पैराडाइज पेपर्स मामले में भाजपा सांसद समेत कुल 714 भारतीयों के नाम शामिल

पैराडाइज पेपर्स

आरयू इंटरनेशनल डेस्‍क। 

भ्रष्‍टाचार और कालाधान जैसे मुद्दे को उठाकर सत्‍ता में आयी भारतीय जनता पार्टी की मुश्किलें पैराडाइज पेपर्स के खुलासे से बढ़ सकती है। खासकर यह मामला ऐसे समय में जबकि सत्तारुढ़ भाजपा देश भर में काला धन विरोधी दिवस मनाने की तैयारी कर रही है। ठीक उससे पहले पैराडाइज पेपर्स नाम से हुए खुलासे में आईसीआईजे की ओर से कर चोरों के स्वर्ग माने जाने वाले देशों की कंपनियों से मिले दस्तावेजों की पड़ताल के बाद केंद्रीय राज्य मंत्री जयंत सिन्हा और भाजपा के राज्यसभा सांसद आर.के. सिन्हा की मुश्किलें बढ़ गयी हैं।

प्राप्‍त जानकारी के अनुसार दोनों ने ही अपने-अपने बयानों में किसी भी अवैध आर्थिक गतिविधि में संलिप्त होने से इंकार किया है। जयंत सिन्हा ने कहा है कि मैंने मंत्री बनने से पहले ही उक्त फर्म से इस्तीफा दे दिया था। दूसरी ओर जब आर.के. सिन्हा से उनकी प्रतिक्रिया मांगी गयी तो उन्होंने 7 दिन के मौन व्रत का हवाला देते हुए कुछ भी कहने से इंकार कर दिया।

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अंग्रेजी समाचारपत्र में प्रकाशित एक रिपोर्ट के मुताबिक, ‘सांसद बनने से पहले जयंत सिन्हा ओमिडयार नेटवर्क में बतौर मैनेजिंग डायरेक्टर काम करते थे। ओमिडयार नेटवर्क ने अमेरिकी कंपनी डी डॉट लाइट डिजाइन में निवेश कर रखा था। डी डॉट लाइट डिजाइन की एक शाखा केमैन आइलैंड में भी स्थित थी। विदेशी कानूनी सलाह देने वाली कंपनी एप्पलबी के दस्तावेज के अनुसार जयंत सिन्हा ने इसमें डिजाइन के डायरेक्टर के तौर पर भी सेवाएं दी थीं, लेकिन अपने चुनावी हलफनामे में उन्होंने इसकी कोई जानकारी नहीं दी थी।

रिपोर्ट के मुताबिक भारत में ओमिडयार नेटवर्क ने क्विकर, अक्षरा फाउंडेशन, अनुदीप फाउंडेशन, एस्पाइरिंग माइंड्स और हेल्थकार्ट में निवेश किया है। इनके साथ ही जिन अन्य भारतीयों के नाम इस सूची में हैं उनमें बॉलिवुड के महानायक अमिताभ बच्चन भी शामिल हैं। बच्चन के बरमूडा में एक कंपनी में शेयर्स होने का खुलासा हुआ है। उनका नाम इससे पहले पनामा पेपर्स में भी सामने आया था। भाजपा के राज्यसभा सांसद और कारोबारी आरके सिन्हा की कंपनी एसआईएस सिक्यॉरिटीज का नाम भी सूची में है। अभिनेता संजय दत्त की पत्नी मान्यता के पुराने नाम नाम दिलनशीं और लॉबिस्ट नीरा राडिया का भी इस सूची में जिक्र है।

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वहीं रिपोर्ट में राजस्थान में अशोक गहलोत सरकार के दौरान हुए एंबुलेंस घोटाले का जिक्र करते हुए कहा गया है कि एप्पलबी ने मॉरीशस में एक कंपनी रजिस्टर करवाई थी जिसके संस्थापकों में पूर्व केंद्रीय मंत्री और वरिष्ठ कांग्रेस नेता व्यालार रवि के बेटे रवि कृष्णा भी थे। 2014 में राजस्थान पुलिस ने जब एंबुलेंस घोटाला मामले में शिकायत दर्ज की तो अशोक गहलोत, कार्ति चिदंबरम, सचिन पायलट और रवि कृष्णा पर भी आरोप लगाए गए थे।

रिपोर्ट में कहा गया है कि जब वीरप्पा मोइली संप्रग सरकार में केंद्रीय मंत्री थे तब उनके बेटे हर्षा मोइली की कंपनी को बाहर से काफी निवेश मिला। रिपोर्ट में फोर्टिस-एस्कॉर्ट्स के चेयरमैन डॉ. अशोक सेठ का भी नाम है जिन्हें सिंगापुर की एक स्टेंट बनाने वाली कंपनी के शेयर दिये गये। डॉ. सेठ को पद्म भूषण और पद्मश्री सम्मान से सम्मानित किया जा चुका है।

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बता दें कि जर्मनी के एक अखबार ने कर चोरों के स्वर्ग माने जाने वाले 19 देशों में कराई गई कार्पोरेट रजिस्ट्रियों से जुड़े करीब एक करोड़ 34 लाख दस्तावेज हासिल किए और ये सभी दस्तावेज इंटरनेशनल कॉन्सार्शियम ऑफ इन्वेस्टिगेटिव जर्नलिस्ट (आईसीआईजे) के साथ साझा किए। आईसीआईजे की टीम के सदस्यों ने इन दस्तावेजों की गहन पड़ताल की। इसके साथ ही इंडियन एक्सप्रेस जोकि आईसीआईजे का सदस्य है उसने भारत से संबंधित दस्तावेजों की पड़ताल कर यहां की कंपनियों के नाम निकाले। इस पूरी रिपोर्ट में कुल 714 भारतीयों के नाम बताये जा रहे हैं।

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