आरयू वेब टीम। भारतीय नौसेना के विध्वंसक युद्धपोत ‘विशाखापट्टनम’ को सेवा में शामिल कर लिया गया है। इस दौरान रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बिना नाम लिए चीन पर इशारों में निशाना साधते हुए कहा कि वर्चस्ववादी प्रवृत्तियों वाले ‘कुछ गैर-जिम्मेदार देश’ अपने संकीर्ण पक्षपातपूर्ण हितों के कारण समुद्र के कानून पर संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन (यूएनसीएलओएस) को गलत तरीके से परिभाषित कर रहे हैं।
साथ ही कहा कि यह चिंता की बात है कि यूएनसीएलओएस की परिभाषा की मनमानी व्याख्या कर कुछ देशों की ओर से इसे लगातार कमजोर किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि अपना आधिपत्य जमाने और संकीर्ण पक्षपाती हितों वाले कुछ गैर-जिम्मेदार देश अंतरराष्ट्रीय कानूनों की गलत व्याख्या कर रहे हैं।
यह भी पढ़ें- नौसेना दिवस पर उप राष्ट्रपति-प्रधानमंत्री,गृहमंत्री व रक्षा मंत्री समेत कई नेताओं ने दी बधाई
राजनाथ ने कहा कि हम सिर्फ मेक इन इंडिया ही नहीं, बल्कि मेक फॉर वर्ल्ड भी करेंगे। रक्षा मंत्री ने कहा कि इंडो पैसिफिक को सुरक्षित, स्वतंत्र और खुला रखना हमारे नौसेना की प्रमुख जिम्मेदारी है। साथ ही कि कुछ देश ऐसे है जो गैर जिम्मेदार हैं और अंतरराष्ट्रीय समुद्री नियमों को अपने अनुसार बदलाव करते है।
रक्षामंत्री ने आगे कहा कि मुझे बताया बताया गया कि 163 मीटर लंबा यह युद्धपोत शक्तिशाली कोलकाता श्रेणी के विध्वंसक युद्धपोत का तकनीकी अपग्रेडेट वर्जन है। यह आधुनिकतम तकनीकों से युक्त है, उन्होंने कहा कि युद्धपोत अत्याधुनिक सेंसर से लैस हैं और इसकी गिनती दुनिया के सबसे उन्नत युद्धपोतों में होगी।
बता दें कि छिप कर वार करने में सक्षम, स्वदेशी निर्देशित मिसाइल विध्वंसक पोत ‘विशाखापट्टनम’ कई मिसाइल और पन्नडुब्बी रोधी रॉकेट से लैस है। इसे नौसेना के शीर्ष कमांडरों की मौजूदगी में सेवा में शामिल किया गया। इस दौरान राजनाथ सिंह ने कहा कि आइएनएस विशाखापत्तनम के नौसेना में शामिल होने से हमारी ताकत बढ़ी है। उन्होंने कहा कि हम आत्मनिर्भर की ओर बढ़ रहे है।