आरयू ब्यूरो,
लखनऊ। आलू का सही दाम नहीं मिलने से नाराज चल रहे किसानों का गुस्सा अब बढ़ता हुआ दिखाई दे रहा है। बीती रात से भोर के बीच किसान कई क्विंटल आलू पांच कालीदास स्थित मुख्यमंत्री आवास के साथ ही विधानसभा के सामने फेंक कर चले गए, लेकिन कोहरे के बीच हुई इस घटना की पुलिस-प्रशासन से लेकर एलआईयू तक को भनक तक नहीं लगी। सुबह राजधानी के वीवीआईपी इलाकों की सड़कों पर आलू बिखरा देख हड़कंप मच गया।
अपनी नाकामी छिपाने के लिए पुलिस व प्रशासन के अफसर सड़कों से आलू हटवाने में जुट गए। हालांकि वाहनों के नीचे आने से भारी मात्रा में आलू खराब हो चुके थे। अधिकारियों ने सभी को हटवाकर सड़क साफ करवाया।
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बता दें कि किसानों की मंडी में तीन से चार रुपए प्रति किलों से आलू का दाम मिल रहा है। जबकि किसान प्रदेश सरकार से दस रुपए प्रति किलों के हिसाब से दाम की मांग कर रहे हैं। किसानों का कहना है कि कम दाम मिलने से उनकी लागत भी नहीं निकल पा रही है, ऐसे में उनके सामने भुखमरी की समस्या उत्पन्न हो रही है। मांग पूरी नहीं होने पर किसानों ने अब सड़कों पर आलू फेंककर विरोध जताना शुरू कर दिया है।
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गौरतलब है कि कुछ समय पहले ही किसानों ने विधानसभा के सामने गन्ने की होली जलाकर कुछ इसी तरह का विरोध दर्ज कराया था। किसानों के लगातार इस तरह का दूसरी बार प्रदर्शन करने के चलते पुलिस-प्रशासन में हड़कंप मचा है।
वहीं अब पुलिस सड़कों पर लगे सीसीटीव कैमरों के फुटेज के जरिए आलू लाने वाले वाहनों के साथ ही उसे फेंकने वाले किसानों को चिन्हित कर कार्रवाई की बात कह रही है।
एक दरोगा समेत चार सिपाही निलंबित
वहीं शाम होते-होते इस मामले में एसएसपी दीपक कुमार ने एक दारोगा समेत चार सिपाहियों को निलंबित कर दिया। एसएसपी ने गौतमपल्ली थाने के नाईट इंचार्ज एसआई प्रमोद कुमार के साथ ही थाने के सिपाही अंकुर चौधरी और वेद प्रकाश के अलावा हजरतगंज कोतवाली के कांस्टेबल कोमल सिंह और नवीन कुमार को भी निलंबित कर दिया।
एसएसपी ने कहा सड़े-गले थे आलू
एसएसपी दीपक कुमार ने बताया कि जो आलू फेंके गए थे उनमें से अधिकतर न सिर्फ सड़े-गले थे बल्कि अच्छी क्वॉलिटी वाले भी नहीं थे। साथ ही उन्होंने भारतीय किसान यूनियन के स्थानीय नेताओं से बात करने पर भी किसी ने आलू फेंकने की बात से मना कर दिया। कुल मिलाकर यह समझा जा रह है कि इस मामले में किसी शरारती तत्व का हाथ है।
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