आरयू वेब टीम। हिमाचल प्रदेश की कांग्रेस सरकार पर संकट गहराता जा रहा है। मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने इस्तीफा दे दिया है। जिसका ऐलान बुधवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में किया। विक्रमादित्य सिंह हिमाचल के पूर्व सीएम वीरभद्र सिंह के बेटे हैं और सुक्खू सरकार में पीडब्लूडी मंत्री हैं। प्रेस कॉन्फ्रेंस में विक्रमादित्य सरकार से नाराज दिखे। उन्होंने यहां तक कहा कि मुझे अपमानित करने की कोशिश की गई।
प्रेसवार्ता में विक्रमादित्य सिंह ने कहा, ‘सबके योगदान से हिमाचल में कांग्रेस की सरकार बनी है।जो कार्यप्रणाली सरकार की रही है मैंने कभी कुछ नहीं कहा। मेरे लिए पद महत्वपूर्ण नहीं है। मेरे लिए लोगो का विश्वास जरूरी है। विधायकों की आवाज दबाने की कोशिश की गई है, जिसका नतीजा आज हमारे सामने है। ये विषय लगातार पार्टी हाई कमान के सामने भी उठाया गया है, जिस तरीके से निर्णय लेने चाहिए थे, नहीं लिया गए।
आगे कहा कि केवल ये कहना कि वादे किए हैं वो बस काफी नहीं है। उन्हें पूरा भी किया जाना चाहिए। मैं आहत हूं। मैंने हमेशा मुख्यमंत्री का सम्मान किया है। एक साल में हमने पूरी मजबूती से सरकार का समर्थन किया है। मुझे अपमानित किया गया है।’ विक्रमादित्य सिंह ने आगे कहा कि कितना है बदनसीब जफर दफ्न के लिए, दो गज जमीन भी न मिली कू-ए-यार में। ये बहादुर शाह जफर की लाइन है। हमें सम्मान नहीं दिया गया।
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पार्टी हाई कमान को देखना चाहिए। लोग बहुत प्यार से सरकार लाए हैं। मैं जो करता हूं ठोक बजा कर करता हूं और डरता भी नहीं हूं। अगला कदम कुछ दिन में तय करूंगा। उन्होंने कहा कि कठोर फैसले लेने पड़ते हैं। जीवन में कठीन फैसले लेने पड़ते हैं। जैसा आने वाले समय में होगा। हाई कमान जो निर्णय लेगा देखेंगे।
कांग्रेस नेता ने कहा कि हम तो चाहेंगे सरकार बचे। हम चाहेंगे सरकार हर हाल में बचे, जो मुझे अपनी बात हाई कमान से कहनी थी, मैंने कह दी है। विक्रमादित्य सिंह ने आगे कहा कि मुझे हाई कमान का समर्थन मिला है और अब उन्हें निर्णय लेना है कि क्या करना है।
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