आरयू ब्यूरो, लखनऊ। रासचरित मानस की चौपाई से शुरू हुआ शूद्र का विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा। गुरुवार को गांव अंगौथा नगरिया में आयोजित श्रीमद् भागवत कथा में शामिल होने पहुंचे सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा कि मुख्यमंत्री अपने बगल में एक शूद्र को बैठाकर रखते हैं, और उन्हीं से बयान दिलवाते हैं। ये बातें उन्होंने डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्या के बयान अयोध्या में भव्य राम मंदिर बन रहा है और सपा के लोग रामभक्तों पर गोलियां चलवाना चाहते हैं पर पलटवार करते हुए कहीं। सपा प्रमुख ने कहा कि लोग पूछें कि क्या वह शूद्र हैं या नहीं?
वहीं मंदिरों में रामचरितमानस पाठ के आयोजन को लेकर अखिलेश ने कहा कि सरकार सभी मंदिरों में आयोजन के लिए धनराशि दे, सपा कार्यकर्ता और पदाधिकारी भी प्रसाद लेने जरूर आएंगे। वहीं 2024 के चुनाव को उन्होंने देश की राजनीति की दिशा तय करने वाला बताया। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश से ही होकर देश के प्रधानमंत्री की कुर्सी का रास्ता जाता है, लेकिन आज उत्तर प्रदेश को ही पीछे छोड़ दिया गया है, जनता इसका जवाब देगी।
इस दौरान सपा मुखिया ने तंज कसते हुए कहा कि सरकार गुजरात मॉडल की बजाए मैनपुरी मॉडल पर रिसर्च कर रही है, क्योंकि मैनपुरी मॉडल ने लोकसभा उप चुनाव में भाजपा को हराकर ये साबित कर दिया था मि मैनपुरी मॉडल ही सबसे बेहतर है। वे यहीं नहीं रुके, उन्होंने अगर वास्तव में सरकार माफिया पर कार्रवाई करना चाहती है तो टॉप-10 या टॉप-100 माफिया की सूची जारी क्यों नहीं करती है, क्योंकि अगर ऐसा हुआ तो इसमें सबसे ज्यादा भाजपाई ही होंगे।
सपा प्रमुख ने कहा कि भाजपा सबका साथ, सबका विकास और सबका विश्वास का नारा देती है ये नारा समाजवाद का है। भाजपा ने समाजवादियों का नारा चुराया है। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार रामराज्य लाने की बात करती है, लेकिन केवल समाजवाद से ही रामराज्य लाया जा सकता है।
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इतना ही नहीं योगी सरकार के साथ प्रशासन पर भी हमला जारी रखते हुए अखिलेश यादव ने कहा कि भाजपा प्रशासन से ही चुनाव लड़ती है। लोकसभा उप चुनाव में नेता कप्तान से चुगली करते थे, इसके बाद आगे-आगे पुलिस और पीछे-पीछे अर्धसैनिक बल आते थे। उन्होंने कहा कि दो दिन से चल रहे सहकारिता चुनाव में भी प्रशासन ही चुनाव लड़ रहा है। उन्होंने जमीन पर कब्जा करने के लिए भी प्रशासन और भाजपा सरकार को जिम्मेदार बताया।