भारत बंद: 13 प्वाइंट रोस्टर रद्द करने समेत अन्‍य मांगों को लेकर दलित-आदिवासी व राजनीतिक संगठनों ने किया प्रदर्शन

भारत बंद
भारत बंद के समर्थन में राजधानी लखनऊ में प्रदर्शन करते विभिन्न संगठनों के लोग।

आरयू वेब टीम। 

लोकसभा चुनाव से पहले एक बार फिर देश के दलित और आदिवासी संगठन मोदी सरकार के खिलाफ सड़क पर हैं। देश के विश्‍वविद्यालयों में 200 प्वाइंट रोस्टर सिस्टम की जगह 13 प्वाइंट रोस्टर लागू किए जाने के खिलाफ समेत कई मांगों को लेकर आज भारत बंद है। राजधानी लखनऊ समेत देशभर में दलित-आदिवासी संगठन जगह-जगह प्रदर्शन कर रहे हैं।

सपा, आम आदमी पार्टी और आरजेडी समेत कई दलों ने भारत बंद का समर्थन किया है। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी भी इस रोस्टर सिस्टम पर पहले ही सवाल खड़े कर चुके हैं। देश में बंद का असर भी आज दिखा। प्रयागराज में समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने इलाहाबाद से लखनऊ जाने वाली गंगा गोमती एक्सप्रेस ट्रेन को रोक दिया। इस दौरान ट्रैक पर उतकर प्रदर्शन किया। यह ट्रेन शहर के बैरहना इलाके में रोकी गई।

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समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने ट्वीट कर कहा, “समाजवादी पार्टी बीजेपी सरकार द्वारा शिक्षण संस्थानों में लागू आरक्षण विरोधी 13 प्वाइंट रोस्टर प्रणाली के सख्त विरोध में हैं। दलित, ओबीसी, पिछड़ा, कमजोर, वंचित विरोध केंद्रित ये नीति संविधान की उपेक्षा व अवहेलना है।”

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13 प्वाइंट रोस्टर सिस्टम के अनुसार, विश्‍वविद्यालयों के किसी विभाग में जब तक चार सीट नहीं होगी तब तक पिछड़ी जाति से कोई प्रोफेसर नहीं बन पाएगा। इसी तरह जब तक सात सीट एक साथ विज्ञप्ति नहीं होंगी तब तक कोई दलित प्रोफेसर नहीं आ पाएगा और 14 सीट नहीं आई तो कोई आदिवासी प्रोफेसर नहीं बन पाएगा। इस रोस्टर का कड़ा विरोध हो रहा है।

कांग्रेस विधानमंडल दल के नेता अजय कुमार लल्‍लू ने भारत बंद के दौरान प्रदर्शन कर इस तरह से तस्‍वीरें भी सोशल मीडिया पर शेयर की।

इन मुद्दों पर बुलाया गया है भारत बंद

उच्च शिक्षण संस्थानों की नियुक्तियों में 13 प्वाइंट रोस्टर की जगह 200 प्वाइंट रोस्टर लागू करने की मांग, शैक्षणिक और सामाजिक रूप से भेदभाव का सामना नहीं करने वाले सवर्णों को दिया जाने वाला दस फीसदी आरक्षण का प्रावधान रद्द हो, देशभर में 24 लाख खाली पदों को भरा जाए, 20 लाख आदिवासी परिवारों को वनभूमि से बेदखल करने के सुप्रीम कोर्ट के आदेश को पूरी तरह निरस्त करने के लिए अध्यादेश लाया जाए, ईवीएम का विरोध, पिछले साल दो अप्रैल के भारत बंद के दौरान बंद समर्थकों पर दर्ज मुकदमे वापस लिए जाएं।

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