आरयू ब्यूरो,
लखनऊ। मेरठ में नवनिर्वाचित मेयर पार्षदों के शपथ ग्रहण समारोह में वंदे मातरम् पर खड़े न होने को लेकर भाजपा के हमले झेल रही बसपा सुप्रीम ने आज पलटवार किया है। उन्होंने बीजेपी पर जातिवादी, सस्ती व घिनौनी राजनीति करने का आरोप भी लगाया। मायावती ने कहा कि बसपा राष्ट्रगान और राष्ट्रगीत वन्दे मातरम् सहित मातृ भूमि का पूरा आदर-सम्मान करती है तथा देशहित को हमेशा पहली प्राथमिकता देती है।
मायावती ने बीजेपी पर जातिवादी, सस्ती और घिनौनी राजनीति करने का आरोप लगाते हुए इसे न करने की नसीहत भी दी। साथ ही अपनी पार्टी के बचाव में खड़े होते हुए कहा कि शपथ-ग्रहण समारोह के कार्यक्रम को सरकारी अधिकारियों को ही कानून के हिसाब से उसे संचालित करने के लिये छोड़ देना चाहिए था, ताकि सब कुछ सुचारु रुप से हो सके, लेकिन बीजेपी के सदस्यों ने इसके बजाय इसे अपने हिसाब से संचालित करने के क्रम में बसपा के विरुद्ध नारेबाजी शुरु कर दी और इसी दौरान वन्दे मातरम् भी गाना शुरु कर दिया। ऐसे में लोग समझ ही नहीं पाए कि इस अफरातफरी में देश गान भी गाया जा रहा है। इसलिए ऐसे समय में अगर नवनिर्वाचित मेयर सुनीता वर्मा स्वयं खड़ी नहीं हो पायीं तो कम-से-कम अधिकारियों को इसका संज्ञान लेकर उनको बताना चाहिए था।
उन्होंने आगे कहा कि लोक तान्त्रिक परम्पराओं के निर्वहन में बसपा कभी किसी से पीछे नहीं रही है और इसी कारण संसद व विधानसभा के उद्घाटन सत्र में राष्ट्रगान व राष्ट्रगीत की जो परम्परा चली आ रही है उसका कभी भी विरोध नहीं किया है, बल्कि उसका पूरी तरह से अनुपालन सुनिश्चित किया है। इसलिए नवनिर्वाचित मेयर व पार्षदों के शपथ-ग्रहण समारोह में वन्दे मातरम् गाने की परम्परा है तो बसपा उसका पूरी तरह से अनुपालन करती है।
यह बाबा साहेब डा. अम्बेडकर की सीख है, जबकि बीजेपी धर्म, देशभक्ति, राष्ट्रवाद, राष्ट्रगण, राष्ट्रगीत आदि के नाम पर सस्ती राजनीति करके इन मुद्दों को विवाद का विषय बना रही है हालांकि देशहित की माँग है कि इन मामलों को पूरा-पूरा सम्मान देते हुए इन पर किसी भी प्रकार का कोई विवाद नहीं पैदा किया जाए।
बसपा पर खीझ निकालने के बजाए अपने अंदर झांके
मायावती ने शहरी निकाय के चुनाव में भाजपा पर तंज कसते हुए कहा कि सरकारी मशीनरी का दुरुपयोग करने के बावजूद बीजेपी के लगभग आधे प्रत्याशी अपनी जमानत तक नहीं बचा पाये हैं, जिसका क्रोध व खीझ उन्हें बसपा पर निकालने के बजाय अपने अन्दर झांक कर देखना चाहिए कि जनता उनसे इतनी ज़्यादा क्रोधित व आक्रोशित क्यों हैं? बीजेपी एण्ड कम्पनी के लोग हर मामले को विवादित बनाकर अपनी राजनीतिक रोटी सेंकते रहना चाहते हैं।
मोदी ने की सस्ती राजनीत की शुरूआत
यूपी की पूर्व मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री की मोदी ने केवल बीजेपी के विजयी मेयरों को ’’प्रधानमंत्री निवास’’ दावत पर बुलाया। बीजेपी मेयरों के लिए अगर यह कार्यक्रम बीजेपी के मुख्यालय में आयोजित किया जाता तो ठीक था, परन्तु प्रधानमंत्री निवास को भी राजभवन की तरह बीजेपी व आरएसएस की गतिविधि के लिए इस्तेमाल किया जाने लगेगा तो फिर बीजेपी के अन्य लोग राष्ट्रगान, राष्ट्रगीत व देशभक्ति आदि मुद्दों को राजनीतिक अखाड़ेबाजी के रूप में क्यों नहीं इस्तेमाल करेंगे।
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