योगी सरकार ने पेश किया 3.84 लाख करोड़ का पहला बजट, जाने बजट की खास बातें

पहला बजट

आरयू ब्‍यूरो, 

लखनऊ। उत्‍तर प्रदेश की योगी सरकार ने आज अपने कार्यकाल का पहला आम बजट पेश किया। वित्‍त मंत्री राजेश अग्रवाल की ओर से पेश किए गए 3 लाख 84 हजार 659 करोड़ 71 लाख रुपए के इस भारी भरकम बजट में प्रदेश सरकार ने हर वर्ग को खुश करने की कोशिश की है। बजट में 55781 करोड़ की नई योजनाएं शामिल की गई हैं।

वित्‍त मंत्री ने बजट पेश करते हुए मीडिया से कहा कि उत्‍तर प्रदेश को गरीबी से मुक्‍त करना हमारी प्राथमिकता है। जबकि दस प्रतिशत विकास दर प्राप्‍त करना हमारा लक्ष्‍य है। बजट में किसानों के साथ ही गांववालों का भी खास ध्‍यान रखा गया है। भाजपा के संकल्‍प पत्र को भी ध्‍यान में रखते हुए बजट तैयार किया गया था। वहीं उन्‍होंने पिछली सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि आर्थिक विपन्‍नता विरासत में मिली है।

इसके बाद मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ ने खुद प्रेसवार्ता कर मीडिया को बताया कि फिजूलखर्ची के अलावा भ्रष्‍टाचार पर रोक लगाई गई है। बजट का आकार के साथ ही जी‍डीपी भी बढ़ी है। पहली बार बिना किसी के सामने हाथ फैलाए और अतिरिक्‍त टैक्‍स लगाए यह बजट पेश किया गया है।

सीएम ने कहा कि शिक्षा विभाग पर सबसे ज्यादा ध्‍यान देने के साथ ही 66599 करोड़ शिक्षा व‌िभाग, 15670 करोड़ सड़कों के ल‌िए, सिंचाई विभाग के लिए 60123 करोड़, राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार के लिए 2900 करोड़ और स्वच्छ भारत मिशन के लिए 600 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गई है।

जाने योगी सरकार के पहले बजट की खास बातें-

​​​वर्ष 2016-17 के बजट के मुकाबले यह 10.9 प्रतिशत अधिक है।

किसानों और गांवों के लिए

लघु एवं सीमान्त किसानों के फसली कर्ज अदायगी के लिए 36,000 करोड़ रुपये की व्यवस्था।

ग्रामीण क्षेत्रों में बीहड़, बंजर एवं जल भराव वाले क्षेत्रों को सुधारने तथा कृषि मजदूरों को आवंटित भूमि का उपचार एवं आजीविका उपलब्ध कराने के लिए ‘पं0 दीनदयाल उपाध्याय किसान समृद्धि योजना’ के लिए 10 करोड़ रुपये की व्यवस्था।

फसलों की उपज बढ़ाने हेतु वर्मी कम्पोस्ट की उपलब्धता बढ़ाये जाने की योजना के लिए 19 करोड़ 56 लाख रुपये की व्यवस्था।

गन्ना किसानों की उपज को बाजार तक सुगमता से पहुंचाने के लिए सम्पर्क मार्गों के निर्माण हेतु 200 करोड़ रुपये तथा अनुरक्षण के लिए 250 करोड़ रुपये की व्यवस्था।

कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय, कानपुर, फैजाबाद, मेरठ, बांदा एवं इलाहाबाद में फसलों पर अनुसंधान हेतु सेन्टर ऑफ एक्सीलेंस की स्थापना हेतु 10 करोड़ रुपये की व्यवस्था।

निर्माणाधीन सहकारी चीनी मिल सठियाँव को इस वर्ष पूर्ण किये जाने हेतु 33 करोड़ 33 लाख रुपये की व्यवस्था।

छात्र-छात्राओं के लिए

बेसिक शिक्षा परिषद द्वारा संचालित प्राथमिक एवं उच्च प्राथमिक विद्यालयों के छात्र-छात्राओं के निःशुल्क स्कूल बैग आवंटन हेतु 100 करोड़ रुपये की व्यवस्था।

बेसिक शिक्षा परिषद के प्राथमिक एवं उच्च प्राथमिक विद्यालयों के छात्र-छात्राओं को एक जोड़ी जूता, दो जोड़ी मोजा तथा एक स्वेटर उपलब्ध कराये जाने हेतु, 300 करोड़ रुपये की व्यवस्था।

