आरयू ब्यूरो, लखनऊ। विभिन्न आरोपों को लेकर कई बार विवाद में घिर चुके एलडीए के संयुक्त सचिव डीएम कटियार को आखिरकार एलडीए से हटा दिया गया है। शासन ने शनिवार के अवकाश के बावजूद आदेश जारी कर आज सुबह ही डीएम कटियार को जनहित का हवाला देते हुए उनके मूल नगर विकास विभाग में वापसी करा दी है।
विवादों के बावजूद वर्तमान में डीएम कटियार गोमतीनगर, गोमतीनगर विस्तार, स्टोर, जनसंपर्क विभाग, बल्क सेल व कॉमर्शियल सेल समेत अन्य महत्वपूर्ण योजनाओं का कार्यभार अब तक संभाल रहे थे। एलडीए के बेहद मजबूत अफसर माने-जाने वाले डीएम कटियार के आनन-फानन में हुए इस तबादले को लेकर आज एलडीए में पूरे दिन लोग आंकलन करते रहें।
वहीं आज संयुक्त सचिव के ताबदले के बाद एलडीए में यह भी चर्चा थी कि डीएम कटियार के कार्यकाल में कानपुर रोड व ट्रांसपोर्ट नगर में कई प्लॉटों का फर्जी तरीके से समायोजन किया गया है। समायोजन के इस खेल में प्रापर्टी के बाबूओं के अलावा वित्त व कॉस्टिंग विभाग के अफसर व कर्मी भी शामिल हैं। हालांकि इन चर्चाओं में कितना दम है यह तो जांच के बाद ही स्पष्ट हो पाएगा।
शासन का आदेश तत्काल कराएं पालन
उप सचिव अरुणेश कुमार द्विवेदी की ओर से आज सुबह ही एलडीए उपाध्यक्ष को ट्रांसफर की कॉपी भेजते हुए तत्काल ही इसका पालन कर शासन को अवगत कराने को कहा गया था।
सुबह ही एलडीए पहुंचे डीएम, मचा हड़कंप
इस आदेश के बाद एलडीए वीसी का प्रभार संभाल रहे डीएम अभिषेक प्रकाश सुबह करीब दस बजे ही एलडीए पहुंचे और अपरान्ह लगभग 12 बजे लिखित आदेश पारित करते हुए डीएम कटियार को एलडीए से कार्यमुक्त भी कर दिया। साथ ही संयुक्त सचिव को निर्देशित भी किया कि वह नगर विकास विभाग को अपनी योग्दान आख्या प्रस्तुत करें।
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यहां बताते चलें कि अभिषेक प्रकाश डीएम कार्यालय व कोविड-19 से जुड़े अन्य जरूरी कामों को निपटाने के बाद ही दोपहर तक एलडीए पहुंचते थे। हालांकि आज सुबह ही डीएम के पहुंचने पर एलडीए में हड़कंप की स्थिति रही।
डीएम कटियार की गाड़ी में कर्मचारी ले गए कागजात के बंडल
वहीं डीएम कटियार के कार्यमुक्त होने के बाद आज दोपहर उनकी कार में कपड़े में बांधकर कागजात ले जाए जाने की तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हुई तो नया विवाद खड़ा हो गया। हालांकि इस बारे में डीएम कटियार का कहना था कि आज वह छुट्टी पर थे, इसकी एप्लीकेशन भी उन्होंने गुरुवार को दी थी। उनकी गाड़ी से कोई सरकारी फाइल कर्मचारियों द्वारा नहीं ले जाई गयी हैं। कुछ कागजात जो कर्मचारी ले गए हैं वह उनके पर्सनल थे।
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कमिश्नर कर चुके थे हटाने की सिफारिश
बताते चलें कि लगभग तीन सालों से एलडीए में तैनात रहे डीएम कटियार पर कई बार गड़बड़ी करने का आरोप लग चुका था। कॉमर्शियल प्लॉटों की निलामी में मनमानी पकड़े जाने पर साल 2019 में तत्कालीन कमिश्नर अनिल गर्ग ने शासन को अपनी रिपोर्ट भेजते हुए डीएम कटियार के साथ ही वित्त नियंत्रक राजीव कुमार सिंह को भी विभाग हित में एलडीए से हटाने की सिफारिश की थी। हालांकि कमिश्नर जैसी उच्चाधिकारी की रिपोर्ट के बावजूद मामले को ठंडे बस्ते में डाल दिया गया और दोनों अफसर अपनी कुर्सी पर जमे रहें।