आरयू ब्यूरो, लखनऊ/हाथरस। हाथरस में दलित युवती से गैंगरेप व हत्या के सनसनीखेज मामले की जांच अब केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआइ) करेगी। एजेंसी ने 14 सितंबर को 19 वर्षीय दलित लड़की के कथित सामूहिक बलात्कार के मामले में जांच का जिम्मा शनिवार को संभाल लिया है।
घटना के बाद हंगामा मचने पर योगी सरकार ने एसआइटी का गठन किया था। जिसे सात दिन में रिपोर्ट सौंपनी थी। लेकिन, बीते दिनों दस दिनों का और समय दिया गया है।
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वहीं दलित युवती के परिवार व विपक्ष के एसआइटी जांच से संतुष्ट नहीं होने पर योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली उत्तर प्रदेश सरकार ने हाथरस मामले की जांच सीबीआइ से कराने की सिफारिश की थी।
योगी सरकार ने इस संबंध में केंद्र सरकार को पत्र भी भेजा था। वहीं, सुप्रीम कोर्ट से भी यूपी सरकार ने अपील की थी कि मामले की जांच सीबीआइ से अपनी निगरानी में कराई जाए।
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पीड़िता को रीढ़ की हड्डी में चोट और लकवा जैसी गंभीर स्थिति में बीते महीने सोमवार को सफदरजंग अस्पताल रेफर किया गया था। जहां 29 सितंबर को उसकी मौत हो गई।
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वहीं मामले में सोमवार को इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच सुनवाई करेगी। यूपी प्रशासन पर आरोप है कि पीड़िता का शव उसके परिवार की बिना अनुमति के आधी रात बाद जला दिया गया। अंतिम संस्कार के वक्त परिवार के सदस्यों को बंद कर दिया गया था।