बेसिक शिक्षा परिषद के प्राथमिक एवं उच्च प्राथमिक विद्यालयों के छात्र-छात्राओं को निःशुल्क यूनीफॉर्म एवं किताबें उपलब्ध कराये जाने हेतु, 123 करोड़ 96 लाख रुपये की व्यवस्था।

सभी लड़कियों को ‘अहिल्याबाई निःशुल्क शिक्षा योजना’ के तहत ग्रेजुएट स्तर तक निःशुल्क शिक्षा हेतु 21 करोड़ 12 लाख रुपये की व्यवस्था।

दुर्बल वर्ग के लिए

‘मुख्यमंत्री किसान एवं सर्वहित बीमा योजना’ के अन्तर्गत 692 करोड़ रुपये की व्यवस्था।

‘आम आदमी बीमा योजना’ हेतु 85 करोड़ रुपये की व्यवस्था।

एससी एसटी, ओबीसी तथा अल्पसंख्यक समुदाय के निर्धन अभिभावकों की पुत्रियों के सामूहिक विवाह के लिए 250 करोड़ रुपये की व्यवस्था।

कानून-व्यवस्था

पुलिस कर्मियों के अवास के लिए प्रथम चरण में 800 आरक्षियों, मुख्य आरक्षियों, उपनिरीक्षकों एवं निरीक्षकों के लिए श्रेणी-ए एवं बी के 800 यूनिट्स के निर्माण का लक्ष्य।

इस वर्ष लगभग 33 हजार 200 पुलिसकर्मियों, जिनमें 30 हजार पुलिस कांस्टेबल और 3 हजार 200 सब इंस्पेक्टर की भर्ती की जायेगी। आगामी पांच वर्षों के अन्दर 1,50,000 पुलिसकर्मियों की भर्ती प्रक्रिया पूरी की जाएगी।

अवस्थापना विकास

प्रदेश में मैट्रो रेल परियोजनाओं के लिए 288 करोड़ रुपये की बजट व्यवस्था।

मार्गों के चैड़ीकरण तथा सुदृढ़ीकरण के लिए 598 करोड़ 65 लाख रुपये की व्यवस्था।

गांवों को पक्के सम्पर्क मार्गों से जोड़ने तथा लघु सेतुओं के लिए 451 करोड़ 58 लाख रुपये की व्यवस्था।

जिला मुख्यालयों को 4 लेन मार्गों से जोड़ने हेतु 71 करोड़ 21 लाख रुपये की व्यवस्था।

सड़कों के अनुरक्षण एवं गड्ढामुक्त किये जाने हेतु 3 हजार 972 करोड़ रुपये की व्यवस्था।

पूर्वांचल की विशेष योजना हेतु 300 करोड़ रुपये तथा बुन्देलखण्ड की विशेष योजनाओं हेतु 200 करोड़ रुपये की नई योजनाएं प्रस्तावित हैं।

‘पं0 दीनदयाल उपाध्याय नगर विकास योजना’ हेतु 300 करोड़ रुपये की व्यवस्था।

‘मुख्यमंत्री नगरीय अल्प विकसित व मलिन बस्ती विकास योजना’ हेतु 385 करोड़ रुपये की व्यवस्था।

‘प्रधानमंत्री आवास योजना’ के तहत सबके लिए आवास (शहरी मिशन) हेतु 3000 करोड़ रुपये के कार्य प्रस्तावित हैं।

‘पं0 दीनदयाल उपाध्याय सोलर स्ट्रीट लाइट योजना’ हेतु 30 करोड़ रुपये की बजट व्यवस्था।

चिन्हित स्थलों पर हवाई पट्टियों के निर्माण एवं सुदृढ़ीकरण तथा भूमि अर्जन हेतु 400 करोड़ रुपये की व्यवस्था।

‘कान्हा गौशाला एवं बेसहारा पशु आश्रय योजना’ के अन्तर्गत कांजी हाउस/पशु शेल्टर होम्स की स्थापना हेतु 40 करोड़ रुपये की व्यवस्था।

‘केन्द्रीय मार्ग निधि योजना’ के अन्तर्गत मार्गों के निर्माण, चैड़ीकरण तथा सुदृढ़ीकरण हेतु 8 हजार करोड़ रुपये की व्यवस्था।

नेपाल की सीमा से जुड़े प्रदेश के 07 जनपदों में निर्मित किए जाने वाले मार्गों हेतु 251 करोड़ 67 लाख रुपये की व्यवस्था।

