आरयू संवाददाता, लखनऊ। कपड़े पर पांच की जगह 12 फीसदी जीएसटी लगाए जाने से नाराज कपड़ा व्यापार मंडल की ओर से शुक्रवार को जीएसटी काउंसिल का पुतला जलाने की कोशिश कि गई, लेकिन पुलिस ने उनको रोक लिया। प्रदर्शन कर रहे लखनऊ व्यापार मंडल के वरिष्ठ महामंत्री अमरनाथ मिश्रा ने इस फैसले को तुगलकी फरमान करार दिया है।
व्यापारियों का कहना है कि इससे काफी नुकसान होगा। अभी पुराना माल स्टॉक में पड़ा है। इसको सही तरीके से नहीं लागू किया गया है। इसकी वजह से कारोबारियों से लेकर आम आदमी का नुकसान है। इसको लेकर पहले ही जीएसटी काउंसिल में ज्ञापन दिया गया है। उसके बाद भी हमारी मांगों को पूरा नहीं किया गया तो कारोबारी विरोध करने को मजबूर है। इतना ही नहीं अब सरकार के द्वारा व्यापारियों से विरोध करने का हक भी छीना जा रहा है।
व्यापारियों ने कहा कि अगर सरकार मांग नहीं मानती है तो जरूरत पड़ने पर पूरा लखनऊ सहित प्रदेश बंद कर आंदोलन किया जाएगा। सभी व्यापारियों ने एक स्वर से कहा कि प्रस्तावित दर हमें स्वीकार नहीं है। यदि एक जनवरी से लागू हुआ तो इसका जवाब आने वाले चुनाव में हम सभी लोग देंगे।
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इस दौरान प्रदर्शन में नीरज गुप्ता, दीपक अग्रवाल, अमित अग्रवाल, नरेश कुमार, नवीन मल्होत्रा, प्रशांत गर्ग, संजय अग्रवाल, आकाश गुप्ता, हैप्पी, शुभ सक्सेना, विनय गुप्ता, कुश मिश्रा, समीर जैन, सनी लालवानी, दीपक गुप्ता, ललित सुमानी, वैभव गौरव, अभिषेक गुप्ता, अमित शुक्ला, वरुण गुप्ता, सोनू जायसवाल, सुधीर गुप्ता व अजय पांडे मौजूद रहे।
गौरतलब है कि व्यापारियों को निर्देश दिया गया है कि एक जनवरी 2022 से बचे हुए स्टाक पर आप सभी को सात प्रतिशत अधिक टैक्स चुकता करना पड़ेगा, क्योंकि जो माल खरीद कर लाए हैं उस पर पांच प्रतिशत ही टैक्स अदा किया है। ऐसे में आइटीसी का लाभ केवल पांच प्रतिशत ही मिलेगा शेष सात प्रतिशत टैक्स सरकार को अपनी जेब से भरना पड़ेगा।