IWD पर प्रियंका गांधी ने निकाला महिला मार्च, मतदान के बाद भी लखनऊ की सड़कों पर गूंजा “लड़की हूं, लड़ सकती हूं” का नारा

महिला मार्च
महिला मार्च निकालतीं प्रियंका गांधी। (फोटो-आरयू)

आरयू ब्‍यूरो, लखनऊ। उत्‍तर प्रदेश विधानसभा चुनाव की तैयारियों के दौरान “लड़की हूं, लड़ सकती हूं” का नारा देने वाली कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने मंगलवार को अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस (आइडब्‍ल्‍यूडी) के मौके पर लखनऊ में महिला मार्च निकाला। 1090 चौराहें से निकाले गए कांग्रेस के “लड़की हूं, लड़ सकती हूं” मार्च में कांग्रेस की विधानसभा चुनाव लड़ने वाली 159 महिला उम्मीदवारों के साथ ही हजारों महिलाओं ने भाग लिया।

उत्‍तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के सभी सातों चरणों का मतदान समाप्‍त होने के बाद आज हाथों में पिंकी झंडे लिए लखनऊ के 1090 चौराहे पहुंची महिला व युवतियों ने इस दौरान लड़की हूं, लड़ सकती हूं के जमकर नारे लगाएं। वहीं मार्च का नेतृत्‍व करने वाली प्रियंका गांधी के साथ हाथ मिलाने व सेल्‍फी लेने के लिए महिलाओें में होड़ मची थी।

सिर्फ महिला सशक्तिकरण की बात नहीं करती कांग्रेस: उमाशंकर

वहीं इस बारे में कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्‍ता डॉ. उमाशंकर पांडेय ने बताया कि अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर आयोजित इस महिला मार्च के माध्यम से कांग्रेस  ने संदेश दिया है कि पार्टी महिला सशक्तिकरण की सिर्फ बात नहीं करती है, बल्कि उसे जमीन पर लेकर भी जाती है। यही वजह है कि इस विधानसभा चुनाव में यूपी में महिलाओं की समस्याओं को केंद्रित करते हुए घोषणा पत्र बनाया और सरकार बनने पूरे करने की प्रतिज्ञा ली है। प्रदेश प्रवक्‍ता ने बताया कि 1090 चौराहे से शुरू मार्च वीरांगना ऊदा देवी प्रतिमा, सिकंदरबाग पर खत्म हुआ।

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सिकंदरबाग में महिला मार्च ख़त्म होने पर कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने वीरांगना ऊदा देवी की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर उन्‍हें नमन किया। मार्च में कांग्रेस की 159 महिला उम्मीदवारों के अलावा पूरे देश से कांग्रेस की निर्वाचित, महिला जनप्रतिनिधि और कांग्रेस की पदाधिकारी भी शामिल हुईं। महिला मार्च में डॉक्टर्स, समाज सेविकाओं, शिक्षिकाओं के साथ समाज के तमाम अन्‍य वर्गों की महिलाएं भी शामिल हुईं।

उमाशंकर ने यह भी दावा किया कि कांग्रेस के लिए ‘‘लड़की हूं लड़ सकती हूं’’ सिर्फ चुनावी नारा नहीं, बल्कि देश-प्रदेश में महिलाओं को सामाजिक-आर्थिक रूप से सशक्त और सक्षम बनाने के लिए शुरू किया गया आंदोलन है। इसका उद्देश्य भारतीय राजनीति में महिलाओं और उनकी आकांक्षाओं को मुख्यधारा में लाना है। विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस पार्टी ने वादा किया था कि पार्टी कुल उम्मीदवारों से 40 प्रतिशत टिकट महिलाओं को देगी। पार्टी ने वह वादा पूरा किया और इस विधानसभा चुनाव में पार्टी की ओर से 159 महिला उम्मीदवारों को पार्टी ने चुनाव लड़ने का मौका दिया।