आरयू वेब टीम।
इस साल के वित्तीय वर्ष के दूसरी तिमाही के आंकड़े सामने आ गए हैं। जुलाई से सितंबर में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर में सुधार हुआ है और यह 6.3 फीसदी पर पहुंच गई है।
वहीं इससे पहले पहली तिमाही में यह 5.7 फीसदी थी जो पिछले तीन साल में सबसे निचले स्तर पर थी। इस लिहाज से आज जो आकंड़े सामने आए हैं वे उत्साहजनक हैं। दूसरी तिमाही में जीडीपी के 31.66 लाख करोड़ रुपये रहने के अनुमान हैं। 2016-17 में इस इस दौरान यह 29.79 लाख करोड़ रुपये थी।
इस बारे में केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने मीडिया से कहा कि जीडीपी की विकास दर 6.3 पहुंचने का अर्थ है कि पांच तिमाहियों से चला आ रहा गिरावट का दौर अब खत्म हो चुका है। उन्होंने उम्मीद जताई कि आने वाली तिमाहियों में भी वृद्धि जारी रहेगी। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि ठोस निष्कर्ष पर पहुंचने के लिए हमें तीन-चार तिमाहियों तक इंतजार करना होगा।
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दूसरी ओर वित्त सचिव हंसमुख अधिया बोले कि आंकड़े जब पूरी तरह से संशोधित होकर जारी होंगे तो यह यह दर और ज्यादा हो सकती है। नीति आयोग के सीईओ अमिताभ कांत ने कहा कि वृद्धि दर से अगले दशक में नौ से दस फीसदी तक पहुंचना जरूरी है। इसके लिए सरकार ढांचागत सुधार कर रही है।
केंद्रीय सांख्यिकी विभाग (सीएसओ) द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, विनिर्माण क्षेत्र की वृद्धि 1.2 फीसदी से बढ़कर 7 फीसदी तक पहुंच गई है। जबकि इस दौरान कृषि क्षेत्र की वृद्धि दर 2.3 फीसदी से गिरकर 1.7 फीसदी तक पहुंच गई। आंकड़ों के अनुसार, सितंबर के महीने में समाप्त हुर्इ तिमाही के दौरान ट्रेड, होटल और परिवहन क्षेत्र की वृद्धि दर 9.9 फीसदी पर पहुंच गई।
2016-17 की दूसरी तिमाही की तुलना में इस वर्ष की दूसरी तिमाही के दौरान जिन क्षेत्रों में छह फीसदी से अधिक वृद्धि दर्ज की गई उनमें विनिर्माण, बिजली, गैस, जल वितरण और अन्य उपयोगी सेवाएं, व्यापार, होटल, ट्रांसपोर्ट आदि शामिल हैं। कृषि, वन एवं मछली पालन, खनन, निर्माण, बीमा, रीयल एस्टेट, प्रोफेसनल सर्विसेज, लोक प्रशासन, रक्ष और अन्य सेवाओं में यह छह फीसदी से नीचे रही।