डेंगू बना महामारी फिर भी संवेदनहीन बनी है योगी सरकार: अजय कुमार

डेंगू

आरयू ब्‍यूरो, लखनऊ। उत्‍तर प्रदेश में डेंगू की समस्‍या को लेकर शुक्रवार को कांग्रेस के प्रदेश अध्‍यक्ष अजय कुमार लल्‍लू ने योगी सरकार पर हमला बोला। कांग्रेस के प्रदेश मुख्‍यालय पर आयोजित प्रेसवार्ता में अजय कुमार ने हाल ही में डेंगू को लेकर किए गए अपने कानपुर के दौरे का जिक्र करते हुए कहा कि डेंगू महामारी का रूप ले चुका है। अकेले कानपुर में ही इससे जान गंवाने वालों की संख्‍या सौ के पार है, लेकिन प्रदेश की योगी सरकार को इसकी कोई फिक्र नहीं है, सरकार पूरी तरह से संवेदनहीन हो चुकी है।

प्रदेश अध्‍यक्ष ने योगी सरकार से मांग करते हुए कहा कि इलाहाबाद हाई कोर्ट ने डेंगू से जान गंवाने वालों के परिवारों को 25 लाख रूपये मुआवजा दिए जाने का निर्देश, साथ ही सभी डीएम को डेंगू से रोकथाम के लिए समस्त आवश्यक उपाय और इसकी मानीटरिंग करने का जो आदेश दिया है, वह प्रदेश सरकार तत्काल सुनिश्चित कराये। साथ ही डेंगू को महामारी घोषित करते हुए सरकार तत्काल प्रभाव से इसके इलाज का बंदोबस्‍त करे। सरकार अगर नहीं करती है तो कांग्रेस सड़क पर उतरकर आंदोलन को मजबूर होगी।

कांग्रेस प्रदेश अध्‍यक्ष ने पेश किए ये आंकड़े-

वहीं इस दौरान अजय कुमार लल्‍लू ने कहा कि उन्‍होंने अपनी टीम के साथ कानपुर दौरा कर डेंगू से पीड़ित गांव खेड़ा मऊ, सरैया दस्तरखान, बरनपुरवा और पिहानी गांव के लोगों से मुलाकात कर उनका हाल जाना है।

मीडिया के सामने आंकड़ा पेश करते हुए अजय कुमार कर कहना था कि सिर्फ पिहानी गांव में डेंगू से 17 लोगों की एक महीने के अंदर मौत हुई है और हर घर में दूसरा या तीसरा सदस्य डेंगू से पीड़ित है, लेकिन प्रशासन इस पर आंख मूंदे हुए है और आंकड़ों की हेरा-फेरी कर रहा है। उन्‍होंने आगे कहा कि प्रशासन लोगों की मौत के बाद भी इसकी वजहें डेंगू को मानने से इंकार कर रहा है। जबकि पिहानी गांव में ही ममता और प्रियंका एक ही घर की दो लड़कियों की मौत हुई है। मंजू कटियार सहित कुल 17 लोगों की पिहानी गांव में डेंगू के चलते जान गयी है। इसी गांव के ग्रामीण निजाम की हालत काफी खराब है और वो इलाज के अभाव में मौत से जूझ रहें, निजाम के ही परिवार के 12 सदस्य डेंगू और बुखार से पीड़ित है।

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योगी सरकार को निशाने पर लेते अजय कुमार बोले क‍ि मकनपुर, बिल्हौर, देहात और सिंगरौली केा मिलाकर इन जगहों में 130 से 135 लोगों की जानें गयी हैं, लेकिन प्रशासन इसको छुपाने के लिए तमाम तरह से प्रयास कर रहा है। इतना ही नहीं प्रशासन डेंगू से निपटने के लिए न प्राथमिक उपचार व कीट उपलब्ध करा रहा और न ही इन गांवों में डेंगू निवारण के लिए मच्छरों को मारने के लिए दवा का छिड़काव किया गया है। कानपुर देहात और नगर मिलाकर लगभग एक हजार से अधिक लोग डेंगू से प्रभावित हैं।

पनकी कूड़ा निस्तारण व्यवस्था ध्वस्त होने की वजह से लगभग दो किलोमीटर तक आसपास के इलाकों में कूड़े का पहाड़ जमा हो गया है। यहां तक कि नगर निगम का आफिस और उसके लगे स्कूल के चारों तरफ कूड़े का ढेर लगा, है जो लगातार जल रहा है जिससे धुआं और बदबू ने पूरे शहर को आगोश में ले लिया है।

कूड़ा रिसाइकलिंग की व्यवस्था लगभग चार सालों से ठप हो जाने की वजह से आसपास के एक दर्जन गांवों में लोगों का रहना दूभर हो गया है। जिसमें चितईपुर, सिरसई, मक्खनपुर, नौरैया खेड़ा, सरायमीता, जमुई, पनका, पनकी, बधवापुरवा के लोग पलायन के लिए मजबूर हैं। यहां पर कूड़ा जनित तमाम संक्रामक बीमारियों, महामारी, डेंगू फैल गया है।

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लल्‍लू का कहना था कि कूड़े की दुर्गंध से इन गांवों के लोग पलायन कर रहें, वहां के ग्रामीणों का यहां तक कहना है कि इन गांवों के लोगों की शादी-ब्याह तक इस कूड़े के ढेर की वजह से नहीं हो रही है, लोग रिश्ता लेकर गांव तक नहीं आ रहे हैं।

राम लखन भैया इंटर कालेज जो कूड़े से चारों तरफ घिर गया है, बच्चे यहां से स्कूल छोड़कर जा चुके हैं, हल्की बारिश पर जो सड़न और बदबू होती है जिससे लोग भाग खड़े होते हैं और शहर के कचरों से जो धुआं निकल रहा है वह जानलेवा है।

प्रदेश अध्यक्ष ने बताया कि वो कानपुर के हैलट अस्पताल भी गए थे, जहां उन्‍होंने डेंगू पीड़ित मरीजों से मुलाकात की और प्रशासन से बेहतर इलाज सुनिश्चित कराने के लिए भी कहा।

कांग्रेस अध्‍यक्ष ने आज ये भी दावा किया कि संचार माध्यमों से कांग्रेस के प्रतिनिधिमंडल ने पाया कि –

बीते बुधवार को मेडिकल कालेज, उर्सला पैथालाजी में डेंगू रोगियों की संख्या 33 थी, जिनमें से नगर से 23 डेंगू रोगी थे। साथ ही इन दोनों पैथालॉजी में अब तक 2311 लोगों को डेंगू होने की पुष्टि हो चुकी है। वहीं    3465 घरों, दफ्तरों में डेंगू के लार्वा मिल हैं।

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अजय कुमार ने बताया कि इसके साथ ही मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया के आंकड़े के अनुसार यूपी में जुलाई से सितंबर तक 792 मरीज डेंगू से पीड़ित मिले, जबकि अक्टूबर और नवंबर के आंकड़े के बारे में अभी तक पता नहीं है। वहीं राजधानी लखनऊ में पांच सौ, कानपुर में सात सौ और इलाहाबाद में 325 डेंगू मरीजों के केसे इस साल जुलाई से अक्टूबर तक सामने आए हैं।