आरयू ब्यूरो
लखनऊ। गुरुवार की शाम गोमती नदी के अग्रसेन घाट पर मिली लाश राजाजीपुरम निवासी अनुज केसरवानी ऊर्फ शिवम(28) की थी। परिजनों ने शिनाख्त करने के साथ ही आज पोस्टमॉर्टम हाउस पर हंगामा करने के साथ ही पुलिस की मौजूदगी में जमकर पुलिस मुर्दाबाद के नारे लगाए।
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परिजनों का आरोप है कि शिवम की गुमशुदगी 9 मार्च को ही थाने में दर्ज कराने के साथ ही 10 मार्च को एक संदिग्ध मोबाइल नंबर को भी जांच के लिए दिया था, लेकिन पुलिस हाथ पर हाथ धरे बैठी रही। जिसकी कीमत शिवम को अपनी जान देकर चुकानी पड़ी। पुलिस ने इस दौरान घरवालों से दुर्व्यवहार भी किया। पुलिस की लापरवाही के खिलाफ लोगों में जबरदस्त गुस्सा है।
यह है पूरा मामला
राजाजीपुरम निवासी सरवन केसरवानी का बेटा अनुज कानपुर यूर्निवर्सिटी में बीएससी थर्ड ईयर का छात्र था। बीते आठ मार्च की रात आठ बजे वह शेविंग और बाल कटाने की बात कहकर घर से निकला था।
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नौ बजे उसने घर फोन कर कहा कि अमीनाबाद होली का कपड़ा लेने जा रहा है। रात 11 बजे तक नहीं लौटा तो परिजनों ने उसके मोबाइल पर संपर्क किया तो वह स्विच ऑफ मिला। रात भर घरवालों ने अनुज की तलाश करने के बाद अगले दिन तालकटोरा थाने में गुमशुदगी दर्ज कराई थी।
मंजिल सैनी को बुलाने के लिए परिजनों को करना पड़ रहा प्रदर्शन
योगी राज में राजधानी में पुलिस मुर्दाबाद के नारों के साथ ही पुलिस पर गंभीर आरोप लगने के बाद भी लेडी सिंधम के नाम से पहचाने जाने वाली एसएसपी मंजिल सैनी मौके पर नहीं पहुंची।
पोस्टमॉर्टम हाउस से लेकर घर तक न्याय की उम्मीद के लिए एसएसपी को बुलाने की मांग कर रहे परिजनों के सब्र का बांध करीब साढ़े तीन बजे टूट गया।
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जिसके बाद महिलाओं समेत बड़ी संख्या में लोग राजाजीपुरम में प्रदर्शन करने लगे, प्रदर्शन की जानकारी पाकर पहुंचे एसपी जय प्रकाश लोगों को समझाने का प्रयास कर रहे थे, लेकिन परिजन एसएसपी को मौके पर बुलाने और दोषी तालकटोरा पुलिस कर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर अड़ गए।
भाई रोज जाता था थाने, पुलिस ने नहीं की सुनवाई
अनुज के भाई विशाल ने बताया कि दस मार्च को उसके ममेरे भाई चन्द्र प्रकाश केसरवानी के मोबाइल पर किसी ने कॉल कर अनुज का मोबाइल कानपुर सेन्ट्रल स्टेशन के पास मिलने की बात बताई थी। जिसके बाद उसने कॉल करने वाले का मोबाइल नंबर भी तालकटोरा इंस्पेक्टर सियाराम को दिया, लेकिन पुलिस ने कॉल करने वाले का पता लगाने की जरूरत नहीं समझी।
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वह रोज थाने भी जाता था, लेकिन हर बार पुलिस भाई के सही सलामत मिलने का आश्वासन देकर लौटा देती थी। लापरवाह पुलिस अब लाश भी इस हाल में दिखा रही है कि पहचानना भी मुश्किल है। इतना कहते ही विशाल बिलख पड़ा।
बता दें कि गुरुवार को एक अज्ञात युवक का शव हसनगंज पुलिस को गोमती नदी में मिला था। शव की स्थिति देखकर उसके कम से कम 15 दिन पुराने होने की आशंका जताई जा रही थी। लाश के क्षत-विक्षत हो जाने के चलते यह भी अनुमान नहीं लगाया जा पा रहा था कि उसकी मौत की वजह क्या हो सकती है।
शव के पास से मिले मोबाइल के आधार पर कल रात मृतक की पहचान अनुज की रूप में हुई थी। फिलहाल पुलिस पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट आने की बात कह रही है।
दावे जो पुलिस कर रही है….
एसपी पश्चिम जयप्रकाश ने बताया कि परिजनों से मिले नंबर की कॉल डिटेल पुलिस ने निकलवाई थी मगर नंबर गलत निकला। बाद एक अन्य के भी सामने आने पर पुलिस उसका भी पता लगा रही है।
वहीं दूसरी ओर इंस्पेक्टर तालकटोरा कहना था कि शिवम के मोबाइल नंबर की आखिरी लोकेशन घटनास्थल से कुछ ही दूरी पर मिली थी, जबकि मोबाइल शव मिलने के बाद उसकी जेब में ही था। इन परिस्थितियों उसके मोबाइल के कानपुर पहुंचने की संभावना नहीं के बराबर है।
इंस्पेक्टर समेत दो एसआई निलंबित
पुलिस की काफी किरकिरी होने पर मंजिल सैनी ने शाम को इंस्पेक्टर तालकटोरा सियाराम समेत दो एसआई को निलंबित कर दिया। एसएसपी ने बताया कि परिजनों के संदेह को दखते हुए मृतक की शिनाख्त के लिए डीएनए टेस्ट कराया जाएगा। इसके साथ ही एसपी पश्चिम को घटना के विभिन्न बिन्दुओं की जांचकर जल्द से जल्द मामले के खुलासे का निर्देश दिया गया है।