महिला आयोग की अध्‍यक्ष ने राष्‍ट्रपति को पत्र लिखकर कहा, कंगना को पुरस्‍कार नहीं इलाज की जरुरत, वापस लें पद्मश्री

वापस लें पद्मश्री

आरयू वेब टीम। आजादी को लेकर दिए गए कंगना के शर्मनाक बयान को लेकर शुरू हुआ विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा। अब दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल ने इसे लेकर राष्ट्रपति को पत्र लिख कंगना रनौत को दिए गए पद्मश्री पुरस्कार को वापस लेने की मांग की है। स्वाति ने कहा है कि कंगना रनौत ने शहीदों का अपमान किया है, इसीलिए उनसे पद्मश्री पुरस्कार वापस लिया जाए। साथ ही उन्होंने कहा कि कंगना को पुरस्कार की नहीं इलाज की जरूरत है।

स्वाति मालीवाल ने राष्ट्रपति को लिखे पत्र की एक कॉपी ट्वीटर पर शेयर की है। इसके साथ ही उन्होंने ट्वीट कर कहा, “कंगना रनौत ऐसी महिला है, जिसे गांधी, भगत सिंह की शहादत मजाक लगती है और लाखों लोगों की त्याग, तपस्या से हासिल आजादी भीख लगती है। इसको पुरस्कार की नहीं इलाज की जरूरत है। मैंने राष्ट्रपति को पत्र लिखा है कि तुरंत रनौत का पद्मश्री वापिस लेकर उस पर राष्ट्रद्रोह के तहत मुकदमा दर्ज होना चाहिए।

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बता दें कि अभिनेत्री कंगना रनौत ने हाल ही में आयोजित एक कार्यक्रम में कहा था कि ‘भारत को 1947 में आजादी नहीं, बल्कि भीख मिली थी। भारत को 2014 में आजादी मिली थी। कंगना के इसी शर्मनाक बयान पर काफी बवाल मचा है। सोशल मीडिया से लेकर सड़क तक पर इस बयान को लेकर लोग कंगना के खिलाफ विरोध जता रहें हैं, वहीं उसे पद्मश्री पुरुस्‍कार देने वालों की मंशा पर भी सवाल उठाते हुए पुरुस्‍कार को वापस लेने की मांग कर रहे हैं। लोगों ने कंगना के घर के सामने प्रदर्शन भी किए हैं, हालांकि, कंगना यहीं नहीं रुकीं, इसके बाद उन्होंने इंस्टाग्राम स्टोरीज में एक लंबी पोस्ट लिखी।

कंगना ने लिखा, ‘1857 स्वतंत्रता के लिए पहली सामूहिक लड़ाई थी और सुभाष चंद्र बोस, रानी लक्ष्मीबाई तथा वीर सावरकर जी जैसे महान लोगों ने बलिदान दिया।’ उन्होंने आगे लिखा, ‘1857 मुझे पता है, लेकिन 1947 में कौन सा युद्ध हुआ था, मुझे नहीं पता, अगर कोई मुझे बता सकता है तो मैं अपना पद्मश्री लौटा दूंगी और माफी भी मांग लूंगी।’

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