आरयू ब्यूरो,
लखनऊ। मोदी सरकार के चार साल पूरे होने पर शनिवार को जहां कांग्रेस, बसपा व सपा समेत तमाम विरोधी दलों ने विरोध-प्रदर्शन और सोशल मीडिया के जरिए जमकर निशाना साधा। वहीं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. महेंद्र नाथ पाण्डेय ने केंद्र सरकार के कार्यों पर रोशनी डालते हुए मीडिया से रूबरू कराया। बीजेपी के प्रदेश मुख्यालय पर आयोजित एक प्रेसवार्ता में साथ आए सीएम और प्रदेश अध्यक्ष ने मोदी सरकार की देश में किए गए जनहित के कार्यों और विदेश में किए गए खासकर देश हित के कामों पर ‘साफ नियत सही विकास’ के नारे के साथ रिपोर्ट कार्ड पेश किया।
महेंद्र पाण्डेय ने उदाहरण देते हुए पत्रकारों से कहा कि जहां सरकार में होना और भ्रष्टाचार उसका पर्यायवची हो जाता था पर आज साफ स्वयं के नैतिक बल पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चार साल एक ऐसी सरकार चलाई जो साफ-सुथरे तरीके से काम करने का श्रेष्ठ उदाहरण प्रस्तुत कर रही है।
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प्रदेश अध्यक्ष ने चार साल के कार्यकाल में अर्जित उपलब्धियों को गिनाते हुए कहा कि इजराइल और अमेरिका के बाद मोदी जी के ही शासनकाल में भारत ही तीसरा ऐसा राष्ट्र बना जिसने जनभावनाओं को आकार देते हुए पकिस्तान में घुसकर सर्जिकल स्ट्राइक जैसा कड़ा ऑपरेशन सफलतापूर्वक किया तथा लद्दाख में जहां चीन के सैनिक हमारे क्षेत्र में घुसते थे, वहीं भूटान के सीमा परिक्षेत्र डोकलाम में हमने बढ़कर चीनी सैनिकों को पीछे हटने के लिए मजबूर किया।
लाखों रुपये वाला हार्ट स्टंट हजारों में मिल रहा
महेंद्र पाण्डेय ने आगे कहा कि देश की जनता के हित के लिए हार्ट स्टंट जो लाखों रूपयों में मिलता था, आज वह 26 से 28 हजार रूपये में मिल रहा है, नीम प्लांट जो कि आम आदमी के लिए कठिन था उसके 70 प्रतिशत तक के दाम में भी कमी की गई।
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मोदी सरकार को किसानों का हितैषी बताते हुए प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना, स्वायल हेल्थकार्ड ये दो योजनाएं कृषि क्षेत्र में दो गुनी आय के लिए बड़ा क्रांतिकारी कदम है। पूरे देश में यूरिया की मारामारी होती थी, उत्तर पूर्व पश्चिम भारत में लाइनें लगती थी, लेकिन मोदी जी के छोटे से प्रयोग नीमकोटिंग से यूरिया का दुरूयोग बंद हुआ।
इसके अलावा सरकार ने कई नीतिगत निर्णय भी लिए। महेंद्र पाण्डेय ने बिना मुस्लिम समुदाय का नाम लिए कहा कि तीन तलाक लागू कराने के साथ ही मोदी सरकार ने कट्टपंथियों को सोचने पर मजबूर किया कि आज वह अपने पाठ्यक्रमों में भी बदलाव करने जा रहे हैं।
मध्यवर्गीय समाज को 20 लाख रूपये तक ग्रेच्युटी में कर छूट
इसके साथ ही महेंद्र पाण्डेय ने टैक्स में मध्यवर्गीय समाज को 20 लाख तक ग्रेच्युटी में कर छूट, जिन महिलाओं का कोई नहीं उनके लिए स्वआधार योजना की शुरूआत, 10 राज्यों के ओडीएफ मुक्त होने समेत अन्य फैसलों को मोदी सरकार की बड़ी उपलब्धि बताया।
वहीं इस दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मनमोहन सिंह की पूर्व को निशाने पर लेते हुए पत्रकारों से कहा कि नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के समय देश में अविश्वास व असुरक्षा का वातावरण था, भ्रष्टाचार चरम पर था, देश की सीमाएं असुरक्षित थी, देश का एक बड़ा भू-भाग नक्सली हिंसा की चपेट में था, नौजवानों में हताशा थी।
साथ ही किसान आत्महत्या करने के लिए मजबूर था, नरेंद्र मोदी ने शपथ लेते ही यह स्पष्ट कहा था कि हमारी सरकार 125 करोड़ देशवासियों के लिए समर्पित होंगी। गांव, गरीब, किसान, नौजवान और महिलाएं पहली बार जाति, मत, मजहब से उपर उठकर किसी सरकार के एंजेण्डे के हिस्से बने थे और उन सभी को ध्यान रखकर योजनाएं बनाई गई। कालेधन के खिलाफ एसआईटी का गठन किया गया जिसमें भ्रष्टाचार व आंतकवाद पर कड़ा प्रहार करने की कड़ी में नोटबंदी जैसे कडे़ फैसले लिए गए।
भ्रष्टाचार पर बात करते हुए योगी ने कहा कि इस देश में एक प्रधानमंत्री एक समय अपनी लाचारगी दिखा चुके थे कि भारत सरकार अगर 100 रूपये भेजती है तो नीचे तक मात्र 10 रूपये ही पहुंच पाता है। इस पर नरेंद्र मोदी ने एक प्रधानमंत्री के रूप में यह घोषणा की कि अगर हम 100 रूपये भेजेंगे तो 100 रूपये निचले स्तर तक अवश्य पहुंचेगा। जिसके लिए उन्होंने डीबीटी के माध्यम से धनराशि को गरीबों, किसानों तथा समाज के अन्तिम व्यक्ति तक पहुंचाने का काम किया।
मुख्यमंत्री ने मोदी सरकार की बड़ाई करते हुए आगे कहा कि इतना ही नहीं जनधन योजना, आयुष्मान भारत योजना जैसे एक सौ से अधिक योजनाओं के माध्यम से समाज कल्याण के लिए सभी भेदभाव समाप्त कर काम कर रही है।
18 राज्य खुले में शौच से मुक्त
इस दौरान कुछ आंकड़ों पर भी बात करते हुए सीएम ने कहा कि प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना जिससे पूरे देश में एक अप्रैल 2016 के 61.9 प्रतिशत की तुलना में एक अप्रैल 2018 को बढ़कर 80.9 प्रतिशत हो गया है। आज करोड़ महिलाएं अपने घर में स्वच्छ ईधन का इस्तेमाल कर सकने में समर्थ हैं, स्वच्छ भारत अभियान में तीन अप्रैल 2018 तक देश के 3.44 लाख गांव, 360 जिले, 15 राज्य व तीन केन्द्र शासित राज्य खुले में शौच से मुक्त हो चुके।