बोले शिवपाल, नए कृषि कानून के जरिए भारत के किसानों पर पाश्‍चात्‍य मॉडल थोपने की कोशिश कर रही केंद्र सरकार

शिवपाल का दावा

आरयू ब्‍यूरो, लखनऊ। प्रगतिशील समाजवादी पार्टी-लोहिया (प्रसपा) प्रमुख शिवपाल सिंह यादव ने गुरुवार को एक बार फिर केंद्र सरकार पर हमला बोला है। साथ ही शिवपाल ने नये कृषि कानूनों के जरिए भारत के किसानों पर खेती के पाश्‍चात्‍य मॉडल को थोपने की कोशिश करने का आरोप लगाया।

शिवपाल ने अपने बयान में कहा केंद्र सरकार नये कानूनों के जरिये किसानों पर कृषि का पश्चिमी मॉडल थोपना चाहती है, लेकिन सरकार यह बात भूल जाती है कि हमारे किसानों की तुलना विदेशी किसानों से नहीं हो सकती। क्योंकि हमारे यहां भूमि-जनसंख्या अनुपात पश्चिमी देशों से अलग है और हमारे यहां खेती-किसानी जीवनयापन करने का साधन है, वहीं पश्चिमी देशों में यह व्यवसाय है।

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प्रसपा प्रमुख ने कहा कि किसान अपने जिले में अपनी फसल नहीं बेच पाता है, वह राज्य या दूसरे जिले में कैसे बेच पायेगा। दूर मंडियों में फसल ले जाने में खर्च भी आएगा। शिवपाल ने आरोप लगाते हुए कहा कि कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली जाने वाले पंजाब और हरियाणा के किसानों को शांतिपूर्ण प्रदर्शन करने से रोका जा रहा है। कड़ाके की सर्दी के बावजूद उन पर आंसू गैस, लाठीचार्ज के अलावा पानी की बौछारें की जा रही हैं। उन्होंने कहा कि अन्नदाताओं पर ऐसा ‘अमानवीय अत्याचार’ करने वालों को सत्ता में बने रहने का अधिकार नहीं है। जन आकांक्षा के दमन और लाठीचार्ज के लिए लोकतंत्र में कोई जगह नहीं है। इस दौरान शिवपाल यादव ने मांग करते हुए कहा कि केंद्र सरकार किसानों और विपक्ष की आम सहमति के बिना बनाए गए इन कानूनों पर पुनर्विचार करे।

एक सीट देना मजाक…

इस दौरान शिवपाल ने गठबंधन को लेकर कहा कि 2022 के यूपी विधानसभा चुनाव के लिए प्रसपा का समाजवादी पार्टी में विलय नहीं होगा, बल्कि छोटी-छोटी पार्टियों के साथ गठबंधन कर चुनाव लड़ेंगे। उन्होंने कहा कि अखिलेश यादव द्वारा मुझे एक सीट या फिर कैबिनेट मंत्री पद देना एक मजाक है।

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गांव-गांव में पदयात्रा

उन्‍होंने आगे कहा कि हम आगामी 21 दिसंबर को मेरठ में रैली कर यूपी विधानसभा चुनाव का बिगुल फूंकेंगे। इसके बाद गांव-गांव में पदयात्रा करेंगे। शिवपाल ने बताया कि 21 दिसंबर को मेरठ के सिवाल खास विधानसभा क्षेत्र में रैली करेंगे। इसके बाद 23 दिसंबर को इटावा के हैवरा ब्लॉक में चौधरी चरण सिंह के जन्मदिवस पर एक कार्यक्रम का आयोजन होगा। इसके बाद 24 दिसंबर से गांव-गांव पदयात्रा की जाएगी जो कि अगले छह महीने तक चलेगी। उन्होंने बताया कि इसके लिए प्रचार रथ तैयार किया जा रहा है।

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