आरयू ब्यूरो,
नई दिल्ली। भारत के सबसे बड़े कर सुधार कहे जा रहे माल एवं सेवा कर (जीएसटी) की शुरूआत 30 जून की आधी रात से की जाएगी। इस बारे में वित्त मंत्री अरुण जेटली ने जानकारी देते हुए कहा कि जीएसटी की शुरुआत संसद के ऐतिहासिक केंद्रीय कक्ष में समारोह पूर्वक की जाएगी। इस नई व्यवस्था अप्रत्यक्ष कर प्रणाली के शुभारंभ का कार्यक्रम करीब घंटेभर चलेगा। इससे पूरा देश एक एकीकृत बाजार के रूप में उभरेगा।
यह भी पढ़े- चौकाने वाली नहीं होगी GST की दरें: अरुण जेटली
जेटली ने बताया कि जीएसटी से मध्यम और दीर्घावधि में केंद्र और राज्यों का राजस्व बढ़ेगा। साथ ही घोषित अर्थव्यवस्था का आधार भी विस्तृत होगा। जेटली ने जोर देकर कहा कि जीएसटी ज्यादा प्रभावी व्यवस्था है और इसका असर बेहतर कर अनुपालन के रूप में देखने को मिलेगा। जहां इसके फायदें है तो वहीं लघु अवधि में जीएसटी की नई व्यवस्था को अपनाने में ‘कुछ चुनौतियों का सामना’ करना होगा।
साथ ही एक अन्य सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि ‘हम पहले से कहते आ रहे हैं कि जीएसटी पहली जुलाई से लागू होगा। ऐसे में किसी के पास तैयार नहीं होने का बहाना नहीं हो सकता। इसके अलावा हमने शुरुआती समय में रिटर्न दाखिल करने के लिए अतिरिक्त समय दिया है जो बदलाव के लिए दिया गया पर्याप्त समय है। जीएसटी कानून में मुनाफाखोरी-रोधी प्रावधान के बारे में जेटली ने कहा कि इसे केवल डराने के लिए रखा गया है। इससे तब तक इस्तेमाल करने का कोई इरादा नहीं है जब तक कि यह अपरिहार्य ना हो।
यह भी पढ़े- देसी घी पर GST लगने से नाराज हुए रामदेव ने कहा बढ़ जाएगी गोकशी
जीएसटी की शुरुआत में होने वाले कार्यक्रम के विषय में बताते हुए जेटली ने बताया कि इस क्रांतिकारी कर सुधार की दिशा में विभिन्न राजनीतिक दलों और राज्यों के योगदान की झांकी मिलेगी। संसद के केंद्रीय कक्ष में पहले इस तरह आधी रात को एक कार्यक्रम आजादी की 50वीं वर्षगांठ के मौके पर हुआ था।
कार्यक्रम में राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी, उप राष्ट्रपति हामिद अंसारी, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और एच.डी. देवगौड़ा एवं लोकसभाध्यक्ष सुमित्रा महाजन मंच पर मौजूद रहेंगी। इनके अलावा लोकसभा और राज्यसभा के सभी सदस्य, राज्यों के मुख्यमंत्रियों और वित्त मंत्रियों को भी इस कार्यक्रम के लिए आमंत्रित किया गया है।