आजम खान केस में सुप्रीम कोर्ट ने हाई कोर्ट को लगाई फटकार, “कहा, 137 दिन में नहीं आया आदेश

आजम खान सुप्रीम कोर्ट
फाइल फोटो।

आरयू वेब टीम। समाजवादी पार्टी के संस्थापक सदस्य आजम खान मामले में सुप्रीम कोर्ट ने हाई कोर्ट को फटकार लगाई है। शीर्ष न्यायालय ने कहा है कि, 137 दिन में आदेश नहीं आया है। यह न्यायिक प्रक्रिया का मजाक है। कोर्ट ने कहा, हम इस मामले में उच्च न्यायालय के फैसले की प्रतीक्षा करना चाहते हैं। जरूरी हुआ तो इस पर आदेश देंगे।

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि आजम खान को 87 में से 86 मामलों में जमानत मिल चुकी है और एक मामले को लेकर हाई कोर्ट इतनी देरी क्यों कर रहा है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि 137 दिन बीत चुके हैं, लेकिन आज तक कोई आदेश पारित नहीं हुआ है। ऐसे में सुप्रीम कोर्ट ने इसे न्याय का उपहास बताया है। साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अगर इलाहाबाद हाई कोर्ट इस मामले में फैसला नहीं देगा तो हम दखल देंगे। हाई कोर्ट 11 मई को इस प्रकरण में सुनवाई करने के लिए कहा है।

गौरतलब है कि हाई कोर्ट ने इस मामले में सुनवाई करते हुए फैसला सुरक्षित कर लिया था। कोर्ट अगले सप्ताह तक अपना फैसला सुना सकती है। अगर आजम खान की जमानत अर्जी मंजूर हो जाती है तो वह जेल से बाहर आ जाएंगे। क्योंकि, बाकी मामलों में कोर्ट ने उन्हें पहले ही जमानत दे रखी है। मामले की सुनवाई न्यायमूर्ति राहुल चतुर्वेदी की पीठ कर रही थी।

दरअसल, आजम खां की ओर से सुप्रीम कोर्ट में अंतरिम जमानत के लिए याचिका दायर की गई थी। दरअसल, आजम खां को 86 मामलों में कोर्ट से जमानत मिल चुकी है। केवल एक मामले में उनकी याचिका पर सुनवाई लंबित है।

आरोप है कि आजम ने शत्रु संपत्ति को अवैध रूप से कब्जे में लेकर जौहर यूनिवर्सिटी में शामिल कर लिया। हाई कोर्ट में इस मामले में पिछले वर्ष दिसंबर में सुनवाई पूरी हो चुकी है और अदालत ने फैसला सुरक्षित रख लिया।

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मामले में पिछली सुनवाई पर राज्य सरकार ने आजम खान की ओर से जमानत याचिका दाखिल होने के बाद हाईकोर्ट में अर्जी देकर कुछ और तथ्य प्रस्तुत करने के लिए समय मांगा था। अदालत ने चार मई को सुनवाई की तारीख तय की थी, लेकिन ईद के अवकाश की वजह से चीफ जस्टिस के आदेश के तहत दो मई के सभी केस की सुनवाई चार मई को हुई, जबकि चार मई के सभी केस की सुनवाई पांच मई यानी बृहस्पतिवार को हुई। प्रदेश सरकार की ओर से 29 अप्रैल को ही हलफनामा दाखिल किया जा चुका है।
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