आरयू ब्यूरो
मुंबई। लोकपाल के मसले पर आन्दोलन कर देश भर में छा जाने वाले अन्ना हजारे ने एक बार फिर इस पर आवाज उठाने का मन बनाया है। उन्होंने भाजपा नीत सरकार को लोकपाल की नियुक्ति करने के मुद्दे पर गंभीर न होने का आरोप लगाते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक पत्र लिखा और इस संबंध में उन्हें आंदोलन करने के लिए चेताया है।
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अन्ना हजारे ने पत्र में लिखा है कि ‘‘आपकी सरकार के सत्ता में आने के बाद विश्वास होने लगा था कि लोकपाल की मांग पूरी हो जाएगी हालांकि ऐसा नहीं हुआ।’’ मोदी को लिखे पत्र में उन्होंने यह भी कहा कि, ‘‘आपके ऐसे रवैये के चलते मैं एक और आंदोलन करने पर विचार कर रहा हूं।’’
उन्होंने वर्ष 2011 में दिल्ली के रामलीला मैदान में मेरे अनशन की याद दिलाते हुए कहा था कि उनके आंदोलन को देशव्यापी प्रतिक्रिया मिली थी और लोकपाल विधेयक संसद में पारित हुआ था। साथ ही मोदी पर यह भी आरोप लगाया कि आपने जनता से किया वादा त्याग दिया।
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हजारे ने लिखा है मैं तीन साल चुप रहा लेकिन भ्रष्टाचार के खिलाफ आंदोलन फिर से शुरू करने का समय आ गया है। लोकपाल कानून को लागू न करना जन भावनाओं का गहरा अपमान करना है। आज भी देश भर से भ्रष्टाचार की शिकायतें मिलती रहती हैं।