आरयू वेब टीम।
विभिन्न परिक्षाओं से लेकर नियुक्ति में देरी और गड़बडि़यों को देखते हुए आज 2015 बैच के बीटीसी अभ्यर्थियों ने बीटीसी संयुक्त प्रशिक्षु मोर्चा के पदाधिकारियों के साथ इलाहाबाद में सचिव परीक्षा नियामक प्राधिकारी सुत्ता सिंह से मुलाकात कर परीक्षा के साथ ही परिणाम भी सही समय पर घोषित कराने का अनुरोध किया।
अभ्यर्थियों का कहना था कि हम सभी प्रशिक्षुओं का प्रशिक्षण सितंबर 2018 तक पूरा हो जाना चाहिए जिससे कि उनका साल नहीं खराब हो। साथ ही उन्होंने सुत्ता सिंह को एक ज्ञापन सौंपते हुए कहा कि अगर ऐसा नहीं हुआ तो हम लोग प्रदर्शन और घेराव करने के लिए मजबूर होंगे।
प्रशिक्षु मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष सर्वेश प्रताप सिंह ने बताया कि बीटीसी 2015 बैच के प्रशिक्षुओं का प्रशिक्षण सितंबर 2016 में शुरू हुआ था। वर्तमान में दूसरे सेमेस्टर की कापियों का मूल्यांकन कार्य चल रहा है। इसी को देखते हुए उन लोगों ने आज सुत्ता सिंह को ज्ञापन सौंप कहा है कि सीबीएसई द्वारा करायी जाने वाली केंद्रीय पात्रता परीक्षा-2018 (सीटीईटी) का आयोजन जल्द ही होना है।
यह भी पढ़ें- मौलिक नियुक्ति की आस लगाएं प्रशिक्षु शिक्षकों ने अब राजधानी में शुरू किया प्रदर्शन
हम सभी प्रशिक्षु सीटीईटी परीक्षा में तभी प्रतिभा कर पाएंगे जब परीक्षा कि विज्ञप्ति आने से पहले हमारा द्वितीय सेमेस्टर का परिणाम आ गया हो। इसलिए अब मूल्यांकन कि प्रक्रिया में तेजी लाते हुए बीटीसी 2015 बैच के प्रशिक्षुओं का दूसरे सेमेस्टर का परिणाम फरवरी 2018 तक हर हाल में घोषित किया जाए।
वहीं मोर्चा के प्रदेश महासचिव अभिषेक सिंह ने कहा कि उन लोगों ने यह भी मांग की है कि तीसरे सेमेस्टर की परीक्षाओं का आयोजन मार्च के अंतिम सप्ताह तक करा लिया जाए। जिससे कि हमारा सत्र ससमय और सुचारु रुप से चलता रहे और हम सभी प्रशिक्षुओं का प्रशिक्षण सितंबर 2018 तक पूरा हो सके।
प्रदेश अध्यक्ष ने बताया कि उन लोगों की मांगों पर विचार करते हुए सुत्ता सिंह ने कहा की कापियों का मूल्यांकन जारी है। 90 परीक्षकों के जरिए प्रतिदिन सुबह दस बजे से शाम पांच बजे तक मूल्यांकन कार्य तेजी से चल रहा है। दूसरे सेमेस्टर का परिणाम मार्च में घोषित करने का पूरा प्रयास किया जाएगा। साथ ही उन्होंने तीसरे सेमेस्टर की परीक्षा को भी समय से पूरा कराने आश्वासन दिया है। इस अवसर पर प्रदेश महासचिव अभिषेक सिंह सहित प्रदेश कार्यकारिणी के अन्य सदस्य भी मौजूद रहें।