आरयू वेब टीम।
लंबे इंताजार के बाद भारतीय बैंकों का नौ हजार कराड़ रुपए लेकर भागने वाला विजय माल्या सलाखों के पीछे जल्द ही आपको दिख सकता है। कहा जा रहा है शराब कारोबारी को लाने के लिए सीबीआई के निदेशक राकेश अस्थाना की अगुआई में एक टीम लंदन पहुंची है। टीम में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के अधिकारी भी शामिल है।
पिछले महीने ही माल्या को लंदन में ही गिरफ्तार किया गया था, लेकिन साथ ही उन्हें सशर्त जमानत भी दे दी गयी थी, जिसके बाद से ही सरकार की ओर से उन्हें भारत लाने की दिशा में कदम उठाये जा रहे हैं। कहा तो यह भी जा रहा है कि माल्या को भारत लाने की अपील पर स्कॉटलैंड यार्ड पुलिस ने गिरफ्तार किया था। दोनों देशों के बीच माल्या को लेकर एक समझौता भी किया गया है।
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वहीं मोदी सरकार के लिए भी विजय माल्या को भारत वापस लाना किसी बड़ी चुनौती से कम नहीं है। भारत ने ब्रिटेन से माल्या के प्रत्यर्पण को लेकर कूटनीतिक तरीकों का भी इस्तेमाल किया है। लेकिन अभी यह मामला वहां की कोर्ट में है, जिसके बाद भी माल्या की गिरफ्तारी के बाद ब्रिटिश अदालतों में उनके प्रत्यर्पण की प्रक्रिया शुरू हो गयी है। इसी सिलिसले में भारत से सीबीआई के वरिष्ठ अधिकारी के साथ एक टीम लंदन गयी है।
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अंदेशा तो इस बात का भी जताया जा रहा है कि विजय माल्या अपने प्रत्यर्पण को चुनौती दे सकते हैं। अपने प्रत्यर्पण को माल्या मानवाधिकार का उल्लंघन साबित करने की भी कोशिश कर सकते हैं। ब्रिटेन के एक वकील का कहना था कि 17 मई को ये केस अदालत के पास आयेगा। सुनवाई में जिला जज दोनों पक्षों से सबूत मांगने का आदेश दे सकते हैं। इसके लिए सुनवाई की तारीख तय की जा सकती है।
बाता दें कि विजय माल्या पर 17 भारतीय बैंकों से 9,000 करोड़ से अधिक का कर्ज लें रखा है। कर्च चुकाने के बजाए माल्या देश छोड़ कर चला गया है, जिसके बाद कर्ज न चुकाने और विदेश चले जाने पर माल्या को भारत सरकार ने भगोड़ा घोषित कर दिया है। वह वर्ष 2016 से ब्रिटेन में ही रह रहा है।