आरयू ब्यूरो, लखनऊ। नागरिकता संशोधन कानून, एनआरसी और एनपीआर के विरोध में प्रदर्शन राजधानी लखनऊ के ऐतिहासिक घंटाघर पर 33वें दिन जारी रहा। वहीं इसी क्रम में गुरुवार से अनिश्चितकालीन उपवास शुरू कर दिया गयाा है। इस बीच प्रदर्शनकारी महिलाओं का समर्थन करने अलग-अलग समाजिक संगठन लगातार घंटाघर पहुंच रहे हैं।
लखनऊ में प्रदर्शन कर रही महिलाएं अपने प्रदर्शन को उपवास के जरिए धार देने का ऐलान कर चुकी हैं। आज से महिलाओं का उपवास शुरू हो गया है। उपवास कर रही महिलाओं में शबीह फातिमा, नसरीन, रूखसाना, जिया, रानी, रेशमा, अफसर जहां, मुस्कान, गुलनाज बानो, सुमन गायत्री समेत सैकड़ों महिलाएं शामिल हैं।
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उपवास कर रही महिलाओं का कहना है कि 33 दिन से चल रहे प्रदर्शन के दौरान सरकार की तरफ से कोई भी बात करने नहीं आया, जबकि पुलिस प्रशासन की तरफ से प्रदर्शन खत्म करने को लेकर लगातार दवाब बनाया जा रहा है, लेकिन अब हम डरने वाले नहीं हैं। सरकार को हमसे बात करने आना पड़ेगा और जिस कानून के खिलाफ हम अपना नारा बुलंद कर रहे हैं उसके लिए अगर हमे अपनी जान भी देनी पड़ी तो हम देंगे।
गौरतलब है कि घंटाघर पर शांतिपूर्ण प्रदर्शन के दौरान बुधवार को भोपाल के ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट राजन सिंह ने घंटाघर पहुंच कर महिलाओं को अपना समर्थन दिया। उन्होंने कहा कि वर्तमान समय में देश का युवा रोजगार और महिलाएं सुरक्षा मांग रही हैं। ऐसे में सीएए जैसा गैर जरूरी कानून लाकर जनता को उलझाया जा रहा है। इतनी बड़ी संख्या में लोग इस कानून का विरोध कर रहे हैं तो सरकार को भी लोगों की भावनाओं का ख्याल रखते हुए उनकी बात सुनते हुए इस कानून पर अपने कदम पीछे करने चाहिए।