उद्योग एवं रोजगार के लिए

औद्योगिक निवेश एवं रोजगार प्रोत्साहन नीति, 2017’ के क्रियान्वयन हेतु 20 करोड़ रुपये की व्यवस्था।

सिंगल विण्डो क्लियरेंस की स्थापना हेतु 10 करोड़ रुपये की व्यवस्था।

लखनऊ में इन्क्यूबेटर्स की स्थापना हेतु 5 करोड़ रुपये की व्यवस्था।

विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना के लिए 10 करोड़ रुपये की व्यवस्था।

हमारी सांस्कृतिक विरासत

‘स्वदेश दर्शन योजना’ के तहत अयोध्या, वाराणसी एवं मथुरा में रामायण सर्किट, बौद्ध सर्किट एवं कृष्ण सर्किट की योजनाओं के लिए 1240 करोड़ रुपये की व्यवस्था।

‘प्रासाद योजना’ के तहत अयोध्या, वाराणसी एवं मथुरा शहरों में अवस्थापना सुविधाओं के विकास हेतु 800 करोड़ रुपये की व्यवस्था।

वाराणसी में सांस्कृतिक केन्द्र की स्थापना हेतु 200 करोड़ रुपये की व्यवस्था।

प्रदेश में पर्यटन को बढ़ावा देने हेतु हेलीकॉप्‍टर सेवा के संचालन के लिए 25 करोड़ रुपये।

गोरखपुर स्थित रामगढ़ ताल में वॉटर स्पोर्ट्स के विकास हेतु 25 करोड़ रुपये। विन्ध्याचल के पर्यटन विकास हेतु 10 करोड़ रुपये। गाजियाबाद में कैलाश मानसरोवर भवन के निर्माण हेतु 20 करोड़ रुपये की व्यवस्था।

इलाहाबाद के अर्द्धकुम्भ मेला की तैयारी हेतु 500 करोड़ रुपये की व्यवस्था।

कृषि

प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना हेतु 450 करोड़ रुपये की व्यवस्था।

88 लाख 82 हजार मीट्रिक टन उर्वरक वितरण का लक्ष्य।

राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के तहत में 968 करोड़ 57 लाख रुपये का बजट प्राविधान।

ग्राम्य विकास

आवास विहीन एवं कच्चे आवासों में निवास करने वाले परिवारों को आवासीय सुविधा उपलब्ध कराने हेतु ‘प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) हेतु 4 हजार 500 करोड़ रुपये की व्यवस्था।

बुन्देलखण्ड, पूर्वांचल एवं विन्ध्य क्षेत्र में सतही जल आधारित ग्रामीण पेयजल योजना हेतु 2 हजार 800 करोड़ रुपये की व्यवस्था।

राष्ट्रीय ग्रामीण पेयजल कार्यक्रम हेतु 1000 करोड़ रुपये की व्यवस्था।

पशुपालन, दुग्ध विकास एवं मत्स्य

पीसीडीएफ के अन्तर्गत प्रदेश में 10 डेयरी प्लाण्टों की स्थापना तथा चार डेयरी प्लाण्टों के सुदृढ़ीकरण एवं अन्य महत्वपूर्ण परियोजनाओं हेतु 134 करोड़ 10 लाख रुपये की व्यवस्था।

कानपुर में निर्माणाधीन नवीन ग्रीन फील्ड मिल्क पाउडर प्लाण्ट को पूरा करने के लिए 35 करोड़ 70 लाख रुपये की व्यवस्था।

दुग्ध संघों को सुदृढ़ तथा पुनर्जीवित किए जाने के लिए 57 करोड़ 25 लाख रुपये की व्यवस्था।

गौशालाओं में अवस्थापना सुविधाओं के विकास के लिए गौ सेवा आयोग को अनुदान हेतु 15 करोड़ 16 लाख रुपये की व्यवस्था।

सक्रिय मत्स्य पालकों के आवास विहीन 666 परिवारों को एक लाख 20 हजार रुपये प्रति आवास की दर से निःशुल्क आवास की सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी।

आवास एवं नगर विकास

’’आगरा पेय जलापूर्ति परियोजना’’ के अन्तर्गत 130 किलोमीटर लम्बी पाइप लाइन द्वारा 150 क्यूसेक कच्चा जल लाये जाने हेतु 200 करोड़ रुपये की व्यवस्था।

प्रदेश के 61 शहरों में ’’अटल मिशन फॉर रीज्यूवनेशेन एण्ड अर्बन ट्रांसफॉर्मेशन (अमृत)’’ योजना हेतु 2000 करोड़ रुपये की व्यवस्था।

