आरयू ब्यूरो, लखनऊ। सरकारी विभागों में कोरोना संक्रमण को बहाना बनाकर जनता से दूरी बनाने वाले अफसरों कर्मचारियों की कारस्तानी का सीएम योगी को पता चल गया है। जिसके बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जनता से दूरी बनाने वाले अधिकारियों व कर्मचारियों को कुर्सी से बांधने के लिए नई समय सीमा तय कर दी है। सुबह साढ़े नौ बजे तक सरकारी कार्यालय नहीं पहुंचने वालों पर कार्रवाई की जाएगी, इसके लिए शासन स्तर के अधिकारी अब विभागों का निरीक्षण भी करेंगे।
इसकी आज खुद मुख्य सचिव राजेंद्र कुमार तिवारी ने सहकारिता भवन स्थित आयुक्त एवं निबंधक, सहकारिता मुख्यालय का औचक निरीक्षण कर शुरूआत कर दी। निरीक्षण में कार्यालय खाली मिलने पर मुख्य सचिव ने कार्रवाई की बात कही है।
शुक्रवार को इस बात की जानकारी देते हुए यूपी के अपर मुख्य सचिव सूचना एवं गृह अवनीश कुमार अवस्थी ने बताया कि मुख्यमंत्री ने आज टीम इलेवन की बैठक में कहा है कि सभी डीएम व अधिकारी कोविड संबंधी कामों के साथ-साथ जनता की समस्याओं का समाधान भी सुनिश्चित करें।
11 से एक तक करें जनता से मुलाकाता
सीएम ने टाइम टेबल जारी करते हुए कहा है कि प्रतिदिन सुबह नौ से दस बजे बजे तक जिलाधिकारी कोविड-19 से संबंधित कामों की समीक्षा करें। जिसके बाद दस से 11 बजे तक शासकीय कार्यालयों का निरीक्षण कार्यक्रम निर्धारित करें। पूर्वान्ह 11 से दोपहर एक बजे के दौरान अपने कार्यालय में जनता से भेंट कर उनकी समस्याओं को सुनें।
यह भी पढ़ें- पशुधन फर्जीवाड़े में सीएम योगी कि कठोर कार्रवाई, दो IPS अफसरों को किया निलंबित
इसी प्रकार की व्यवस्था तहसील एवं विकास खण्ड स्तर पर भी लागू की जाए। उन्होंने कहा है कि अपरिहार्य परिस्थितियों में डीएम या तहसील में एडीएम की अनुपस्थिति की दशा में कोई अन्य जिम्मेदार अधिकारी इस शेड्यूल के अनुरूप कार्यवाही करे। उन्होंने पुलिस के स्तर पर भी इसी प्रकार की व्यवस्था लागू किए जाने के निर्देश दिए हैं। इसके अलावा सीएम ने यूपी के सभी जिलाधिकारियों को निर्देश दिये हैं कि सभी उप जिलाधिकारी, तहसीलदार एवं बीडीओ एवं अन्य सभी अधिकारी की भी समय से उपस्थिति अनिवार्य रूप से सुनिश्चित किया जाय।
हर हाल में 50 प्रतिशत कर्मचारी रहें मौजूद
वहीं कोरोना को बहाना बनाकर कार्यालयों से गायब रहने वाले कर्मचारियों पर भी नकेल कसने के लिए शुक्रवार को सीएम ने निर्देश जारी कर दिया है। अवनीश अवस्थी के अनुसार सीएम ने निर्देश दिया है कि कोविड-19 से बचाव संबंधी प्रोटोकॉल का पालन करते हुए सभी गतिविधियां शुरू होनी चाहिए। सरकारी कार्यालयों में अवकाश पर रहने वाले कार्मिकों तथा अस्वस्थ कार्मिकों को छोड़कर कार्यालय अवधि में प्रत्येक समय 50 प्रतिशत कर्मियों की उपस्थिति प्रत्येक दशा में रहनी चाहिए।
यह भी पढ़ें- सावधान! भारत में लगातार दूसरे दिन कोरोना ने बनाया डरावना रिकॉर्ड, 77 हजार से ज्यादा मिलें नए संक्रमित, अब तक 61,529 की गयी जान
मुख्य सचिव व प्रमुख सचिव करें कार्यालयों का निरीक्षण
सीएम ने अपनी कार्य योजना को और पुख्ता बनाते हुए आज सभी विभाग के अपर मुख्य सचिव व प्रमुख सचिवों को निर्देश दिया है कि अपने अधीनस्थ विभागाध्यक्ष कार्यालयों का समय-समय पर निरीक्षण करें।
इस दौरान सुबह साढ़े नौ बजे कार्यालय से अनुपस्थित पाए गए अधिकारियों व कर्मचारियों के पर कार्रवाई की जाए। अवनीश अवस्थी के अनुसार सीएम ने आज स्पष्ट निर्देश दियें है कि सभी सरकारी कार्यालयों में हर हाल में कर्मचारी सुबह साढ़े नौ बजे तक उपस्थित होना सुनिश्चित करें।
मुख्य सचिव के निरीक्षण में खुली पोल
वहीं शुक्रवार को ही मुख्य सचिव राजेंद्र कुमार तिवारी ने सहकारिता भवन स्थित आयुक्त एवं निबंधक, सहकारिता मुख्यालय का औचक निरीक्षण किया जहां कोई अधिकारी उपस्थित नहीं मिला।
कार्यालय में प्रशासनिक नियंत्रण का अभाव: मुख्य सचिव
मुख्य सचिव के निरीक्षण में करीब 90 प्रतिशत कर्मचारी भी अनुपस्थित मिले। वहीं निरीक्षण के बाद नाराज राजेंद्र कुमार तिवारी ने कहा कि कार्यालय समय में अधिकतर अधिकारियों और कर्मचारियों का अनुपस्थित होना यह दर्शाता है कि कार्यालय में अनुशासनहीनता है एवं प्रशासनिक नियंत्रण का अभाव है।
यह भी पढ़ें- #40Month: IAS अनुराग तिवारी की मौत के मामले में कोर्ट ने खारिज कि CBI की क्लोजर रिपोर्ट, “परिजन बोले, फिर जागी इंसाफ की उम्मीद”
वेतन में कटौती, विभागीय कार्यवाही अलग से
साथ ही मुख्य सचिव ने कहा कि इस अनुपस्थिति को लेकर उत्तरदायित्व निर्धारित किया जाएगा तथा अनुपस्थित मिले अधिकारियों और कर्मचारियों के वेतन में कटौती के साथ-साथ विभागीय कार्यवाही अलग से की जाएगी।
जनता के लिए दरवाजे बंद, मनचाहे लोगों से मुलाकात कर रहें अफसर
बताते चलें कि कोरोना काल में लगातार यह बात सामने आ रही थी कि अफसर संक्रमण फैलने का बहाना बनाकर आम जनता से मिलने से कतरा रहें हैं। जनता से सीधे जुड़े नगर निगम, पुलिस, बिजली, विकास प्राधिकरण व जल निगम जैसे महत्वपूर्ण विभागों में अफसर व कर्मचारी आम जनता से तो कोरोना के नाम पर मिलने से कतरा रहें हैं, लेकिन परिचितों, रसूखदारों, दलालों व बिल्डरों से अपने कमरों में लंबी मुलाकात कर रहें हैं।