मानसून में भूलकर भी न करें इन सब्जियों का सेवन, स्वास्थ्य को उठाना पड़ सकता है नुकसान

न करें इन सब्जियों का सेवन

आरयू ब्यूरो,लखनऊ। मानसून के सीजन में चिलचिलाती गर्मी से राहत तो मिलती है, लेकिन ये मौसम आपके स्वास्थ्य के लिए इतना अच्छा नहीं होता है। बरसात में सर्दी, खांसी, फ्लू, फूड पॉइजनिंग आदि जैसी कई स्वास्थ्य समस्याओं का खतरा बढ़ जाता है। बदलते मौसम के कारण हमारी रोग प्रतिरोधक क्षमता यानी इम्युनिटी कमजोर हो जाती है। वहीं मानसून में कुछ सब्जियों से दूरी बनाकर रखनी चाहिए। जी हां, मानसून में आपको अगर स्वस्थ रहना है, तो इस सीजन में कुछ सब्जियों का सेवन न करें।

विशेषज्ञ बरसात के मौसम में खासतौर पर मेथी, पालक, ब्रोकोली, फूलगोभी और पत्तागोभी समेत कुछ अन्य हरी सब्जियां खाने से बचने की सलाह देते हैं। पत्तेदार सब्जियां आमतौर पर दलदली क्षेत्रों में उगती हैं, जो विभिन्न प्रकार के बैक्टीरिया, वायरस, फंगस, कीड़े और अन्य रोग पैदा करने वाले जीवों के बढ़ने के लिए अनुकूल होते हैं। क्योंकि मानसून के सीजन रोगाणुओं और जीवाणुओं के प्रजनन का समय होता है, जो पत्तेदार सब्जियों को दूषित कर सकता है। इसके अलावा जिस मिट्टी से पत्तेदार सब्जियों को उगाया जाता है, वह भी बरसात के पानी में दूषित हो जाते हैं। ऐसे में मानसून के सीजन में आपको पत्तेदार सब्जियों का सेवन नहीं करना चाहिए।

बैंगन- लगभग हर भारतीय घरों में बनाई जाती है। इसमें रासायनिक यौगिकों का एक समूह होता है जिसे एल्कलॉइड के रूप में जाना जाता है। यह केमिल सब्जियां में कीड़ों और कीटों से बैंगन को सुरक्षित रखता है, लेकिन बरसात के दिनों में काफी ज्यादा मात्रा में कीड़ें और कीट पनपनते हैं। ऐसे में इसका अधिक सेवन करने से बचना चाहिए। वहीं, कुछ लोगों को बैंगन में मौजूद एल्कलॉइड से एलर्जी की शिकायत होती है, जिसकी वजह से पित्ती, खुजली, मतली और त्वचा पर चकत्ते हो सकते हैं।

शिमला मिर्चा- गर्मियों में बहुत लोकप्रिय सब्जी है। यह न सिर्फ स्वादिष्ट होती हैं, बल्कि कई तरह के विटामिन्स, मिनरल्स और एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर होते हैं, हालांकि मानसून के सीजन के लिए यह एक हेल्दी आहार नहीं माना जाता है। इसके सेवन से कई तरह की समस्याएं पनप सकती हैं। दरअसल, शिमला मिर्च में ग्लूकोसाइनोलेट्स नामक रसायन होते हैं, जो काटने या चबाने पर आइसोथियोसाइनेट्स में टूट जाते हैं। बरसात में इसका सेवन करने से आपको इस केमिकल की वजह से मतली, उल्टी, दस्त और सांस लेने में समस्या हो सकती है।

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फूलगोभी- मानसून के सीजन में फूलगोभी में नमी की मात्रा अधिक हो जाती है। ऐसे में बरसात के दिनों में गोभी का सेवन अधिक मात्रा में नहीं करना चाहिए। दरअसल, मानसून में फूलगोभी से परहेज करने का मुख्य कारण यह है कि इसमें ग्लूकोसाइनोलेट्स नामक यौगिक होते हैं जो एलर्जी या इसके प्रति संवेदनशील लोगों के लिए समस्या पैदा कर सकते हैं। इन रासायनिक यौगिकों से बचने का सबसे अच्छा तरीका यह है कि आप इसका सेवन बिल्कुल न करें।

डिस्क्लेमर: यह लेख केवल सामान्य जानकारी के लिए है। यह किसी भी तरह से किसी दवा या इलाज का विकल्प नहीं हो सकता। ज्यादा जानकारी के लिए हमेशा अपने डॉक्टर से संपर्क करें।

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