राहुल का मोदी सरकार पर निशाना, भर्ती-बेरोजगारी से जुड़ी युवाओं कि समस्याओं का करें समाधान

बेरोजगारी

आरयू वेब टीम। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने शुक्रवार को एक बार फिर बेरोजगारी की स्थिति और कर्मचारी चयन आयोग व कुछ अन्य परीक्षाओं के परिणाम में विलंब को लेकर मोदी सरकार को निशाने पर लिया है। कांग्रेस नेता ने कहा कि सरकार को युवाओं के रोजगार से जुड़ी इन समस्याओं का समाधान करना चाहिए।

राहुल गांधी ने आज सोशल मीडिया के माध्‍यम से एक रिपोर्ट को ट्वीट कर कहा कि, ‘‘मोदी सरकार, रोजगार, बहाली, परीक्षा के परिणाम दो, देश के युवाओं की समस्या का समाधान दो।”

बता दें कि एक रिपोर्ट के अनुसार अगस्त में देश में बेरोजगारी की दर बढ़ी है। इसकी वजह यह रही कि मनरेगा के तहत गांवों में काम कम हो गया है और खरीफ की बुआई भी खत्म हो चुकी है। इसकी वजह से गांवों में बेरोजगारी बढ़ी है। सेंटर फॉर मॉनीटरिंग इंडियन इकॉनमी के मुताबिक गांवों में बेरोजगारी बढ़ने से अगस्त में देश में ओवरऑल रोजगार दर की गति पर विराम लग गया, जबकि जुलाई में यह 37.6 फीसदी थी। अगस्त में मामूली गिरावट के साथ 37.5 फीसदी रही। इससे बेरोजगारी दर बढ़कर 8.4 फीसदी पहुंच गई।

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बेरोजगारी दर अप्रैल और मई में 23.5 फीसदी के चरम स्तर पर पहुंच गई थी लेकिन इसके बाद से उसमें गिरावट आई है। जुलाई में यह 7.4 फीसदी पर आ गई थी लेकिन अगस्त में फिर 8.4 फीसदी पहुंच गई। जुलाई में देश में लेबर फोर्स की संख्या 42.4 करोड़ थी जो अगस्त में 42.8 करोड़ पहुंच गई। लेकिन इस बढ़ोतरी से बेरोजगारी की संख्या ही बढ़ी जो 3.2 करोड़ से बढ़कर 3.6 करोड़ हो गई।

सीएमआईई के विश्लेषण के मुताबिक अगस्त में रोजगार में रिकवरी थम गई और जुलाई की तुलना में 2 लाख कम रोजगार मिले। इस साल अगस्त में पिछले साल इसी महीने की तुलना में 1.07 करोड़ कम रोजगार मिले। यह जनवरी 2016 से लॉकडाउन के पहले तक किसी भी महीने की तुलना में कम हैं। सीएमआईई ने जनवरी 2016 से ही डायरेक्टली लेबर स्टैटिस्टिक्स का विश्लेषण शुरू किया था।

सीएमआईई के मुताबिक जुलाई तक देश में रोजगार की रिकवरी में ग्रामीण इलाकों की अहम भूमिका थी लेकिन अगस्त में यह स्थिति बदल गई। मनरेगा के तहत काम कम हो गया और खरीफ की बुआई का सीजन भी खत्म हो गया। इसके कारण ग्रामीण इलाकों में 37 लाख रोजगार कम हो गए। सीएमआईई का कहना है कि यह ग्रामीण इलाकों में संकट का संकेत है।

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