’’स्मार्ट सिटी मिशन’’ कार्यक्रम हेतु 1 हजार 500 करोड़ रुपये की व्यवस्था। स्मार्ट सिटी मिशन के अन्तर्गत प्रदेश के 13 नगरों में आर्थिक विकास और बुनियादी ढांचा, ई-गवर्नेन्स एण्ड सिटीजन सविर्सेज, वेस्ट

स्वच्छ भारत मिशन (शहरी) योजना हेतु 1000 करोड़ रुपये की व्यवस्था।

राष्ट्रीय गंगा नदी बेसिन प्राधिकरण ’’नमामि गंगे’’ के अन्तर्गत 240 करोड़ रुपये की व्यवस्था।

गंगा, यमुना तथा गोमती के तटों पर स्थित नगरों में नदी प्रदूषण मुक्ति हेतु 15 करोड़ रुपये की व्यवस्था।

प्रदेश की झीलों तथा तालों के संरक्षण हेतु ’’झील संरक्षण योजना’’ हेतु 70 करोड़ रुपये की व्यवस्था।

नगरीय रोजगार एवं गरीबी उन्मूलन

’’प्रधानमंत्री आवास योजना-सबके लिये आवास (शहरी) मिशन’’ योजना के लिये 3000 करोड़ रुपये की व्यवस्था।

’’मुख्यमंत्री नगरीय अल्पविकसित व मलिन बस्ती विकास योजना’’ हेतु 385 करोड़ रुपये की व्यवस्था।

सिंचाई

’’राजकीय नलकूप निर्माण परियोजना’’ के अन्तर्गत बुन्देलखण्ड क्षेत्र में 110 राजकीय नलकूपों का निर्माण आगामी 2 वर्षों में कराया जायेगा।

बाढ़ नियंत्रण तथा जल निकासी कार्यों हेतु 647 करोड़ 30 लाख रुपये की व्यवस्था।

चिकित्सा एवं स्वास्थ्य

प्रदेश में 100 बिस्‍तर वाले चिकित्सालयों की स्थापना के लिए 85 करोड़ 50 लाख रुपये की व्यवस्था।

बरेली, मुरादाबाद तथा देवीपाटन (गोण्डा) में 33 करोड़ 25 लाख रुपये की लागत से 300 बेड वाले संयुक्त चिकित्सालय खोले जायेंगे।

ग्रामीण क्षेत्रों में 50 शैय्यायुक्त चिकित्सालयों की स्थापना हेतु 10 करोड़ रुपये की व्यवस्था।

शहरी क्षेत्रों में 50 शैय्यायुक्त चिकित्सालयों के लिये 10 करोड़ रुपये की व्यवस्था।

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राज्य कर्मचारियों एवं पेंशनरों की असाध्य बीमारी के उपचार हेतु कैशलेस चिकित्सा सुविधा हेतु 150 करोड़ रुपये की व्यवस्था।

जिला संयुक्त चिकित्सालयों में विशिष्ट चिकित्सा सुविधायें उपलबध कराने हेतु 125 करोड़ रुपये प्रस्तावित।

डॉ0 श्यामा प्रसाद मुखर्जी (सिविल) चिकित्सालय, लखनऊ परिसर के विस्तार हेतु 19 करोड़ रुपये की व्यवस्था।

बेसिक शिक्षा

’’सर्व शिक्षा अभियान’’ हेतु 19 हजार 444 करोड़ 35 लाख रुपये की व्यवस्था।

मध्याह्न भोजन कार्यक्रम हेतु 2 हजार 54 करोड़ 74 लाख रुपये की व्यवस्था।

माध्यमिक शिक्षा

’’राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान’’ हेतु 551 करोड़ 93 लाख रुपये की व्यवस्था।

166 पं0 दीन दयाल उपाध्याय राजकीय मॉडल विद्यालयों के संचालन हेतु 25 करोड़ रुपये की व्यवस्था।

उच्च शिक्षा

राजकीय महाविद्यालयों एवं विश्वविद्यालयों में ’’राष्ट्रीय उच्चतर शिक्षा अभियान’’ के अन्तर्गत आधारभूत सुविधायें उपलबध कराने हेतु 191 करोड़ 27 लाख रुपये की व्यवस्था।

प्रदेश के सभी कॉलेज एवं विश्वविद्यालयों में मुफ्त वाई-फाई की सुविधा हेतु 50 करोड़ रुपये की व्यवस्था।

