आरयू ब्यूरो, लखनऊ। कामों को सही तरीके व निर्धारित समय में पूरा करें। इसमें किसी प्रकार की लापरवाही नहीं बरती जानी चाहिए। जिला शिक्षा प्रशिक्षण संस्थानों के सुदृढ़ीकरण के लिए कार्ययोजना जल्द से जल्द तैयार कीजिए।
ये निर्देश सोमवार को निशातगंज स्थित एनसीईआरटी सभागार में राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद व अन्य संबंधित अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक करने के दौरान यूपी के बेसिक शिक्षा राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ. सतीश चंद्र द्विवेदी ने विभागीय अधिकारियों को दिए।
उन्होंने कहा कि शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (डायट) के भवनों में पुरूष एवं महिला शौचालय की अलग-अलग बेहतर ढंग से व्यवस्था होनी चाहिए, और उनकी साफ सफाई पर विशेष ध्यान रखा जायें, सभी जिला शिक्षा और प्रशिक्षण संस्थानों में एक समयबद्ध कार्ययोजना तैयार कर महिला छात्रावास की व्यवस्था की जायें। जिन चार डायट्स में सेवापूर्व शिक्षक प्रशिक्षण गतिमान नहीं है, उनकी मान्यता प्राप्त करने के लिए कार्यवाही की जाए तथा इन संस्थानों में शैक्षिक क्रियाकलापों तथा सेवारत शिक्षक प्रशिक्षण कार्यक्रमों के नियमित रूप से संचालित होने के संबंध में भी कार्ययोजना तैयार करा ली जाए।
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इसके अलावा जिन पांच नवसृजित जनपदों (अमेठी, कासगंज, गाजियाबाद, शामली एवं संभल) में डायट स्थापित करने का अनुमोदन भारत सरकार से प्राप्त हो चुका है, उसके संबंध में राज्य व केंद्र सरकार के बीच समन्वय करते हुए शीघ्र डायट स्थापित करें।
वहीं शिक्षा मंत्री ने आंग्ल भाषा शिक्षण संस्थान से अंग्रेजी माध्यम के विद्यालयों के शिक्षकों की ट्रेनिंग के लिए भी कार्ययोजना तैयार करने के निर्देश दिये। इसी तरह राज्य हिंदी संस्थान से हिंदी एवं संस्कृत भाषा के लिए शिक्षकों के प्रशिक्षण एवं सेमिनार आदि आयोजित करने के लिए अधिकारियों से कहा।
साथ ही अपने एक अन्य निर्देश में सतीश चंद्र ने राज्य शिक्षा संस्थान, यूपी, प्रयागराज को आंकाक्षी जनपदों की शैक्षिक स्थिति का आकलन करने के निर्देश दिये। राज्य विज्ञान शिक्षा संस्थान, उत्तर प्रदेश, प्रयागराज को निर्देश दिए कि परिषदीय उच्च प्राथमिक विद्यालयों एवं कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालयों के छात्र-छात्राओं की भी विज्ञान एवं गणित की जनपद, मंडल व राज्य स्तरीय विज्ञान प्रतियोगिता और प्रदर्शनी में सहभागिता सुनिश्चित की जाए।
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इसके अलावा उन्होंने राज्य शैक्षिक तकनीकी संस्थान, लखनऊ को निर्देश दिये कि वह छात्रों की शैक्षिक आवश्यकताओं को दृष्टिगत रखते हुए दृश्य-श्रव्य सामग्री का विकास करें और सभी संबंधित स्टेकहोल्डर्स के लिए उपलब्ध करायें।
साथ ही सतीश द्विवेदी ने सुरक्षा एवं संरक्षा के विभिन्न आयामों (बाढ़, अग्नि, भूकंप व सर्पदंश आदि) को दृष्टिगत रखते हुए प्रशिक्षण मॉड्यूल एवं सामग्री विकसित करने के निर्देश देते हुए इनका व्यापक प्रचार-प्रसार करने को भी कहा।
उन्होंने कहा कि राज्य शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद एवं इससे जुड़ी संस्थाएं पूरे सालभर के कामों एवं शैक्षिक कार्यक्रमों की कार्ययोजना तैयार करते हुए अगामी 15 दिसंबर तक उपलब्ध कराएं।
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इस अवसर पर सतीश चंद्र द्विवेदी ने शैक्षिक अनुसंधान और परिक्षण परिषद के मुख्य काम, आरटीई के परिप्रेरक्ष्य में एससीईआरटी के कामों, राज्य शैक्षिक अनुसधान और प्रशिक्षण परिषद की ईकाईयां, शिक्षक-प्रशिक्षण कार्यक्रम, एससीईआरटी के प्रमुख सेवारत प्रशिक्षण सहित अन्य विभिन्न बिंदुओं की प्रगति की समीक्षा करते हुए आवश्यक निर्देश दिए हैं।
‘पाठयोजना संग्रह’ व ‘कथा मंदाकिनी’ का किया विमोचन
बैठक के दौरान बेसिक शिक्षा राज्य मंत्री ने एससीईआरटी द्वारा राज्य स्तर पर आयोजित आदर्श पाठयोजना प्रतियोगिता में चयनित एवं पुरस्कृत शिक्षकों द्वारा तैयार की गयी पाठयोजनाओं के संकलन ‘पाठयोजना संग्रह’ एवं राज्य स्तर पर आयोजित कहानी सुनानी की प्रतियोगिता में चयनित एवं पुरस्कृत शिक्षकों की कहानियों के संकलन ‘कथा मंदाकिनी’ का विमोचन भी किया।
इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव बेसिक शिखा रेणुका कुमार, महानिदेशक बेसिक शिक्षा विजय किरन आनंद, निदेशक एससीईआरटी संजय सिन्हा सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहें।