कानून का हवाला देकर कांग्रेस कि योगी सरकार से मांग, कोरोना महामारी में गरीबों को मिले मुफ्त राशन, किसानों का ब्‍याज हो माफ

आपदा प्रबंधन प्राधिकरण कानून
मीडिया के सामने अपनी बात रखते दीपक सिंह।

आरयू ब्‍यूरो, लखनऊ। कांग्रेस विधान परिषद दल के नेता दीपक सिंह ने शनिवार को प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय में आयोजित प्रेसवार्ता में योगी सरकार की नीतियों को जनविरोधी बताते हुए तीखा हमला किया है। दीपक सिंह ने कानून का हवाला देते हुए कहा कि साल 2006 में बने राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण कानून के तहत हर राज्य सरकार को इस प्राविधान की धारा तीन की उपधारा 1(घ) के तहत गरीब जनता को निशुल्क भोजन, आवास, पेयजल ओर स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराना अनिवार्य है, लेकिन पिछले दो महीने से योगी सरकार ने इसे बंद कर दिया है। यह योगी सरकार की पूंजीपरस्त जनविरोधी नीति का परिचायक है।

आज जबकि गरीबों की समस्याएं वैसी ही हैं जैसे कोरोना महामारी के शुरूआत के दौरान थीं और इस कानून के अन्तर्गत व्यवस्थाएं की गयी थीं, लेकिन गरीबों को दी जा रही सुविधाओं को योगी सरकार ने बंद कर दिया है, जबकि कांग्रेस की मांग है कि आपदा प्रबंधन कानून के तहत गरीबों को मिलने वाला निशुल्क खाद्यान्न, स्वास्थ्य एवं अन्य सुविधाएं जारी रहनी चाहिए।

भाजपा का वादा मीडिया के सामने दोहराते हुए दीपक ने कहा कि 15-15 लाख रूपये सभी के खाते में डालने की बात करके सत्‍ता हथियाने वाली बीजेपी सरकार ने कोरोना महामारी के चलते आर्थिक विपन्नता के दौर में जनता के खाते में पड़ने वाली रसोई गैस सब्सिडी को भी डालना बंद कर दिया है। इस तरह सरकार परेशान जनता पर एक और आर्थिक चोट करते हुए रसोई गैस के 732 रूपये वसूल रही, जबकि पूर्ववर्ती यूपीए सरकार के दौरान 292 रूपये में मिलने वाली रसोई गैस की सब्सिडी को जब खाते में दिया जा रहा था उस समय भाजपा कहती थी कि 400 रूपये एकमुश्त किसी जनता के लिए देना असंभव है। आज जब वही रसोई गैस लगभग दो गुनी दर पर जनता को खरीदनी पड़ रही है तो ऐसे में पूरा पैसा 732 रूपये आर्थिक विपन्नता के इस दौर में जनता कैसे दे पा रही है, इसे सरकार नहीं समझ पा रही है।

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हमला जारी रखते हुए दीपक सिंह ने कहा कि किसानों का कर्ज अगर वह समय से किश्तों का भुगतान करता है तो मात्र चार प्रतिशत ब्याज की दर से उसे वापस करना होता है, लेकिन जनविरोधी और किसान विरोधी योगी सरकार ने इस आपदा काल में भी किसान ऋण की ब्याज दर को चार से बढ़ाकर आठ प्रतिशत कर वसूली कर रही है, जबकि राज्य आपदा प्रबंधन कानून के तहत ऐसे समय ऋण की ब्याज दर में बढ़ोत्तरी नहीं की जा सकती है, योगी सरकार का यह कृत्य पूरी तरह गैर कानूनी और किसान विरोधी कदम है।

कांग्रेस विधान परिषद दल के नेता ने मांग की है कि गरीबों को मिलने वाला निशुल्क अनाज कोरोना महामारी के समाप्त होने तक जारी रहना चाहिए और स्वास्थ्य सुविधाएं निशुल्क प्रदान की जानी चाहिए। इसके साथ ही कोरोना महामारी के दौरान किसानों के ऋण पर ब्याज पूरी तरह माफ होना चाहिए तथा आम जनता को मिलने वाली रसोई गैस सब्सिडी फिर से बहाल की जाए।