आरयू ब्यूरो, लखनऊ। सीओ समेत आठ पुलिसकर्मियों की हत्या के बाद हत्याकांड के ढाई लाख के ईनामी विकास दुबे के सामने आए वीडियो व शहीद हो चुके सीओ के एक पुराने पत्र ने योगी सरकार को कटघरे में खड़ा कर दिया है।यूपी को हिलाकर रख देने वाले कानपुर कांड के बाद सोमवार को सामने वीडियो व पत्र को लेकर कांग्रेस ने योगी सरकार पर हमला बोला है।
कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने कहा कि भाजपा की शह और संरक्षण में गुंडे माफियाओं के फलने-फूलने के तमाम साक्ष्य सामने आने लगे हैं। इन आरोपों की उच्च स्तरीय जांच की जानी चाहिए। जांच में सामने आएगा कि किस तरह से भाजपा नेता और विधायक माफियाओं से सांठ-गांठ कर आमजन की सुरक्षा को खतरे में डाल रहे हैं और पुलिसकर्मियों की हत्या हो रही।
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अपने एक बयान में प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि विकास दुबे को कुछ समय पहले एसटीएफ ने राजधानी में गिरफ्तार किया था और उस समय के उसके बयानों से साफ हो गया है कि भाजपा के दो विधायकों से उसके गहरे संबंध रहे हैं। ये सब सार्वजनिक हो चुका है कि किस तरह से भाजपा नेताओं और विधायकों की शह पर विकास दुबे ने आतंक का साम्राज्य स्थापित कर रखा था। कांग्रेस नेता ने दावा करते हुए कहा कि इससे कांग्रेस का यह आरोप सही साबित होता है कि गुंडे माफियाओं की असली संरक्षक भाजपा ही है।
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अजय कुमार ने आगे कहा कि उनकी पार्टी का पहले दिन से मानना है कि भाजपा की मदद के बगैर विकास दुबे जैसे अपराधी खुलेआम नहीं घूम सकते हैं। उन्होंने कहा कि आठ पुलिसकर्मियों की हत्या योगी सरकार के ताबूत में आखिरी कील साबित होगी।
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लल्लू ने कहा कि प्रदेश की जनता को यह जानना चाहिए कि कैसे सत्ताधारी दल के नेताओं व विधायकों की मदद से विकास दुबे जैसे हिस्ट्रीशीटर अपनी आपराधिक गतिविधियां संचालित करता रहा। उन्होंने कहा कि समूचा प्रदेश भाजपा के जंगलराज की गिरफ्त में है, जहां उसके गुंडों को खुलेआम पुलिसकर्मियों की हत्या की छूट मिली हुई है। इस दौरान कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि उनकी पार्टी हर हाल में लोगों की सुरक्षा के लिए संघर्ष करेगी।
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बताते चलें कि सोमवार को विकास दुबे का एक पुराना वीडियो वायरल हुआ है, जिसमें वह एसटीएफ द्वारा पकड़े जाने पर भाजपा नेताओं से अपने संबंध होने की बात स्वीकार कर रहा है। वहीं इसके अलावा कानपुर मुठभेड़ कांड में शहीद होने वाले सीओ का तत्कालीन एसएसपी के नाम लिखा एक पत्र भी आज सामने आया है।
मार्च 2017 में लिखे गए इस पत्र में सीओ ने तत्कालीन एसएसपी को थानेदार व विकास दुबे के गठजोड़ की बात की जानकारी देने साथ ही गंभीर आरोप लगाते हुए थानेदार पर कार्रवाई की मांग की थी, जिससे कि भविष्य में कोई गंभीर घटना न हो, लेकिन इसके बाद भी थानेदार अपने पद पर बना रहा है और मुठभेड़ कांड में आठ पुलिस वाले शहीद हो गए। वहीं सीओ का पत्र एसएसपी कार्यालय से अब गायब होने की बात सामने आ रही।