आरयू ब्यूरो, लखनऊ। यूपी विधानसभा में शुक्रवार को भी कानून-व्यवस्था को लेकर विपक्ष ने जमकर हंगामा किया। विपक्ष के हंगामे के कारण प्रश्नकाल नहीं हो सका। सदन की बैठक शुरू होते ही विपक्षी सदस्यों ने अपने मुद्दे उठाते हुए हंगामा किया। सपा सदस्य हाथ में तख्तियां लेकर अध्यक्ष के आसन के सामने आ गये। तख्तियों पर लिखा था, समाज सद्भाव की दुश्मन सरकार, नहीं चलेगी। अन्य कुछ तख्तियों पर सोनभद्र हत्याकांड और आजम खां पर फर्जी मामलों के बारे में लिखा था।
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सदन की बैठक शुरू होते ही समाजवादी पार्टी और कांग्रेस के सदस्य अपनी-अपनी जगहों पर खड़े होकर विभिन्न मुद्दे उठाने लगे। सपा सदस्यों ने लाल टोपी पहन रखी थी और उनके हाथों में पोस्टर भी था। इन पोस्टर्स पर बीजेपी पर तंज करते हुए कई नारे लिखे थे। सपा सदस्यों ने सरकार विरोधी नारेबाजी की और भाजपा सरकार पर आरोप लगाया कि सरकार हर मोर्चे पर विफल रही है।
नेता प्रतिपक्ष राम गोविंद चौधरी ने कहा कि विपक्षी सदस्यों की बात सुनी जानी चाहिए। इस बीच मुख्यमंत्री ने सोनभद्र हत्याकांड पर वक्तव्य दिया। अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित की बार-बार अपील के बावजूद विपक्षी सदस्यों का हंगामा नहीं रूका। इसके बाद अध्यक्ष ने सदन की बैठक 40 मिनट के लिए स्थगित कर दी। बाद में पूरे प्रश्नकाल तक यानी दोपहर 12 बजकर 20 मिनट तक सदन की बैठक स्थगित कर दी गयी।
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इस दौरान विपक्षी सदस्यों ने मीडिया से बातचीत में कहा कि मौजूदा सरकार गरीबों और किसानों की स्थिति को लेकर जरा भी चिंतित नहीं है। राज्य में कानून व्यवस्था नाम की कोई चीज नहीं रह गई है। वहीं कांग्रेस विधायक दल के नेता ने कहा कि कानून-व्यवस्था ध्वस्त हो चुकी है। पुलिस और जनता एक दूसरे को मार रहे हैं। भीड़ तंत्र हावी है और पुलिस की कोई नहीं सुनता।