आरयू वेब टीम।
खूंखार आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के लिए काम करने वाले दो आतंकवादियों को जम्मू-कश्मीर की पुलिस ने पकड़ने में सफलता पाई है। पूछताछ में कश्मीर पुलिस को एक आतंकवादी से जो जानकारी मिली उससे उसके होश उड़ गए।
पकड़ा गया आतंकवादी न सिर्फ हिन्दू था, बल्कि उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर का रहने वाला भी था। कहा जा रहा है कि ऐसा पहली बार हुआ है, जब जम्मू कश्मीर में पकड़ा गया कोई आतंकवादी भारत के किसी दूसरे राज्य का निवासी होने के साथ ही हिन्दू भी हो। इस आतंकी की पहचान मुजफ्फरनगर के संदीप कुमार शर्मा के रूप में हुई है। संदीप हाल ही में मारे गए दस लाख के ईनामी लश्कर कमांडर बशीर लश्करी का बेहद खास बताया जा रहा है।
कहा जा रहा है संदीप अपना नाम आदिल बताकर आतंकी गतिविधियों में लिप्त था। कुछ दिन पहले दक्षिण कश्मीर में थाना प्रभारी फिरोज डार समेत आधा दर्जन पुलिसवालों की निर्मम हत्या करने की घटना में भी संदीप शामिल था।
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इस मामले का खुलासा होने के बाद यूपी के आईजी एटीएस असीम अरुण ने बताया कि संदीप शर्मा से पूछताछ के लिए एटीएस की टीम जम्मू-कश्मीर रवाना कर दी गई है। इसके अलावा संदीप के बारे बारीकी से जानकारी जुटाने के लिए भी एटीएस की एक अन्य टीम मुजफ्फरनगर भी भेजी गई है।
आतंकियों के गिरफ्तारी के बाद आज उन्हें मीडिया के सामने पेश करते हुए आईजी कश्मीर मुनीर खान ने बताया कि दक्षिण कश्मीर में आतंकवाद से जुड़े अपराधों समेत सिलसिलेवार सनसनीखेज अपराधों में मुजफ्फरनगर निवासी संदीप कुमार शर्मा उर्फ आदिल और दक्षिण कश्मीर के कुलगाम के निवासी मुनीब शाह को गिरफ्तार किया गया है।
आईजी ने कहा हमने संदीप को उस मुठभेड़ में पकड़ा, जिसमें कुख्यात आतंकी लश्करी को मार गिराया गया था। इससे संदेह पैदा हो गया था। जिस घर में लश्करी शरण लिए हुए था, उसी घर में हम एक बाहरी व्यक्ति को देखकर हैरान थे। इसलिए हमने आगे जांच का निर्णय लिया।’ संदीप की गिरफ्तारी के बाद शाह को जाल बिछाकर पकड़ा गया।
2012 में घाटी पहुंचा था संदीप
उन्होंने आगे कहा कि अभी तक की जांच में सामने आया है कि संदीप वर्ष 2012 में घाटी में आया था और उसने गर्मियों में वेल्डर के तौर पर काम किया था। सर्दियों में वह घाटी से बाहर, खासकर पटियाला चला जाता था। पंजाब में काम करने के दौरान वह कुलगाम निवासी शाहिद अहमद के संपर्क में आया। वह भी पंजाब में काम कर रहा था। इस साल जनवरी में वह घाटी लौटा और दक्षिण कश्मीर में एटीएम एवं अन्य लूट की घटना को अंजाम दिया गया। संदीप, मुनीब शाह, शाहिद अहमद और मुजफ्फर अहमद नामक चार लोग आपराधिक गतिविधियों को अंजाम देने के लिए कुलगाम में किराए के मकान में रहे।
वहीं ये लोग लश्कर के कट्टर आतंकी शकूर अहमद से मिले। उन्होंने कहा, ‘यह इनकी आपराधिक गतिविधियों की शुरूआत थी। आतंकियों ने एटीएम लूटने के लिए संदीप की मदद ली और लूटा गया धन बांट लिया जाता था।’ पुलिस के अनुसार, लश्करी और उनका समूह 16 जून को दक्षिण कश्मीर के अचाबल इलाके में एसएचओ फिरोज अहमद डार और पांच अन्य पुलिसकर्मियों की निर्मम हत्या में संलिप्त थे।
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इसके अलावा तीन जून को निचले मुंडा में सेना के एक काफिले पर घात लगाकर किये गये हमले में भी वह शामिल था जिसमें एक जवान शहीद हो गया था, साथ ही वह अनंतनाग में सेवानिवृत्त न्यायाधीश मुजफ्फर अतर के सुरक्षाकर्मी से हथियार छीनने की घटना में शामिल था। खान ने बताया, ‘इन सभी घटनाओं में संदीप मौजूद था और उसने इनमें हिस्सा भी लिया था।’ संदीप फिलहाल राज्य पुलिस की हिरासत में है और राज्य पुलिस उत्तर प्रदेश में अपने समकक्षों के साथ संपर्क में है। संदीप लूटपाट की वारदातों में माहिर था।
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आईजी ने खुलासा किया, ‘इस साल मार्च में मीर बाजार में लूटपाट की एक घटना को लेकर उसे और उसके सहयोगियों को गिरफ्तार किया गया था और जमानत मिलने तक वह न्यायिक हिरासत में रहा था।’ उन्होंने कहा, ‘जांच जारी है और निकट भविष्य में कई गिरफ्तारियां होनी हैं।’ यह पूछे जाने पर कि क्या यह इस तरह का पहला मामला है, आईजीपी ने कहा, ‘मेरी जानकारी में, हां इस तरह का यह पहला मामला है।’ उन्होंने कहा, ‘आपराधिक तत्व आतंकवादियों के साथ शामिल हो रहे हैं।
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घाटी में आतंकवादी घटनाओं में और अधिक गैर स्थानीय लोगों की संलिप्तता की संभावना के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि पुलिस सभी बाहरी कामगारों का सत्यापन करेगी। उन्होंने कहा, ‘इस परिदृश्य को देखते हुए मुझे जांच करनी होगी और घाटी में विभिन्न स्तर पर काम करने वाले सभी बाहरी लोगों का सत्यापन करना होगा।’ उन्होंने ‘नये परिदृश्य’ को पुलिस के लिये चुनौतीपूर्ण बताया। उन्होंने कहा, ‘निश्चित तौर पर यह एक चुनौती है क्योंकि यह नया परिदृश्य है जिससे आगामी दिनों में हमें निपटना होगा।
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