आरयू ब्यूरो,
लखनऊ। कैबिनेट मंत्री ओम प्रकाश राजभर को कैबिनेट से बर्खास्त किए जाने पर भाजपा ने कहा है कि ओपी राजभर ने हर कदम पर गठबंधन धर्म की मर्यादा का न केवल उल्लंघन किया बल्कि उसे तार-तार भी किया। बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. महेंद्र नाथ पांडेय ने सोमवार को मीडिया से बात करते हुए कहा कि भाजपा गठबंधन धर्म निभाने व अपने सहयोगियों का पूरा सम्मान एवं भागेदारी करने वाला दल है।
यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि प्रदेश में हमारे गठबंधन सहयोगी रहे ओमप्रकाश राजभर ने हर कदम पर गठबंधन धर्म की मर्यादा का न केवल उल्लंघन किया बल्कि उसे तार-तार भी किया। इसलिए पार्टी के साथ-साथ सरकार के मुखिया योगी आदित्यनाथ को सख्त निर्णय लेने पर मजबूर होना पड़ा है।
यह भी पढ़ें- योगी की सिफारिश पर राज्यपाल ने राजभर को UP कैबिनेट से किया बर्खास्त, तो बोले गरीबों की आवाज उठाने की मिली है सजा
स्वागत करने लायक है मुख्यमंत्री का फैसला
वहीं प्रदेश अध्यक्ष ने आगे कहा कि पिछड़ा वर्ग कल्याण और दिव्यांग जनकल्याण मंत्री ओम प्रकाश राजभर को मंत्रिमंडल से बर्खास्त किए जाने का मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का फैसला स्वागत करने के योग्य है। ओपी राजभर ने गठबंधन में रहते हुए लगातार भाजपा व भाजपा सरकार के खिलाफ आपत्तिजनक बयान दिए। सरकार की नीतियों का विरोध किया और उसके अनुपालन में बाधा उत्पन्न कर अपने संवैधानिक दायित्वों की भी धज्जियां उड़ाईं। सरकार में उनकी पार्टी और कार्यकर्ताओं का समुचित समायोजन कर उन्हें पूरा सम्मान दिया गया।
अपने समाज से भी किया धोखा
हमें उम्मीद थी की राजभर समाज ने जिस तरह से निरंतर भाजपा का सहयोग व समर्थन किया है, श्री राजभर उनके हित के लिए कार्य करेंगे लेकिन, उस समाज के हित के लिए लागू की गई गरीब व वंचित केंद्रित योजनाओं का भी वे विरोध करते रहे। जिस समाज ने इन्हें पहचान दी, उससे भी धोखा करते रहे।
यह भी पढ़ें- UP में सहयोगी राजभर ने BJP को दिया झटका, मोदी-राजनाथ की संसदीय सीट समेत 39 लोकसभा उम्मीदवार के नामों की घोषणा, कही ये बातें
प्रदेश अध्यक्ष ने आरोप लगाते हुए ये भी कहा कि ओपी राजभर ने सिर्फ अपने पारिवारिक व निजी हितों को ही प्राथमिकता दी। इसके बाद भी भाजपा ने गठबंधन धर्म का निर्वाह करते हुए उनसे नाता बनाए रखा। भाजपा की इस मर्यादा और सहनशीलता को राजभर हमारी कमजोरी समझ बैठे। उन्होंने भाजपा के खिलाफ लोकसभा चुनाव में न केवल अपने उम्मीदवार खड़े किए, बल्कि कुछ सीटों पर उन्होंने खुलकर विपक्ष का समर्थन भी किया। इसके बाद भी हमने संयम बनाए रखा। लेकिन, उन्होंने पार्टी व कार्यकर्ताओं के खिलाफ अमयार्दित भाषा व गाली- गलौच का प्रयोग कर सभी मर्यादाएं व हदें तोड़ दी।