तालिबान मामले पर बोले सीडीएस बिपिन रावत, भारत किसी भी आतंकवादी गातिविधियों से निपटने को तैयार

बिपिन रावत

आरयू वेब टीम। अफगानिस्तान के 33 प्रांतों पर तालिबान का राज है। मीडिया के माध्यमों से सामने आ रही तस्वीरों के जरिये वहां की स्थित की भयावता का अंदाजा लगाया जा सकता है। तालिबान के इस कदम ने न सिर्फ आफगानिस्‍तानी नागरिकों, बल्कि अन्‍य देशों को भी चिंता में डाल दिया है। इसी बीच भारत के सीडीएस जनरल बिपिन रावत का बयान सामने आया। जिसमें बिपिन रावत ने स्‍पष्‍ट रूप से कहा कि भारत किसी भी तरह की आतंकवादी गातिविधियों से निपटने के लिए तैयार है।

दरअसल जनरल बिपिन रावत ने ‘भारत-अमेरिका साझेदारी: 21वीं सदी की सुरक्षा’ कार्यक्रम में कहा कि हमने तालिबान के शासन का अनुमान लगाया था। अफगानिस्तान के विषय पर उन्होंने कहा कि जो कुछ हुआ है वह कुछ ऐसा था जिसका अनुमान लगाया गया था, केवल समय बदल गया है। भारतीय नजरिए से देखा जाए तो हम तालिबान के अफगानिस्तान पर कब्जे का अनुमान लगा रहे थे।

उन्होंने कहा कि हम इस बात से चिंतित थे कि अफगानिस्तान से आतंकवादी गतिविधि भारत में कैसे फैल सकती है। इसलिए इससे निपटने के लिए हमारी आकस्मिक योजनाएं चल रही थी। ऐसे में आप यह कह सकते हैं कि भारत किसी भी तरह की आतंकवादी गतिविधियों से निपटने के लिए तैयार हैं।

बिपिन रावत ने कहा कि तालिबान ने जिस तेजी से अफगानिस्तान पर कब्जा किया है उसने हमें चौंकाया है, लेकिन भारत हर स्थिति के लिए तैयार है। सीडीएस ने कहा कि समाचार रिपोर्ट और वहां से आए प्रवासियों की खबरें हमें बता रही हैं कि तालिबान किस तरह की गतिविधियां कर रहा है। बस इतना हुआ है कि तालिबान ने अपने साथी बदल लिए हैं। अलग-अलग साझेदारों के साथ यह वही तालिबान है।

यह भी पढ़ें- काबुल एयरपोर्ट से करीब डेढ़ सौ भारतीयों को ले गया तालिबान, लंबी पूछताछ के बाद छोड़ा

जनरल रावत ने हिंद-प्रशांत क्षेत्र और अफगान समस्या को अलग-अलग करार दिया और कहा कि इन दोनों को एक ही चश्मे से देखना ठीक नहीं। उन्होंने कहा, “यह दोनों पूरी तरह अलग-अलग मुद्दे है। हां, ये दोनों मामले क्षेत्र की सुरक्षा के लिए चुनौती पेश करते हैं, लेकिन ये दोनों अलग-अलग सतह पर हैं। यह दो समानांतर रेखाएं हैं, जो शायद ही कभी मिलें।”

जनरल रावत ने आगे कहा, “मुझे लगता है कि अगर सहयोग से आतंकियों की पहचान या आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में कुछ खुफिया जानकारी मिले, तो इसका स्वागत होगा।” “क्षेत्र में जब कहीं कुछ समस्या होती है, तो हमें उसकी चिंता होती है। हमारे उत्तर पर मौजूद पड़ोसी (चीन) ही नहीं, बल्कि हमारी पश्चिमी सीमा (पाकिस्तान) पर मौजूद पड़ोसी के पास भी परमाणु हथियार हैं। इसलिए हम दो ऐसे पड़ोसियों से घिरे हैं, जिनके पास ये कूटनीतिक हथियार हैं।”

उन्होंने कहा कि इसीलिए हम अपनी नीतियां लगातार विकसित कर रहे हैं। हम अपने पड़ोसियों के एजेंडे को समझने की कोशिश में है। हम इसी हिसाब से अपनी क्षमता विकसित कर रहे हैं। पारंपरिक तौर पर हम काफी मजबूत हैं और किसी भी दुश्मन से अपनी पारंपरिक सेना के जरिए ही निपटने में सक्षम हैं।

यह भी पढ़ें- बाइडेन ने ठहराया अफगानिस्तान की स्थिति के लिए उसके नेता को जिम्मेदार, तालिबान को दी चेतावनी, नागरिकों की सुरक्षा को लेकर भी कहीं ये बातें