आरयू ब्यूरो, लखनऊ। हिंदू समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष कमलेश तिवारी की शुक्रवार को दिनदहाड़े की गयी निर्मम हत्या का उत्तर प्रदेश की पुलिस ने 24 घंटें के अंदर खुलासा कर दिया है। पुलिस ने घटना में शामिल तीन को गुजरात एटीएस की सहायता से गुजरात के सूरत से गिरफ्तार कर लिया है। वहीं हत्या के षड्यंत्र में शामिल होने के बिजनौर निवासी नामजद आरोपित मौलाना अनवारुल हक और मुफ्ती नईम काजमी को भी यूपी पुलिस ने पूछताछ के लिए फिलहाल हिरासत में लिया है।
शनिवार को प्रेसवार्ता कर पुलिस महानिदेशक ओम प्रकाश सिंह ने मीडिया को बताया कि अब तक पुलिस की छानबीन में सामने आया है कि कमलेश तिवारी की हत्या 2015 में दिए बयान को लेकर की गयी है। उन्होंने घटना में किसी भी आतंकी संगठन का हाथ होने से इंकार करते हुए कहा कि अभी तक ऐसी कोई बात सामने नहीं आयी है। फिलहाल पुलिस हत्याकांड से जुड़े कुछ अनसुलझे बिंदुओं पर भी अभी बारीकी से पड़ताल कर रही है।
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यहां बताते चलें साल 2015 में हिंदूवादी नेता कमलेश तिवारी ने पैगम्बर मोहम्मद साहब को लेकर आपत्तिजनक बयान दिया था। जिसके बाद मुस्लिम समुदाय के लोग आक्रोशित हो उठे थे। इसी दौरान बिजनौर मुफ्ती नईम काजमी ने कमलेश का सिर कलम करने वाले को 51 लाख, जबकि बिजनौर के ही मौलाना अनवारुल हक ने ऐसा करने वाले को डेढ़ करोड़ रुपए ईनाम देने का ऐलान किया था। कमलेश तिवारी की पत्नी ने शुक्रवार को हत्या के बाद इन्हीं दोनों लोगों को हत्या का षडयंत्रकारी बताते हुए नाका कोतवाली में नामजद मुकदमा दर्ज कराया था। पुलिस इन दोनों आरोपितों से भी पूछताछ कर रही है।
वहीं डीजीपी ने प्रेसवार्ता में आज बताया कि पुलिस को हत्या के बाद घटनास्थल से जांच के दौरान मिले मिठाई के डिब्बे से अहम सुराग मिलने के साथ ही हत्याकांड के तार गुजरात से जुड़ गए थे। जिसके बाद गुजरात पुलिस की मदद से तीन लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया है।
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इस मामले में सूरत के मौलाना मोसिन सलीम शेख, फैजान जिलानी और रशीद को गिरफ्तार किया गया है। रशीद को कंप्यूटर का ज्ञान है और दर्जी का काम भी करता है। रशीद ने ही शुरुआती प्लान बनाया था और उसी को मौलाना सलीम शेख ने उकसाने का काम किया। ओपी सिंह के अनुसार कुछ अन्य लोगों को भी हिरासत लिया गया था, लेकिन पूछताछ के बाद उन्हें छोड़ दिया। डीजीपी ने साफ कहा कि प्रारंभिक विवेचना से स्पष्ट है कि तीनों इस हत्याकांड में शामिल रहे हैं और अन्य मुख्य अभियुक्त भी हैं। जिसकी गिरफ्तारी की तैयारी कर रहे हैं।
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माना जा रहा है कि सजिशकर्ताओं के पकड़े जाने के बाद पुलिस का पूरा फोकस अब कमलेश तिवारी के कार्यालय पहुंचकर उनकी हत्या करने वाले बदमाशों पर हो गया है। इसके अलावा पुलिस हिंदूवादी नेता को आखिरी बार कॉल करने वाले को भी तलाश रही है।
कमिश्नर व आइजी ने इस तरह परिवार को मनाया, फिर हुआ अंतिम संस्कार
दूसरी ओर कमलेश तिवारी की मां ने परिवार के दो सदस्यों के लिए नौकरी की मांग की। साथ ही उन्होंने कहा है कि जब तक मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ नहीं आएंगे तब तक अंतिम संस्कार नहीं करेंगे। वहीं मृतक कमलेश तिवारी की पत्नी ने भी चेतावनी दी कि अगर उन लोगों की मांगें नहीं मानी गई तो वह आत्मदाह कर लेगी। इसकी जानकारी होने पर परिवार को मनाने लखनऊ मंडल के कमिश्नर मुकेश मेश्राम और आइजी रेंज एस के भगत शनिवार को सीतापुर पहुंचे थे।
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कमिश्नर ने कहा कि बड़े बेटे को सुरक्षा के लिए लाइसेंस के साथ असलहा व परिवार के अन्य सदस्यों को सुरक्षा प्रदान की जाएगी। इसके अलावा परिवार को नौकरी व आर्थिक सहायता, लापरवाही बरतने के दोषी पुलिसवालों पर कार्रवाई, लखनऊ शहर के अंदर मकान, मामले की उच्च स्तरीय जांच, सीएम से मुलाकात समेत कुल नौ बिन्दुओं पर समझौता होने पर परिजन अंतिम संस्कार करने को राजी हुए। दोपहर बाद ज्येष्ठ पुत्र सत्यम तिवारी ने मुखाग्नि दी।
रिपोर्ट में खुलासा, गला काटने व गोली मारने के साथ धारदार हथियार से किए 14 वार
कमलेश तिवारी की हत्या बेहद बेरहमी से की गयी थी। इस बात का खुलासा पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट के आधार पुलिस ने शनिवार को किया है। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट के अनुसार हत्यारों ने कमलेश तिवारी का गला काटने के साथ ही चेहरे पर गोली मारी थी। इसके अलावा सीने, कंधे, पीठ व चेहरे पर बर्बरतापूर्वक हत्यारों ने कुल 14 अन्य वार धारदार व नुकीले हथियार से किए थे।