आरयू ब्यूरो,
लखनऊ। माइक्रो फाइनेंस के माध्यम से गरीबों की उन्नति का रास्ता आसान हो सकता है। देश की दिशा और दशा बदलने में माइक्रो फाइनेंस कंपनियां अहम भूमिका निभा सकती हैं। ये बातें गुरुवार को यूपी के सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्री सत्यदेव पचौरी ने माइक्रो फाइनेंस एसोसिएशन आफ उत्तर प्रदेश एवं फिक्की की ओर से संयुक्त रूप से आयोजित वार्षिक सम्मेलन में कही।
सम्मेलन को संबोधित करते हुए सत्यदेव पचौरी ने कहा कि आज गरीबों को लंबे समय तक लूटने और शोषण करने वाले महाजनों से बचाने की आवश्यकता है। योगी सरकार के कामों की बात करते हुए उद्यम मंत्री बोले कि यूपी सरकार छोटे उद्योगों के लिए कई कल्याणकारी योजनाएं चला रही है कि जिसके माध्यम से लोगों को स्वरोजगार से जोड़ा जा रहा है।
उन्होंने आगे कहा कि माइक्रो फाइनेंस कंपनियां छोटे उद्यमियों को रियायती दर पर ऋण देकर उनका उद्यम शुरू कराने में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका अदा कर रही हैं। आने वाले समय में स्वरोजगार के माध्यम से उत्तर प्रदेश को उत्तम प्रदेश बनाया जायेगा। साथ ही एक जनपद-एक उत्पाद (ओडीओपी) योजना में इन कंपनियों के सहयोग की बहुत आवश्यकता है। इनके माध्यम से छोटे-छोटे लोन बांटकर लाखों लोगों को रोजगार से जोड़ा जाएगा। माइक्रो फाइनेंस कंपनियां एक प्रकार से मिनी बैंक की भूमिका निभा रहीं है।
इस दौरान किसानों की भी बात करते हुए योगी सरकार के मंत्री ने कहा कि किसानों की आय बढ़ाने के लिए उन्हें लघु उद्योगों से जोड़ा जायेगा। उनके उत्पादों के लिए बेहतर पैकेजिंग एवं मार्केटिंग की व्यवस्था कराई जायेगी। वहीं महिलाओं को भी ज्यादा से ज्यादा स्वरोजगार से जोड़कर उनके उत्थान पर विशेष बल दिया जा रहा है।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए प्रमुख सचिव खादी एवं ग्रामोद्योग नवनीत सहगल ने कहा कि जमीनी स्तर पर माइक्रो फाइनेंस कंपनियों की बहुत आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि फंड की आवश्यकता निचले स्तर पर ज्यादा है। छोट-छोटे लोन की लोगों को बहुत आवश्यकता है। इन कंपनियों के द्वारा 60 लाख से अधिक लोगों को ऋण दिया जा चुका है। ओडीओपी योजना के लिए भी यह कंपनियां सहयोग कर रही हैं।
सम्मेलन में माइक्रो फाइनेंस एसोसिएशन आफ उत्तर प्रदेश के अध्यक्ष सुधीर सिन्हा एवं हरित खादी के चेयरमैन विजय पाण्डेय के अलावा तमाम अन्य अधिकारी भी मौजूद रहें।