरकार ने प्रतीक्षारत कर दिया है। 1981 बैच के आइपीएस अधिकारी राजीव कृष्ण को अब भर्ती बोर्ड की अतिरिक्त जिम्मेदारी मिल गई है। उत्तर प्रदेश में 60,000 से अधिक कांस्टेबल भर्ती पदों के लिए 48 लाख से अधिक उम्मीदवारों ने भाग लिया था। पेपर लीक होने के बाद योगी सरकार की काफी किरकिरी हुई थी बाद में सरकार को परीक्षा भी रद्द करनी पड़ी थीं।
यह भी पढ़ें- प्रियंका ने पेपर लीक की CBI जांच व परीक्षा फॉर्म फ्री किए जाने सहित अभ्यर्थियों के लिए भाजपा सरकार के सामने रखीं कई मांगें
उल्लेखनीय है कि उत्तर प्रदेश में कांस्टेबल भर्ती परीक्षा में 17 और 18 फरवरी को 48 लाख से ज्यादा अभ्यर्थियों ने हिस्सा लिया था। 24 फरवरी को उत्तर प्रदेश पुलिस पुलिस भर्ती एवं प्रोन्नति बोर्ड ने उत्तर प्रदेश पुलिस में आरक्षित नागरिक पुलिस के पदों पर सीधी भर्ती-2023 की लिखित परीक्षा रद्द कर दी थी।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार ने 17 और 18 फरवरी को राज्य भर में आयोजित पुलिस कांस्टेबल भर्ती परीक्षा को कथित तौर पर पेपर लीक होने के बाद रद्द करने का फैसला किया है। सीएम ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा कि राज्य सरकार ने छह महीने के भीतर दोबारा परीक्षा आयोजित करने का आदेश दिया है।
यह भी पढ़ें- पेपर लीक के बाद अब RO-ARO की परीक्षा भी कैंसिल, योगी सरकार ने आखिरकार मानी अभ्यर्थियों की मांग
उन्होंने आगे कहा कि कथित पेपर लीक में जो भी दोषी पाया जाएगा उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। यूपी सीएम ने कहा, “परीक्षाओं की शुचिता के साथ कोई समझौता नहीं किया जा सकता। युवाओं की मेहनत से खिलवाड़ करने वालों को किसी भी हालत में बख्शा नहीं जाएगा। ऐसे उपद्रवी तत्वों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई तय है।’ योगी सरकार ने भी समीक्षा अधिकारी/सहायक समीक्षा अधिकारी (आरओ/एआरओ) की परीक्षा में कथित अनियमितताओं और धांधली की जांच कागजी तौर पर नहीं बल्कि शासन स्तर पर कराने का आदेश जारी किया था।