लखनऊ पुलिस ने BMW-फॉच्‍यूर्नर समेत बरामद की 62 कारें, वाहन चोर गैंग के सात सदस्‍य गिरफ्तार, महीने भर में 112 कार की बरामदगी कर बनाया देश में रिकॉर्ड

कार बरामदगी का रिकॉर्ड
पुलिस लाइन में बरामद कारें।

आरयू ब्‍यूरो, लखनऊ। राजधानी लखनऊ की कमिश्‍नरेट पुलिस के लिए मंगलवार का दिन काफी खास रहा। आज चिनहट व पुलिस उपायुक्‍त पूर्वी की संयुक्‍त टीम ने अंतरराष्‍ट्रीय वाहन चोरों के गैंग के सात सदस्‍यों को गिरफ्तार करने के साथ ही बीएमडब्‍ल्‍यू व फॉच्‍यूर्नर समेत 62 लग्‍जरी कारें बरामद करने में सफलता पायी है।

महीने भर में यह दूसरा मौका है, जब लखनऊ पुलिस ने चार पहिया वाहनों की इतनी बड़ी संख्‍या में रिकवरी की है। इससे पहले पुलिस की टीम ने 22 जून को आज पकड़े गए गैंग के ही पांच अन्‍य सदस्‍यों को गिरफ्तार करते हुए चोरी की 50 लग्‍जरी कारें बरामद कर सबको चौंका दिया था।

साथ ही महीने भर के अंदर एक ही गैंग से कुल 112 कारें बरामद कर लखनऊ पुलिस ने देश में रिकॉर्ड कायम कर दिया है। इससे पहले यह रिकॉर्ड मुंबई पुलिस के नाम था, उसने चोरी करने वाले गैंग से 104 वाहन बरामद किए थे।

आज इस संबंध में पुलिस लाइन में आयोजित प्रेसवार्ता में जानकारी देते हुए पुलिस उपायुक्‍त पूर्वी सोमेन बर्मा ने मीडिया को बताया कि जून में पकड़े गए वाहन चोर गैंग के फरार सदस्‍यों की तलाश में पुलिस की टीमें लगातार काम कर रही थी। आज कमता तिराहे पर वाहन चेकिंग के दौरान चिनहट पुलिस ने कानपुर के नजीराबाद निवासी सतपाल सिंह व फजलगंज निवासी मनोज कुमार को चोरी की एक कार के साथ धर दबोचा। कानपुर निवासी दोनों अभियुक्‍त पूर्व में पकड़े गए गैंग के सदस्‍य हैं।

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कड़ाई से पूछताछ के बाद दोनों की निशानदेही पर पुलिस ने गैंग से ही जुड़े एनुलहक, विकास जायसवाल, इसरार, जियालहक व विनोद शर्मा ऊर्फ विनोद डेंटर को भी कल्‍ली पश्चिम से गिरफ्तार कर लिया। गिरफ्तारी के समय पांचों फॉच्‍युर्नर से कही चोरी की कार डीलिंग के लिए जा रहे थे। इनकी निशानदेही पर पुलिस की टीम ने कुल 61 अन्‍य लग्‍जरी कारें विभिन्‍न स्‍थानों से बरामद की है।

उप पुलिस आयुक्‍त पूर्वी अमित कुमार ने बताया कि पकड़े गए गैंग के तार यूपी, बिहार व देश के अन्‍य राज्‍यों के अलावा नेपाल से भी जुड़ें हैं। यह चोरी की कारों पर दुर्घटनाग्रस्‍त कारों का नंबर व चेसिस नंबर कूट रचित ढंग से डालकर बेचते थे।

पुलिस के अनुसार पकड़े गए गैंग के सदस्‍यों के काम-

कानपुर के फजलगंज निवासी सतपाल सिंह पिछले दो दशकों से वाहनों की खरीद बेच कर रहा था। सतपाल कार वाहन चोर गैंग से कार खरीदने के बाद उसे ओएलएक्‍स व कार डीलरों के माध्‍यम से ग्राहकों को बेचता था।

