GST परिषद ने दी छोटे कारोबारियों को बड़ी राहत, अब साल में एक बार भरना होगा रिटर्न

जीएसटी परिषद

आरयू वेब टीम। 

गुड्स एंड सर्विसेज टैक्‍स (जीएसटी) परिषद ने छोटे कारोबारियों को बड़ी राहत देने की घोषणा की है। परिषद की 32वीं बैठक के बाद वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि छोटे कारोबारियों का जीएसटी के अंदर दायरे को बढ़ाया दिया गया है। वहीं सेवा देने वाले कारोबारियों को साल में केवल एक बार ही रिटर्न दाखिल करना होगा।

वित्‍त मंत्री ने बताया कि बैठक में कंपोजिशन स्कीम की सीमा एक करोड़ से बढ़ाकर 1.5 करोड़ कर दी गई है। आसान भाषा में समझें तो अब डेढ़ करोड़ रुपये के टर्नओवर वाले निर्माता को इस स्कीम का फायदा मिलेगा। जीएसटी कंपोजिशन स्‍कीम का लाभ लेने वाली कंपनियों को सिर्फ एक एनुअल रिटर्न दाखिल करना होगा, जबकि टैक्‍स भुगतान हर तिमाही में एक बार कर सकेंगे। नया नियम इस साल एक अप्रैल से लागू होगा।

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जीएसटी काउंसिल ने इसके अलावा जीएसटी के दायरे को बढ़ा दिया है। अभी तक 20 लाख रुपये तक टर्नओवर करने वाले कारोबारी जीएसटी के दायरे में आते थे, लेकिन अब 40 लाख टर्नओवर वाले जीएसटी के दायरे में आएंगे। पूर्वोत्तर समेत छोटे राज्यों में जो लिमिट 10 लाख थी वो लिमिट 20 लाख रुपये कर दी गई है। इस तरह कई छोटे कारोबारी जीएसटी के दायरे से बाहर हो जाएंगे। अब इन छोटे कारोबारियों को जीएसटी रजिस्ट्रेशन का झंझट नहीं रहेगा।

साथ ही काउंसिल की बैठक में केरल को दो साल के लिए राज्य के भीतर बिक्री पर प्रतिशत का उपकर लगाने की अनुमति दी गई है। इसके अलावा जीएसटी काउंसिल में रियल इस्टेट और लॉटरी पर जीएसटी को लेकर मतभेद सामने आने के बाद इसपर विचार करने के लिए मंत्रियों का समूह बनाया गया है।

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बता दें कि इससे पहले बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि उन्होंने जीएसटी काउंसिल से 75 लाख रुपये सालाना तक का कारोबार करने वाले उद्यमों को जीएसटी रजिस्‍ट्रेशन से छूट देने का आग्रह किया है। इसके अलावा मध्यम वर्ग के लिए बनने वाले घरों को जीएसटी के पांच प्रतिशत के दायरे में लाने का आग्रह किया गया है।

पीएम ने कहा कि इस बारे में फैसला करने का अधिकार उनके हाथ में नहीं है, बल्कि जीएसटी काउंसिल के हाथ में है। सभी राज्य सरकारें इस परिषद की सदस्य है। उन सबको मिलकर इस बारे में निर्णय करना है।

बतातें चलें कि जीएसटी काउंसिल की पिछली बैठक 22 दिसंबर को हुई थी। इस बैठक में 26 वस्तुओं व सेवाओं पर टैक्‍स की दर कम कर दी गई थी। उन्होंने उम्मीद जतायी कि आने वाले दिनों में जीएसटी काउंसिल जनता के पक्ष में इस बात का ध्यान रखेगी।

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