आजम खान ने की सक्षम लोगों से शैक्षणिक संस्थान खोलने की अपील, जौहर यूनिवर्सिटी को लेकर हुए भावुक

शैक्षणिक संस्थान
अपनी बात रखते आजम खान।

आरयू ब्यूरो, लखनऊ। लंबे समय से अपने व परिवार पर हो रही कानूनी कार्रवाई का दंश झेल रहे समाजवादी पार्टी के कद्दावर नेता आजम खान का एक बार फिर दर्द छलका है। आजम ने मंगलवार को एक संदेश जारी कर अपने खिलाफ हो रही कार्रवाई और मौजूदा समय के लोकतंत्र पर सवाल उठाए। साथ चेताते हुए कहा कि आने वाला कल भारतीय लोकतांत्रिक व्यवस्था की आलोचना करेगा और अपनी राय रखेगा। इस दौरान आजम खान ने मुस्लिम समाज के सक्षम लोगों से शैक्षणिक संस्थान खोलने की अपील की। सपा नेता ने कहा कि जौहर यूनिवर्सिटी में ज्यादा से ज्यादा विद्यार्थी प्रवेश लेकर शिक्षा ग्रहण करें तभी इसे बचाया जा सकेगा अस्तित्व।

पूर्व कैबिनेट मंत्री ने आज एक वीडियो में अपने सम‍र्थकों से कहा कि ‘मेरी सारी जिंदगी एक आईने की तरह आपके सामने हैं। इससे आप मेरे आने वाले कल का अंदाजा लगा सकते हैं। मुझ पर, मेरे अपनों पर बीते चार-पांच सालों में जो हुआ है। वह किसी से छिपा नहीं है। उन्होंने कहा कि आगे बढ़ने के लिए हम कोशिश करें और तालीम हासिल करें।

आजम खान ने वीडियो में आगे लोगों से भावुक अपील करते हुए सक्षम लोगों से शैक्षिण संस्थान खोलने की अपील कर कहा वह तमाम लोगों से जो ताकत में है, चाहे सियासी तौर पर या माली तौर पर, अफसर हों, रिटायर्ड हों, सर्विस में हों वह इरादा करें कि अगर मेरे जैसा कमजोर आदमी इतने बड़े मिशन को यहां तक पहुंचा सकता है। तो मेरे ही पड़ोस के जिले में न जाने कितने रईस रहते हैं। देश-प्रदेश में न जाने कितने दौलतमंद लोग रहते हैं। न जाने कितने ऐसे संगठन हैं, जिनके पास बहुत पैसा है। लेकिन, उनका सही इस्तेमाल नहीं है। यहां तक कि हमारे जकात के पैसे का भी सही इस्तेमाल नहीं हो पा रहा है। उन्होंने कहा कि ‘हम अपने दौलत या जकात का एक हिस्सा भी आने वाली नस्ल को पढ़ाने के लिए खर्च करें, तो बड़ी कोशिश होगी।

मेरा मकसद बेहतर शिक्षा दिलाने का रहा

आजम खान ने कहा कि मेरे पूरे जीवन का मकसद गरीबों, कमजोरों को उनका हक और बेहतर शिक्षा दिलाने का रहा है और मैंने इसी मकसद से यूनिवर्सिटी बनाई है। जौहर यूनिवर्सिटी के मौजूदा हालातों का जिक्र करते हुए कहा कि यह यूनिवर्सिटी बनाई है, स्कूल बनाए हैं। यह बात भी सही है कि उसके साथ बहुत बुरा सलूक हो रहा है। इसे हम कैसे बर्दाश्त कर रहे हैं, हमें कभी-कभी हैरत भी होती है। इसके बाद आखिर में उन्होंने लोगों से अपील करते हुए कहा कि यह तालीम के साथ, तरबियत गाह भी है। यह आपकी आने वाली नस्लों के लिए सुनहरा मौका हैं। इसे टूटने न दें। कोई दौलत, कोई ताकत शायद अब इसे उतना नहीं बचा सकती, जितना छात्र की तादाद इसे बचा सकती है।

हमारे देश में एक खास वर्ग को पीछे…

आजम खान ने कहा कि “हमारे देश में एक खास वर्ग को पीछे रखने के लिए मंसूबा बन्द तहरीक है। उसका मुकाबला किसी गैर मंसूबा बंद तहरीक से नहीं किया जा सकता, इसलिए लाजिम है कि हम अपनी आने वाली नस्लों के लिए कोई ऐसा नक्शा तैयार करें, जिनमें अगर उनके लिए बहुत आसान न हों तो वह सख्तियों को सहन कर सकें और एक सामान्य जिंदगी गुजार सकें।

हमारे बच्चों में योग्यता-हौसले की कमी नहीं

आजम खान ने मुस्लिम समाज का बिना नाम लिए वीडियो में यह भी कहा कि हमारे बच्चों में योग्यता की कमी नहीं है, आगे बढ़ने के हौसले की कमी नहीं हैै, लेकिन उन्हें मौका नहीं मिलता।” यह मौका मिलें हम इसके लिए कोशिश करें और तालीमी इदारा कायम करें। वहीं अपनी मोहम्मद अली जौहर यूनिवर्सिटी की शिक्षा के बारे में बताया। आजम खान ने अपनी यूनिवर्सिटी की शिक्षा की तारीफ भी की और रामपुर के बाहर दाएं बायें (मुरादाबाद-बरेली) की यूनिवर्सिटी की शिक्षा के स्तर पर सवाल खड़े किए।

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गौरतलब है कि सपा नेता को जब से अदालत से सजा हुई है और उनकी विधानसभा सदस्यता रद्द हुई है वह मीडिया से दूरी बनाये हुए हैं। पहली बार ऐसा हुआ है कि आजम खान ने किसी मीडिया संस्थान को बयान देने की बजाय खुद अपना वीडियो संदेश बना कर जारी किया है।

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