कानपुर के फजलगंज निवासी मनोज कुमार, विकास जायसवाल व चमनगंज निवासी एनुलहक व जियाउलहक की अलग-अलग जगाहों पर आटो पार्टस की कानपुर में दुकान है। इसकी आड़ में चारों ओएलक्‍स, कार डीलरों व अपने साथियों व परिचितों की सहायता से चोरी की कारों को बेचते थे।

वहीं पकड़ा गया इसरार कार मिस्‍त्री है। यह कार रिपेयरिंग के साथ ही ग्राहकों से बातचीत कर चोरी की कारों को बिकवाता था।

इसके अलावा पकड़ा गया कार चोर गैंग का सातवां सदस्‍य विनोद शर्मा ऊर्फ विनोद डेंटर है। यह चोरी की कार बेचने व खरीदवाने में अहम भूमिका निभाता था। पुलिस के अनुसार विनोद आगरा की लेडी डॉन टीम का सक्रिय सदस्‍य भी है।

एक महीने में बरामद की 11 करोड़ की कारें

पुलिस के अनुसार आज बरामद की गयी 62 कारों की कीमत करीब छह करोड़ रुपये है। वहीं इससे पहले गैंग से 50 चोरी की कारें बरामद की गयी थी, जिनकी कीमत लगभग पांच करोड़ थी।

कार बरामदगी का रिकॉर्ड

ऐसे काम कर रहा था वाहन चारों का हाइटेक गैंग-

चोरी के वाहनों को नंबर एक का बनाने के लिए गैंग ऐसे दुर्घटनाग्रस्त लग्जरी वाहनों का ब्योरा इंश्योरेंस कंपनी से जुटाता था, जिनको टोटल लॉस पर वाहन स्वामी को भुगतान करने के बाद कबाड़ी को बेच दी गयी हो। फिर गैंग के सदस्‍य उसी रंग और मॉडल के वाहन को निशाना बनाकर चोरी कर लेते थे और उन पर चेसिस और इंजन नंबर दुर्घटनार्ग्रस्‍त वाहन का लिखवा देते थे।

पूर्व में पकड़ा गया श्यामजी जयसवाल अपनी पन्नालाल एंड संस कंपनी की आड़ में खेल करता था। उसकी कानपुर के फजलगंज में कबाड़ की दुकान है। यह टोटल लॉस पर दुर्घटनाग्रस्त वाहन पेपर के साथ खरीद लेता था। कार से कुछ सामान निकालकर सस्ते में बेच देता था और गाड़ी का ब्योरा गिरोह को देता था। वहीं अन्‍य सदस्‍य कार एक्सचेंज शोरूम, गैराज व अन्‍य बहाने से ओएलएक्स के अलावा परिचितों व ग्राहकों के माध्‍यम से चोरी के वाहनों को बेच देते थे।

गिरफ्तारी व बरामदगी में पुलिस के इन अफसर व कर्मियों ने निभाई महत्‍वपूर्ण भूमिका-

देश के सबसे बड़े वाहन चोरी के गैंग के खुलासे में लखनऊ पुलिस कमिश्‍नर सुजीत कुमार पांडेय की टीम के पुलिस उपायुक्‍त पूर्वी सोमेन बर्मा, उप पुलिस आयुक्‍त अमित कुमार के अलावा एसीपी विभूति खंड स्‍वतंत्र कुमार सिंह, इंस्‍पेक्‍टर चिनहट क्षितिज त्रिपाठी, इंस्‍पेक्‍टर मोहम्‍मद अशरफ, एसआइ सुरेश कुमार पांडेय, मनीष कुमार वर्मा, प्रमोद कुमार सिंह, हजरत अली, डीसीपी ईस्‍ट के सर्विलांस टीम में तैनात एसआइ रजनीश वर्मा, हेड कांस्‍टेबल नरेंद्र बहादुर सिंह व देवकीनंदन समेत अन्‍य पुलिस कर्मी शामिल रहें।

टीम की सफलता से उत्‍साहित पुलिस कमिश्‍नर लखनऊ सुजीत कुमार पांडेय ने पुलिस उपायुक्‍त पूर्वी व उनकी टीम का 50 हजार का नकद ईनाम दिए जाने के साथ ही डीजीपी पदक के लिए रिकमेंड करने की बात भी कही है।

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