अमेरिकी राष्‍ट्रपति के दौरे पर बोले अखिलेश, जनता की गाढ़ी कमाई के सैकड़ों करोड़ की फिजूलखर्ची कर रही मोदी सरकार

सरकार की गलत नीतियां
फाइल फोटो।

आरयू ब्‍यूरो, लखनऊ। अमेरिका के राष्‍ट्रपति डोनाल्‍ड ट्रंप के दौरे से ठीक पहले रविवार को यूपी के पूर्व मुख्‍यमंत्री अखिलेश यादव ने इस पर सवाल उठाते हुए दौरे को पैसा की बर्बादी करार दिया है। सपा अध्‍यक्ष ने आज अपने एक बयान में कहा है कि अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के भारत आगमन पर मोदी सरकार जनता की गाढ़ी कमाई के सैकड़ों करोड़ रूपयों की फिजूलखर्ची कर रही है।

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लाखों लोगों की भीड़ डोनाल्‍ड ट्रंप को ‘नमस्ते‘ कहने के लिए ही जुटाई जा रही है, लेकिन दिखावे की तमाम कोशिशों के बावजूद सच्चाई पर पर्दा नहीं डाला जा सकता है। पूरी दुनिया को मालूम है कि भारतीय अर्थव्यवस्था मंदी के दौर में फंसी है। बेरोजगारों को सब्जबाग दिखाकर जश्‍न में लगाना भी नौजवानों के भविष्य को अंधकार मय बनाना है। भारत के किसान को भी अंधकार में धकेल दिया गया है।

…गांधी जी के आदर्शों का तिरस्कार करना

पूर्व मुख्‍यमंत्री ने सवाल उठाते हुए आगे कहा कि अजीब विडंबना है कि जिस गुजरात में गांधी जी ने जन्म लिया, जिन्होंने गरीब भारत के प्रतिनिधि के तौर पर पूरा जीवन बिता दिया, उसी गुजरात में जबर्दस्त शान शौकत के पटाखे दगाए जा रहे हैं। अहमदाबाद में ही गांधी जी का साबरमती आश्रम है जहां से वे दांडी मार्च के लिए निकले थे। इन सबकी उपेक्षा करना गांधी जी के आदर्शों का तिरस्कार करना है।

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साथ ही गुजरात की चर्चित दिवार पर अखिलेश ने कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति अहमदाबाद में जिस रास्ते से गुजरेंगे वहां गरीबों की झोपड़ियां नहीं दिखाई दें इसके लिए उनके सामने दीवार खड़ी कर दी गई है। गरीबी ढकने का यह ‘गुजरात माॅडल‘ है। गरीब का इससे वीभत्स मजाक और क्या हो सकता है? ट्रम्प को भारत का यह बनावटी और चमकता भारत दिखाने का क्या मंतव्य हो सकता है? गांधीजी के भारत में विदेशी मेहमान का स्वागत सादगी से क्यों नहीं हो सकता है?

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