लखनऊ के रिहायशी इलाके में धड़ल्‍ले से चल रही प्लाई फैक्‍ट्री में लगी भीषण आग, तीन झुलसे

आरयू ब्‍यूरो, लखनऊ। सूबे की राजधानी लखनऊ के रिहायशी इलाके ऐशबाग में बुधवार की दोपहर उस समय हड़कंप मच गया, जब अवैध रूप से चल रही एक प्‍लाईवुड फैक्‍ट्री में आग लग गयी। देखते ही देखते आग की लपटों ने फैक्ट्री में रखी प्लाई को अपनी चपेट में लेते हुए विकराल रूप धारण कर लिया।

घटना के समय फैक्‍ट्री में करीब दो दर्जन मजदूर काम कर रहे थे, समय रहते अधिकतर मजदूर कूदते-फांदते हुए बाहर भाग निकले, जबकि तीन आग की चपेट में आने से झुलस गए। तीनों घायलों को सिविल अस्‍पताल में भर्ती कराया गया है, वहीं एक मजदूर लापता भी बताया जा रहा है।

प्लाई फैक्‍ट्री में आग

आग लगने की सूचना पाकर मौके पर पहुंचीं फायर ब्रिगेड की नौ गाडि़यों ने करीब पांच घंटें की मशक्‍कत के बाद आग पर काबू पाया। तब जाकर लोगों ने राहत की सांस ली। आग से करीब 40 लाख रुपए की क्षति होने का आंकलन किया जा रहा।

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मिली जानकारी के अनुसार मोतीनगर निवासी धर्मवीर गुलाटी की ऐशबाग में पंजाब टिंबर स्‍टोर के नाम से प्‍लाईवुड फैक्‍ट्री है। जहां आज दोपहर लाइट नहीं होने के चलते जनरेटर चलाकर काम किया जा रहा था। दोपहर करीब डेढ़ बजे जनेरेटर रूम के पास से आग की लपटे व धुंआं उठता देख आसपास के लोगों ने शोर मचाना शुरू किया। जिसके बाद अंदर काम कर रहे करीब दो दर्जन मजदूरों में भगदड़ मच गयी। अधिकतर मजदूर तो निकल गए, जब‍कि सीतापुर निवासी वीरेंद्र कुमार, मिथिलेश और सोहरामऊ उन्नाव निवासी मजदूर सोनू अंदर ही फंस गए।

प्लाई फैक्‍ट्री में आग

रोशनदान के सहारे काफी मशक्‍कत के बाद तीनों को बाहर निकाला जा सका। हालांकि तब तक मजदूरों का हाथ व पैर झुलस चुका था। लोगों ने तीनों को सिविल अस्‍पताल में भर्ती कराया है। जहां उनकी हालत खतरे से बाहर बतायी जा रही।

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वहीं अग्निकांड में घायल सोनू के अनुसार घटना के समय फैक्ट्री में उसका भाई करन भी काम कर रहा था, जो लापता है। आग बुझने के बाद पुलिस व फायर बिग्रेड के जवान देर रात तक फैक्‍ट्री में सर्च ऑपरेशन चला रहे थे। लोंगों का अंदेशा था कि प्‍लाई के ढेर के नीचे मजदूर दबा हो सकता है।

दूसरी ओर आज अग्निकांड के दौरान ऐशबाग के लोग सहमें नजर आएं। क्षेत्रिय लोगों का कहना था कि नियमों को दरकिनार कर अवासीय इलाके में फैक्‍ट्री चलाई जा रही थी। इसकी शिकायत भी कई बार लोगों ने जिला प्रशासन, एलडीए व नगर निगम के अधिकारियों से की थी, लेकिन उसके बाद भी अधिकारियों ने कार्रवाई करने की जरूरत नहीं समझी।

सीएफओ लखनऊ ने बताया कि करीब पांच घंटें की मशक्‍कत व दमकल की नौ गाड़ियों की सहायता से आग पर काबू पाया जा सका है। प्रथम दृष्‍टतया लगा रहा है कि आग लगने की वजह शॉर्टसर्किट होगी। हालांकि अन्‍य बिन्‍दुओं पर भी जांच की जा रही है। इसके अलावा फैक्‍ट्री मालिक ने फायर विभाग से एनओसी नहीं ली थी। आवासीय क्षेत्र में फैक्‍ट्री कैसे चल रही थी इस बारे में भी पड़ताल की जा रही है।

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