अब प्रयागराज के नाम से जाना जाएगा इलाहाबाद, योगी की कैबिनेट में इन फैसलों पर भी लगी मुहर

प्रयागराज
कैबिनेट के फैसलों की जानकारी देते सिद्धार्थनाथ सिंह व सुरेश राना।

आरयू ब्‍यूरो, 

लखनऊ। मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ की अध्‍यक्षता में मंगलवार को संपन्‍न हुई कैबिनेट बैठक में इलाहाबाद का नाम बदलकर प्रयागराज करने के प्रस्ताव को मंजूरी मिल गई है। इसके अलावा 11 अन्‍य प्रस्‍तावों को भी मंजूरी मिली है।

आज लोक भवन में हुई कैबिनेट बैठक में मंजूर हुए फैसलों के बारे में प्रेसवार्ता कर जानकारी देते हुए योगी सरकार के प्रवक्‍ता व चिकित्‍सा एंव स्‍वास्‍थय मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह ने मीडिया को बताया कि इलाहाबाद का नाम प्रयागराज किए जाने की संतों की बहुप्रतीक्षित मांग पर कैबिनेट द्वारा मुहर लगाई गई है। नाम परिवर्तन से राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारतीय संस्कृति के प्रचार-प्रसार और धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा।

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उन्‍होंने कहा कि इलाहाबाद में कुंभ मार्गदर्शक मंडल की बैठक में भी यह मुद्दा आया था। इलाहाबाद का नाम प्रयागराज किए जाने की मांग अरसे से चल रही थी, जिसके बाद राज्यपाल राम नाईक ने भी इसके नाम बदलने पर सहमति जताई थी।

इसके अलावा गोरखपुर के हरपुर-गजपुर में बंद पड़ी धुरियापार किसान सहकारी चीनी मिल्स की 50 एकड़ भूमि का हस्तांतरण इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन लिमिटेड किए जाने के प्रस्‍तावों को कैबिनेट में मंजूरी मिली है। इसके तहत भूमि 30 साल की लीज पर लिग्नो-सैलिलॉजिक बायोमास आधारित सेकेंड जेनरेशन एथेनॉल प्लांट की स्थापना के लिए दी जाएगी।

वहीं पेराई सत्र 2018-19 के लिए नई खांडसारी लाइसेंसिंग नीति को मंजूर किया गया है। नई नीति एक अप्रैल 2018 से लागू होगी। अब नजदीकी चीनी मिल से 7.5 किमी की त्रिज्यात्मक दूरी से बाहर की खांडसारी इकाइयों को भी लाइसेंस मिलेगा, पहले ये दूरी 15 किमी थी। गुड़ की इकाइयां लाइसेंस मुक्‍त होंगी।

इसके अलावा ललितपुर की पाली तहसील के 23 ग्रामों को पाली तहसील से अलग कर सदर तहसील में शामिल किए जाने को भी कैबिनेट में स्वीकृति दी गई है।

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वहीं केंद्र सहायतित योजना के तहत एटा में राजकीय मेडिकल कॉलेज की स्थापना व उच्च विशिष्टियों के लिए 216.8483 करोड़ रुपये (जीएसटी अतिरिक्‍त) और देवरिया में राजकीय मेडिकल कॉलेज की स्थापना व उच्च विशिष्टियों के लिए 207.9132 करोड़ रुपये (जीएसटी अतिरिक्‍त) के व्यय प्रस्ताव सहित अन्‍य प्रस्‍तावों को भी यूपी कैबिन में हरी झंडी दिखाई गई है।

सिद्धार्थनगर में केंद्र सहायतित योजना से राजकीय मेडिकल कॉलेज की स्थापना व उच्च विशिष्टियों के लिए 226.0442 करोड़ रुपए व इसके अनुसार जीएसटी के व्यय प्रस्ताव को कैबिनेट की मंजूरी मिली है।

जबकि केंद्र सहायतित योजना के तहत हरदोई में राजकीय मेडिकल कॉलेज की स्थापना व उच्च विशिष्टियों के लिए 206.3320 करोड़ रुपए व जीएसटी और प्रतापगढ़ में राजकीय मेडिकल कॉलेज की स्थापना व उच्च विशिष्टियों के लिए 213.0075 करोड़ रुपए के साथ जीएसटी के खर्च के प्रस्ताव को भी कैबिनेट में मंजूरी मिली है।

वहीं केंद्र सहायतित योजना के ही तहत फतेहपुर में राजकीय मेडिकल कॉलेज की स्थापना व उच्च विशिष्टियों के लिए 212.4956 करोड़ रुपए व जीएसटी और गाजीपुर में राजकीय मेडिकल कॉलेज की स्थापना व उच्च विशिष्टियों के लिए 220.4336 करोड़ रुपए व जीएसटी के व्यय प्रस्तावों को भी बैठक ने हरि झंडी दिखाई है।

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सरकार के प्रवक्‍ता ने जानकारी देते हुए आगे बताया कि प्रदेश में देशी नस्ल की गायों से दुग्ध उत्पादन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से दुग्ध उत्पादकों को प्रोत्साहन स्वरूप ‘नंद बाबा पुरस्कार’ दिए जाएंगे। पुरस्कार के लिए वित्तीय वर्ष 2018-19 में 52.01 लाख रुपए की धनराशि का प्रावधान किया गया है। साथ ही देशी नस्ल की गाय के दूध की प्रत्येक विकास खंड, जिला व प्रदेश में सर्वाधिक आपूर्ति करने वाले दुग्ध उत्पादक को, जो साल में दुग्ध उत्पादक संघ को न्यूनतम 1500 लीटर दूध की बिक्री किया हो, उसे क्रमशः 5100 रुपए 21,000 रुपए व 51,000 रुपए का नंद बाबा पुरस्कार दिए जाने वाले फैसले पर भी कैबिनेट ने मुहर लगायी है।

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