महिला एवं बाल कल्याण

महिला विकास एवं मातृत्व लाभ कार्यक्रम के लिये 100 करोड़ रुपये तथा ’’शबरी संकल्प अभियान’’ के लिये 262 करोड़ रुपये की व्यवस्था।

निराश्रित महिला भरण-पोषण अनुदान योजना हेतु 1 हजार 129 करोड़ 78 लाख रुपये की व्यवस्था।

अल्पसंख्यक कल्याण

अल्पसंख्यक छात्र-छात्राओं को छात्रवृत्ति योजना हेतु 791 करोड़ 83 लाख रुपये की व्यवस्था।

अल्पसंख्यक छात्र-छात्राओं की फीस प्रतिपूर्ति योजना हेतु 150 करोड़ रुपये की व्यवस्था।

मान्यता प्राप्त मदरसों तथा मकतबों में धार्मिक शिक्षा के साथ आधुनिक विषयों की शिक्षा हेतु 394 करोड़ रुपये की व्यवस्था।

अल्पसंख्यक समुदाय की छात्राओं के शैक्षिक एवं आर्थिक विकास के लिये अल्पसंख्यक सघन आबादी वाले क्षेत्रों में महिला छात्रावास हेतु 18 करोड़ 41 लाख रुपये की व्यवस्था।

पिछड़ा वर्ग कल्याण

पिछडे़ वर्ग के गरीब छात्र-छात्राओं के छात्रावास हेतु 52 करोड़ 66 लाख रुपये की व्यवस्था।

पिछड़े वर्ग के बेरोजगार युवक एवं युवतियों को ’’ओ’’ लेवल कम्प्यूटर प्रशिक्षण हेतु 11 करोड़ रुपये की व्यवस्था।

पिछड़े वर्ग के छात्र-छात्राओं की फीस प्रतिपूर्ति हेतु 551 करोड़ 28 लाख रुपये की व्यवस्था।

दिव्यांग कल्याण

सुगम्य भारत अभियान योजना के अन्तर्गत सरकारी कार्यालयों एवं जन उपयोगी भवनों को चिन्हित कर दिव्यांगजन हेतु बाधारहित बनाए जाने के लिये 60 करोड़ रुपये की व्यवस्था।

दिव्यांग पेंशन की राशि 300 रुपये से बढ़ाकर 500 रुपये प्रतिमाह करने हेतु 559 करोड़ रुपये की व्यवस्था।

खाद्य एवं रसद

राशन कार्ड में दर्ज यूनिट की आधार सीडिंग हेतु 76 करोड़ रुपये की व्यवस्था।

न्याय

उच्च न्यायालय, लखनऊ बेंच, लखनऊ के नवीन भवन में अतिरिक्त कार्यों हेतु 300 करोड़ रुपये की व्यवस्था।

अधीनस्थ न्यायालयों में सोलर पॉवर सिस्टम की स्थापना के लिये 20 करोड़, सार्वजनिक शौचालयों के निर्माण के लिये 20 करोड़, सीसीटीवी कैमरों के लिए 25 करोड़ रुपये की व्यवस्था।

राजस्व

प्रदेश में आपदा राहत के लिये ’’राज्य आपदा मोचक निधि’’ में 744 करोड़ रुपये की व्यवस्था।

तालाब विकास प्राधिकरण के गठन हेतु 50 लाख रुपये की व्यवस्था।

मण्डल, जनपद, तहसील के कार्यालयों तथा अनावासीय भवनों के निर्माण, पुनर्निर्माण, सुदृढ़ीकरण एवं भूमि क्रय के लिए 205 करोड़ 13 लाख रुपये की व्यवस्था।

प्रदेश के मण्डल, जनपद, तहसीलों के आवासीय भवनों के निर्माण, पुनर्निर्माण, सुदृढ़ीकरण एवं भूमि क्रय के लिये 95 करोड़ 80 लाख रुपये की व्यवस्था।

मण्डल, जनपद एवं तहसील कार्यालयों में उपस्थिति दर्ज कराने के लिए बायोमेेट्रिक सिस्टम स्थापित किये जाने हेतु 1 करोड़ 37 लाख रुपये की व्यवस्था।

वन एवं पर्यावरण

वर्ष 2017 के वर्षाकाल में वन विभाग द्वारा 4 करोड़ 30 लाख तथा अन्य विभागों द्वारा 2 करोड़ 24 लाख, कुल 6 करोड़ 54 लाख पौधों के रोपण का लक्ष्य।