चरनजीत सिंह चन्नी होंगे पंजाब के नए CM

चरनजीत सिंह चन्नी
चरनजीत सिंह चन्नी।

आरयू वेब टीम। पंजाब में नए मुख्यमंत्री के नाम को लेकर चल रही उठापटक के बीच कांग्रेस नेतृत्व ने नए मुख्यमंत्री के नाम की घोषणा कर दी है। अब पंजाब के नए सीएम चरनजीत सिंह चन्नी होंगे। पंजाब कांग्रेस के प्रभारी हरीश रावत ने इसकी जानकारी दी।

चन्नी पंजाब में कांग्रेस का दलित चेहरा हैं, हालांकि इससे पहले सुखजिंदर सिंह रंधावा का नाम लगभग तय हो चुका था, लेकिन उसको लेकर पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू ने नाराजगी जताई थी। यहां तक कि उन्होंने अपना फोन भी बंद कर लिया था। जानकारी के अनुसार रंधावा के नाम पर सिद्धू गुट में नाराजगी थी, जिसको लेकर सिद्धू समर्थक कुलदीप सिंह जीरा के घर बैठक चल रही थी।

पार्टी महासचिव और पंजाब प्रभारी हरीश रावत ने एक ट्वीट में कहा, मुझे यह घोषणा करते हुए बेहद खुशी हो रही है कि चरणजीत सिंह चन्नी को सर्वसम्मति से पंजाब कांग्रेस विधायक दल का नेता चुना गया है। मुख्यमंत्री पद के लिए नाम का ऐलान होने के बाद चरनजीत सिंह चन्नी राज्यपाल बनवारी लाल से राजभवन में मिले।

चरन​जीत सिंह चन्नी नवजोत सिंह सिद्धू खेमे के मानें जाते हैं। चन्नी तीन बार नगर पार्षद रहे हैं और तीन बार ही नगर परिषद खरड़ के अध्यक्ष भी रहे हैं। चरनजीत 2007 में पहली बार पंजाब विधानसभा के लिए चुने गए। इसके बाद वह 2012 और 2017 में फिर से विधायक बने। चन्नी ने कैप्टन अमरिंदर सिंह की सरकार में टेक्निकल, एजुकेशन और इंडस्ट्रियल जैसे बड़े मंत्रालयों की जिम्मेदारी भी संभाली। 14वीं विधानसभा में उनको विपक्ष के नेता के तौर पर चुना गया। चन्नी फिलहाल चमकूर साहिब विधानसभा से विधायक हैं। इसके साथ ही पंजाब कांग्रेस का दलित चेहरा माने जाते हैं।

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बता दें कैप्टन अमरिंदर सिंह के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद कांग्रेस को नए सीएम की तलाश थी, जिसको लेकर पिछले दो दिनों से बैठकों का दौर जारी रहा। मुख्यमंत्री पद की दौड़ में सबसे पहले सुनील जाखड़ और नवजोत सिंह सिद्धू का नाम सामने आ रहा था, लेकिन रविवार को अचानक बदले समीकरणों ने कांग्रेस की वरिष्ठ नेता अंबिका सोनी और पंजाब कांग्रेस के नेता सुखजिंदर सिंह रंधावा का नाम आगे ला लिया। कांग्रेस ने अंबिका सोनी का पंजाब की कमान सौंपनी चाही, लेकिन उन्होंने इस जिम्मेदारी को स्वीकार करने से इनकार दिया। जिसके बाद कांग्रेस नेतृत्व ने सुखजिंदर रंधावा को जिम्मेदारी देनी चाहिए। यहां तक सीएम पद के लिए उनका नाम लगभग तय हो गया था, लेकिन ऐन मौके पर सिद्धू गुट ने उनके नाम का विरोध कर दिया।

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