आरयू ब्यूरो, लखनऊ। उत्तर प्रदेश में कोरोना वायरस से निपटने के लिए रविवार को यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने टीम-11 के अफसरों के साथ बैठक कर डाक्टरों, नर्सों व अन्य मेडिकल स्टाफ को सुरक्षित रखने के लिए कोविड अस्पतालों में पर्याप्त संख्या में पीपीई किट्स व एन-95 मास्क की भरपूर व्यवस्था कराने का का निर्देश दिया है। साथ ही कोरोना की रोकथाम के लिए मुख्यमंत्री ने संभावित संक्रमितों की पूल टेस्टिंग कराने की प्रक्रिया को बढ़ावा देने को कहा है।
आज लोकभवन में आयोजित प्रेसवार्ता में इसकी जानकारी देते हुए अपर मुख्य सचिव सूचना एवं गृह अवनीश कुमार अवस्थी ने बताया कि मुख्यमंत्री ने निर्देश दिये हैं कि कोरोना के उपचार में लगी डॉक्टर, नर्स, पैरामेडिक्स तथा अन्य स्टाफ की टीम को हर हाल में मेडिकल इन्फेक्शन से बचाया जाए। कोरोना से जंग में मेडिकल टीम को सुरक्षित रखने के लिए आवश्यक है कि कोविड अस्पतालों में पर्याप्त संख्या में पीपीई किट्स, एन-95 मास्क की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए।
इसके साथ ही आज सीएम ने कोरोना वायरस की रोकथाम के लिए पूल टेस्टिंग को बढ़ावा देने कहा है, क्योंकि पूल टेस्ट के माध्यम से अधिक से अधिक लोगों की जांच करके कोरोना पर प्रभावी नियंत्रण किया जा सकता है।
अस्पतालों में लगातार किया जाए सेनेटाइजेशन
वहीं मुख्यमंत्री ने कहा है कि अस्पतालों की साफ-सफाई सुनिश्चित करते हुए लगातार सेनेटाइजेशन किया जाए। उन्होंने मेडिकल इन्फेक्शन की रोकथाम के लिए गठित की गयी डेडीकेटेड टीम को कोरोना के इलाज में लगे सभी कर्मियों की लगातार निगरानी के निर्देश दिये।
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अवनीश अवस्थी ने बताया कि मुख्यमंत्री ने यह भी निर्देश दिये हैं कि अस्पतालों में मौजूद कोरोना से संबंधित तथा अन्य बायोमेडिकल वेस्ट का सुरक्षित डिस्पोजल किया जाये तथा सभी अस्पतालों में आवश्यक सुविधाओं की उपलब्धता सुनिश्चित की जाए। इसके अलावा कोरोना मरीजों का इलाज कोविड अस्पतालों में ही किया जाए तथा कोविड अस्पतालों में अनिवार्य रूप से सिर्फ कोविड संक्रमण का ही इलाज हो अन्य चिकित्सा गतिविधियां इन अस्पतालों में न की जाएं।
प्लाज्मा थेरेपी बढ़ाने पर करें विचार
वहीं अपर मुख्य सचिव ने कहा कि मुख्यमंत्री ने कोरोना प्रभावित मरीजों के इलाज के लिए प्लाज्मा थेरेपी को बढ़ाने पर विचार करना चाहिए, क्योंकि इसके अच्छे परिणाम मिले हैं। उन्होंने देश के विभिन्न राज्यों में निवासरत उत्तर प्रदेशवासियों को क्वारंटीन अवधि पूरी होने के उपरान्त चरणबद्ध तरीके से प्रदेश वापस लाने के निर्देश दिये। सभी 19 संवेदनशील जनपदों के नोडल अधिकारियों से फीड बैक लेने और कोरोना के बढ़ते मामलों पर प्रभावी नियंत्रण करने के भी निर्देश दिये।