आरयू ब्यूरो,लखनऊ। डेंगू व अन्य जांचों की अधिक शुल्क लेने की शिकायतों को देखते हुए अभिषेक प्रकाश ने सभी जिला प्रयोगशालाओं के कर्मचारियों के साथ सोमवार को बैठक की। बैठक में जिला सुरक्षा न्यायाधीश ने कहा कि डेंगू बुखार भी महामारी में है और जिला प्रशासन इसकी रोकथाम के लिए हर संभव प्रयास कर रहा।
जिलाधिकारी ने कहा कि डेंगू बुखार से बचाव के लिए कोविड लाइन पर विशेष व्यवस्था की गई है। यह पहल लैब्स द्वारा वसूले जा रहे अधिक मूल्य से संबंधित शिकायतों पर की है। जिला मजिस्ट्रेट ने कहा कि, ‘हम डेंगू से लड़ रहे हैं, ठीक उसी तरह जैसे हमने पहली और दूसरी लहर के दौरान कोविड के खिलाफ लड़ाई लड़ी थी। डेंगू की जांच में अधिक कीमत बर्दाश्त नहीं की जाएगी। देर से, हमें अधिक मूल्य निर्धारण की कई शिकायतें मिली हैं, इसलिए यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि कोई प्रयोगशाला निर्धारित राशि से अधिक शुल्क न ले।
तय की गयीं फीस
प्रशासन की मूल्य सूची के अनुसार, एनएस1 कार्ड टेस्ट करने के लिए एक हजार से अधिक शुल्क नहीं लिया जाना चाहिए।
आइजीएम एलिसा टेस्ट के लिए अधिकतम 750 का शुल्क लिया जाएगा अगर टेस्ट लैब में किया जाता है और यदि टेस्ट रोगी के आवास पर किया जाता है, तो 800 का शुल्क लिया जाएगा।
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आइजीएम कार्ड टेस्ट की कीमत 600 होगी। प्रशासन ने प्लेटलेट काउंट टेस्ट के लिए 250 अगर लैब में किया जाता है और 350 अगर रोगी के आवास पर किया जाता है, के लिए भी शुल्क निर्धारित किया है। मूल्य सूची में यह भी कहा गया है कि एक यूनिट प्लेटलेट आरडीपी की कीमत 400 से अधिक नहीं होगी।
वहीं डेंगू के बढ़ते मामलों पर नजर रखने के लिए प्रशासन ने शहर को 24 सेक्टर टीमों में बांट दिया है। उन्होंने स्वास्थ्य विभाग को यह सुनिश्चित करने का भी निर्देश दिया कि कोई घबराहट की स्थिति पैदा न हो और अधिक कीमत लेकर जांच ना की जाए।