आरयू ब्यूरो, लखनऊ। हाल ही में लखनऊ विकास प्राधिकरण (एलडीए) द्वारा योगी सरकार की किरकिरी कराने का मामला अभी चल ही रहा था कि यूपी की मंत्री स्वाति सिंह की एक हरकत ने उत्तर प्रदेश सरकार की एक बार फिर किरकिरी करा दी है। स्वाति सिंह द्वारा राजधानी लखनऊ की सीओ कैंट को धमकाने के मामले में शनिवार को विपक्षी दलों ने योगी सरकार पर हमला बोलना शुरू कर दिया है। कांग्रेस ने जहां स्वाति सिंह को मंत्रिमंडल से बर्खास्त करने की मांग करते हुए मुख्यमंत्री से सवाल पूछें हैं। वहीं समाजवादी पार्टी ने भी इस मौके को हाथ से नहीं जाने देते हुए स्वाति सिंह की हरकत को शर्मनाक बताया है।
कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने आज स्वाति सिंह के सीओ कैंट को धमकाने वाले ऑडियो का जिक्र करते हुए पत्रकारों से कहा कि योगी सरकार के कार्यकाल में कई बिल्डर मकान खरीदने वालों की गाढ़ी कमाई डकार गये हैं। लखनऊ, नोएडा व गाजियाबाद में अधिकारियों व सरकार की मिलीभगत से बिल्डर खरीददारों का पैसा तो ले चुके हैं, लेकिन अब ना तो मकान सौंप रहे हैं और न ही उनका पैसा वापस कर रहे हैं। खरीददारों ने कई बार बिल्डरों के खिलाफ प्रदर्शन कर सरकार से गुहार लगाई, लेकिन सरकार के कानों में जूं तक नहीं रेंगती है।
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प्रदेश अध्यक्ष ने आगे कहा कि ऐसे हालात में कांग्रेस योगी सरकार से मांग करती है कि घोटालेबाज अंसल बिल्डर को बचाने वाली मंत्री स्वाति सिंह को तुरंत मंत्रिमंडल से बर्खास्त करे, नहीं तो कांग्रेस स्वाति सिंह के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन करने के लिए बाध्य होगी।
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वहीं कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने सोशल मीडिया के जरिए स्वाति सिंह के धमकाने वाले ऑडियो का जिक्र कर आज सवाल उठाते हुए कहा है कि आदित्यनाथ की गजब सरकार है। साफ है कि मामला मंत्री तक सीमित नहीं है। उन्होंने आरोप लगाते हुए आगे कहा, मुख्यमंत्री अपराधियों का बचाव कर रहें। मंत्री को बर्खास्त कर योगी आदित्यनाथ की भूमिका की जांच होनी चाहिए।
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दूसरी ओर समाजवादी पार्टी ने इस मामले में ट्विट कर स्वाति सिंह के ऑडियो की बात को दोहरात हुए कहा कि ‘मामला हाई प्रोफाइल है मुख्यमंत्री जी के संज्ञान में चल रहा है। आप कौन सी जांच कर लेंगी? बैठिए आकर कभी’ सपा ने आगे कहा कि ये है भ्रष्टाचार को लेकर वो जीरो टॉलरेंस है जिसकी दुहाई मुख्यमंत्री जी देते नहीं थकते? शर्मनाक!
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नीचें पढ़े आखिर मंत्री स्वाति सिंह और सीओ कैंट के बीच क्या हुई बातचीत
मंत्री : ‘हेलो’
सीओ : ‘गुड इवनिंग मैम’
मंत्री : ‘गुड इवनिंग, सीओ साहब आपने अंसल का कोई एफआइआर लिखा है क्या अंसल पे…’
सीओ : ‘हां, एक कनोडिया करके थे। पति-पत्नी का मैटर था। उसमें लिखा गया था।’
मंत्री : ‘क्यों लिखा आपने, आपको पता नहीं है ऊपर से आदेश है कोई एफआइआर अभी नहीं लिखा जाएगा। सारे फेक एफआइआर लिखे जा रहे हैं उसके ऊपर…’
सीओ : ‘नहीं, वो तो जांच करके लिखी गई थी।’
मंत्री : ‘कौन सी जांच हो गई भई, कौन सी जांच हो गई? इतना हाई प्रोफाइल केस है। पूरा जांच चल रहा है। सीएम साहब तक के संज्ञान में ये चीजें हैं। आप कौन सी जांच कर रही हैं? चार दिन आए हुए आपको…’
सीओ : ‘नहीं तो पहले की एप्लीकेशन है न उसके पांच-छह महीने पहले की’
मंत्री : ‘अरे फर्जी है ये सब। खत्म करिए उसको। एक दिन आके बैठ लीजिएगा अगर यहां पर काम करना है तो… ठीक है। मैं गलत काम नहीं बोलती हूं। पता कर लीजिएगा।’
सीओ : ‘ठीक है।’