बोले अखिलेश, UP में डबल इंजन की सरकार होने के बाद भी आज तक प्रधानमंत्री व मुख्‍यमंत्री के क्षेत्र में नहीं पहुंच सकी मेट्रो

अखिलेश यादव
फाइल फोटो।

आरयू ब्‍यूरो, लखनऊ। यूपी के पूर्व मुख्‍यमंत्री अखिलेश यादव ने रविवार को योगी सरकार की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाएं हैं। अखिलेश ने बेरोजगारी,  सरकारी नौकरियों में भर्ती प्रक्रिया को लेकर भाजपा सरकार पर हमला बोलने के साथ ही कहा है कि उत्‍तर प्रदेश में डबल इंजन की सरकार है, लेकिन इसके बाद भी आज तक प्रधानमंत्री के क्षेत्र वाराणसी व मुख्‍यमंत्री के क्षेत्र गोरखपुर में आज तक मेट्रो नहीं पहुंच पायी है।

अपने एक बयान में सपा अध्‍यक्ष ने पत्रकारों से आश्‍चर्य जताते हुए कहा  कि अजीब बात है कि डबल इंजन की सरकार होते हुए भी उत्तर प्रदेश में मेट्रो की गाड़ी टस से मस नहीं हुई। सपा सरकार ने इसकी शुरूआत लखनऊ से की थी, आज भी यह यहीं तक सीमित है। मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री के क्षेत्रों की जनता आज तक मेट्रो के दर्शन नहीं कर सकी।

भाजपा सरकार की गलत नीतियों के चलते पिछड़ता जा रहा प्रदेश 

हमला जारी रखते हुए अखिलेश ने कहा कि भाजपा सिर्फ अपने राजनीतिक विस्तार और सत्ता पर एकाधिकार को ही विकास मानती है। यही कारण है कि प्रदेश में विकास कार्य अवरूद्ध हैं और समाजवादी सरकार ने जो योजनाएं लागू की थी, उन्हें बढ़ाने के बजाय धीरे-धीरे खत्म करने की साजिशें हो रही है। युवाओं के प्रति तो उसका रवैया शुरू से ही संवेदनाशून्य रहा है। भाजपा सरकार की गलत नीतियों के चलते उत्तर प्रदेश पिछड़ता ही जा रहा है। कानून-व्यवस्था और कारोबार दोनों चौपट हैं। परेशान हाल नौजवान आत्महत्या कर रहे हैं।

सरकारी नौकरियों में भी लागू हो जाएगी ठेका प्रथा 

पूर्व सीएम ने आगे कहा कि भाजपा सरकार अब युवाओं के विरोध में आ गई है। समूह ख व ग की भर्ती प्रक्रिया में बदलाव किया जा रहा, जिससे सरकारी नौकरियों में भी ठेका प्रथा लागू हो जाएगी। परीक्षा से आए समूह ख व ग के कर्मचारियों को पहले पांच साल तक संविदा पर रखा जाएगा। पांच वर्ष की कठिन संविदा प्रक्रिया में छंटनी से वे जब बच पाएंगे तभी पक्की नौकरी मिल पाएगी। अभी तक भर्ती के लिए चयनित कर्मी को एक या दो वर्ष के प्रोबेशन पर नियुक्ति मिलती है और उसे नियमित कर्मी की तरह वेतन व अन्य लाभ प्राप्त होते रहे हैं।

यह भी पढ़ें- कोरोना काल में लखनऊ में फिर शुरू हुई मेट्रो सेवा, मास्‍क व सैनिटाइजर के साथ नजर आएं यात्री

राज्य सरकार के नए नियम लागू होने पर चयनित कर्मी को नियमित सरकारी सेवकों को अनुमन्य लाभ नहीं मिलेंगे। उस पर सरकारी सेवक अनुशासन एवं अपील नियमावली 1999 भी लागू नहीं होगी। यानी इन संविदा कर्मियों का कोई अधिकार और भविष्य नहीं होगा। सरकार जब चाहे उन्हें बाहर निकाल सकेगी। संविदा कर्मी को कार्य अवधि में पूरा वेतनमान भी नहीं मिलने वाला है।

बंधुआ मजदूर बनकर रहेगा कर्मचारी 

अखिलेश ने आरोप लगाते हुए यह भी कहा कि भाजपा सरकार का इरादा है कि अब किसी को भी सुरक्षित नौकरी नहीं मिले। कर्मचारी को संविदाकाल में पदनाम के पहले सहायक पदनाम से नियुक्ति मिलेगी। उसकी दक्षता परीक्षा में 60 प्रतिशत से कम अंक आने पर सेवा समाप्त हो जाएगी। इस तरह तो संविदा काल का कर्मचारी पूरी तरह बंधुआ मजदूर बनकर रहेगा। इससे निश्‍चित ही भाजपा सरकार प्रदेश के नौजवानों का भविष्य अंधेरे गर्त में ढकेलने का काम कर रही है। उसकी मंशा युवाशक्ति के पूर्ण शोषण और उसे कुंठित कर अपने स्वामिभक्त सेवक में तब्दील कर देने की है। युवा विरोधी कदम उठाकर भाजपा ने अपना असली चेहरा उजागर कर दिया है। इसका सदन से सड़क तक विरोध होना स्वाभाविक है।

आत्महत्या के लिए किया जा रहा मजबूर

अखिलेश ने योगी सरकार पर एक और गंभीर आरोप लगाते हुए आज कहा है कि सपा सरकार ने महिलाओं से संबंधित अपराध नियंत्रण के लिए 1090 वूमेन पावर लाइन सेवा शुरू की थी। इसे खत्म करने की साजिशें हो रही है। समाजवादी सरकार ने महिला सशक्तीकरण के लिए जनकल्याण की 181 महिला हेल्पलाइन सेवा शुरू की थी भाजपा सरकार इसको भी समाप्त कर रही है। इससे जुड़ी कर्मचारियों को साल भर से वेतन नहीं देकर उन्हें आत्महत्या के लिए मजबूर किया जा रहा।

यह भी पढ़ें- अखिलेश का CM योगी से सवाल, तीन साल में एक्‍सप्रेस-वे, मेट्रो, रिवर फ्रंट, JPNIC व जनेश्‍वर पार्क से बेहतर क्‍या बनाया