आरयू ब्यूरो, लखनऊ। उत्तर प्रदेश में होने वाले विधानसभा उप चुनाव की भले ही तारिख अभी घोषित नहीं हुई हो, लेकिन चुनाव को लेकर कांग्रेस अपनी तैयारी में जुटी हुई है। इसी क्रम कांग्रेस ने रविवार को प्रदेश में आठ सीट पर होने वाले विधानसभा उप चुनाव के लिए अपने दो प्रत्याशियों का नाम फाइनल कर दिया है।
कांग्रेस ने उन्नाव के बांगरमऊ सीट से आरती वाजपेयी और रामपुर के स्वार से हैदर अली खान को अपना प्रत्याशी बनाया है। उन्नाव की बांगरमऊ सीट भाजपा के कुलदीप सिंह सेंगर की और रामपुर की स्वार टांडा सीट आजम खां के बेटे अब्दुल्ला आजम खां की सदस्यता समाप्त होने के कारण खाली हुई है।
स्वार विधानसभा सीट से उपचुनाव के लिए कांग्रेस ने नवाब खानदान के हैदर अली खान उर्फ हमजा मियां को प्रत्याशी घोषित किया है। हमजा मियां पहली बार चुनाव लड़ेंगे। उनके पिता नवाब काजिम अली खां उर्फ नवेद मियां लगातार पांच बार विधायक चुने गए। चार बार स्वार सीट से ही जीते थे। उनके दादा नवाब जुल्फिकार अली खां उर्फ मिक्की मियां पांच बार रामपुर से सांसद चुने गए थे, जबकि उनकी दादी बेगम नूरबानो भी दो बार रामपुर से सांसद रही थीं। रविवार को नूरमहल पहुंचे कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव एवं उत्तर प्रदेश के सह प्रभारी धीरज गुर्जर ने उनके प्रत्याशी बनाने की घोषणा की।
वहीं उन्नाव के बांगरमऊ उप चुनाव में कांग्रेस ने 162 बांगरमऊ विधानसभा क्षेत्र से विधायक रहे पूर्व गृहमंत्री स्वर्गीय गोपीनाथ दीक्षित की पुत्री आरती वाजपेयी को चुनाव मैदान में उतारने की घोषणा की है। उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी महिला शाखा की प्रदेश उपाध्यक्ष व प्रदेश कांग्रेस कमेटी कार्यसमिति की सदस्य आरती वाजपेयी को बांगरमऊ विधानसभा उपचुनाव में पार्टी का प्रत्याशी बनाया है।
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आरती पूर्व गृहमंत्री वरिष्ठ कांग्रेस नेता स्वर्गीय गोपीनाथ दीक्षित की पुत्री तथा दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री स्वर्गीय शीला दीक्षित के पति की भतीजी हैं। उनके पति जलसंस्थान के महाप्रबंधक पद से रिटायर्ड हो चुके हैं। अपने पिता की राजनीतिक विरासत को सहेजने के लिए आरती कई वर्षों से बांगरमऊ क्षेत्र में सक्रिय राजनीति कर रहीं हैं।
इसके पूर्व 2007 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने उन्हें प्रत्याशी बनाया था। उसके बाद 2012 के चुनाव में उनका टिकट काट दिया गया था और पूर्व मंत्री अशोक सिंह बेबी को कांग्रेस ने टिकट था। आरती ने पार्टी से बगावत कर निर्दलीय चुनाव लड़ा था। दोनों ही बार उन्हें पराजय का मुंह देखना पड़ा था।
कांग्रेस ने दूसरी बार आरती पर दांव लगाया है जबकि, आरती वाजपेयी तीसरी बार बांगरमऊ विधानसभा से चुनाव मैदान में उतर रहीं हैं। विधानसभा उप चुनाव की आठ खाली सीट में से छह सीट पर भाजपा का कब्जा है, जबकि दो पर समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी जीते थे।