आरयू वेब टीम।
लोकसभा चुनाव के पहले चरण के मतदान के दौरान सामने आई ईवीएम की गड़बड़ी को लेकर एक बार फिर ईवीएम का विरोध तेज होता दिखाई दे रहा है। रविवार को अंबेडकर जयंती के मौके पर ईवीएम के मुद्दे को लेकर कांग्रेस समेत विपक्ष के 21 दलों ने संयुक्त रूप से बैठक कर ईवीएम की गड़बड़ी को लोकतंत्र के लिए ही खतरा बता दिया है।
संविधान बचाने के नारे के साथ आज बैठक कर विपक्ष ने कहा कि कम से कम 50 प्रतिशत मतदान पर्चियों का मिलान ईवीएम से कराए जाने की मांग को लेकर वे लोग सुप्रीम कोर्ट जाएंगे। आंध्र प्रदेश के सीएम चंद्रबाबू नायडू ने मीडिया को बताया कि 21 राजनीतिक दल 50 प्रतिशत मतदान पर्चियों का मिलान ईवीएम से कराए जाने की मांग कर रहे हैं।
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साथ ही सीएम ने भारत में ईवीएम के द्वारा चुनाव कराने को लेकर भी सवाल उठाएं और कहा कि मतदाता का भरोसा सिर्फ पेपर ट्रायल मशीनों के माध्यम से ही बहाल किया जा सकता है। यहां तक कि जर्मनी जैसा उन्नत देश भी पेपर बैलट का इस्तेमाल करता है। नीदरलैंड्स में भी अब बैलेट पेपर से ही चुनाव हो रहे हैं।
वहीं कांग्रेस के कद्दावर नेता अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि विपक्षी दल हर विधानसभा क्षेत्र में कम से कम 50 प्रतिशत मतदान पर्चियों का मिलान ईवीएम से कराए जाने का निर्देश देने की मांग के लिए उच्चतम न्यायालय का रुख करेगा।
ईवीएम में गड़बड़ी के मुद्दे पर चलाएंगे देशव्यापी अभियान
साथ ही विपक्षी दल ईवीएम में गड़बड़ी के मुद्दे पर देशव्यापी अभियान चलाएंगे। वही उन्होंने असंतोष व्यक्त करते हुए आरोप लगाया कि हमें नहीं लगता कि ईवीएम में गड़बड़ी के मुद्दे के निपटारे के लिए चुनाव आयोग पर्याप्त कदम उठा रहा है।
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खराब मशीन भी देती है बीजेपी को ही वोट
इस दौरान दिल्ली के सीएम व आम आदमी पार्टी के संस्थापक अरविंद केजरीवाल ने सीधे तौर पर कहा कि देश की जनता को ईवीएम पर भरोसा नहीं है। लोकतंत्र पर सवाल उठ रहें है। भाजपा को निशाने पर लेते हुए केजरीवाल ने कहा कि आज एक पार्टी को छोड़कर सभी बैलेट पेपर की मांग कर रहे हैं। काउंटिंग करने में एक दिक्कत है। केवल बीजेपी सपोर्ट करती है, क्योंकि उनको लाभ होता है। खराब मशीन भी बीजेपी को ही वोट देती है।
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जानबूझ कर खराब की जा रही है ईवीएम
सीएम ने सवाल उठाते हुए आगे कहा कि इसकी जांच क्यों नहीं होती है। ईवीएम जानबूझ कर खराब की जा रही है, ताकि बीजेपी को फायदा हो। विपक्ष को हराने के लिए और वोट कटवाने के लिए बीजेपी ऐसा कर रही है। ईवीएम के अंदर कोई खामी नहीं है, भाजपा उनके साथ छेड़छाड़ कर रही है।
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बताते चलें कि उच्चतम न्यायालय ने सोमवार को चुनाव आयोग को निर्देश दिया था कि प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में पांच मतदान केन्द्र पर किसी भी मतदान पर्ची का ईवीएम का अधिक से अधिक मिलान किया जाए। उसने कहा था कि इससे ना केवल राजनीतिक दलों बल्कि सभी मतदाताओं को भी काफी संतुष्टि मिलेगी। हालांकि पिछले कई सालों से ईवीएम का विरोध करने वाले विपक्ष ने एक बार फिर से पहले चरण के मतदान के बाद ईवीएम और चुनाव आयोग पर ऊंगली उठानी शुरू कर दी है।